महिला नेतृत्व और सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं विषय पर विशेषज्ञों का हुआ व्याख्यान
महिलाओं के स्वास्थ्य में नेचुरोपैथी की भूमिका, सर्वाइकल व ब्रेस्ट कैंसर एवं मासिक धर्म स्वास्थ्य पर दी जानकारी
वैदिक काल से ही महिलाओं में रही है नेतृत्व क्षमता
परिवार एवं समाज की जिम्मेदारी के साथ अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखें महिलाएं
मेरठ। स्वामी विवेकानंद सुभारती विवि के महिला सशक्तिकरण प्रकोष्ठ व आंतरिक शिकायत प्रकोष्ठ द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर मनाए जा रहे साप्ताहिक कार्यक्रम श्रृंखला के अंतर्गत महिला नेतृत्व और सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं विषय पर विशेषज्ञों का व्याख्यान हुआ। विश्वविद्यालय में कार्यरत महिलाओं को उत्कृष्ट कार्य करने हेतु सम्मानित भी किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ कुलपति मेजर जनरल डॉ.जी.के.थपलियाल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ.शल्या राज, महिला सशक्तिकरण प्रकोष्ठ की अध्यक्ष डॉ.अंजलि खरे, आंतरिक शिकायत प्रकोष्ठ की अध्यक्ष डॉ.रीना विश्नोई ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।महिला सशक्तिकरण प्रकोष्ठ की अध्यक्ष डॉ.अंजलि खरे ने स्वागत भाषण प्रस्तुत कर कार्यक्रम के उद्देश्य से सभी को अवगत कराया।परिवार एवं समाज की जिम्मेदारी के साथ अपने स्वास्थ्य का भी महिलाओं को ध्यान रखना चाहिए। प्रतिदिन होने वाले कमर दर्द, सर दर्द एवं तनाव को नज़र अंदाज़ नही करना चाहिए। पौष्टिक आहार व व्यायाम को दिनचर्या में शामिल करने से महिलाएं हर जिम्मेदारी सशक्त होकर निभा सकती है।
उक्त बातें महर्षि अरबिन्दों सुभारती कॉलिज एण्ड हॉस्पिटल ऑफ नैचुरोपैथी एण्ड योगिक साइंसेज की क्लीनिकल नेचुरोपैथी डॉक्टर अर्चना अनिल कुमार ने कहीं। उन्होंने महिलाओं के स्वस्थ में नेचुरोपैथी की भूिमका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नैचुरोपैथ एक विशिष्ट प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा पेशा है, जो पारंपरिक उपचार ज्ञान को वर्तमान वैज्ञानिक ज्ञान के साथ जोड़ता है। नैचुरोपैथिक चिकित्सा महिलाओं हेतु शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य में प्रभावी है। महिलाओं को होने वाले हृदय रोग, शुगर, तनाव, मूत्र संबंधी रोग, थायराइड व यौन संचारित संक्रमण आदि में नेचुरोपैथी चिकित्सा रोग मुक्त करने में प्रभावशाली है। महिलाओं को चाहिए कि वह अपनी दिनचर्या में योग अभ्यास, मालिश, एक्यूपंक्चर व अरोमाथेरेपी से हर प्रकार के रोग से निजात पा सकती है।सुभारती मेडिकल कॉलेज की प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. रेखा गुप्ता ने ब्रेस्ट कैंसर व सर्वाइकल कैंसर के प्रति जागरूक किया। उन्होंने कहा कि भारत में 28 में से एक महिला को ब्रेस्ट कैंसर का खतरा है। हर 18 मिनट में स्तन कैंसर से मौत हो रही है। फिजिकल एक्टिविटी न करना, वजन बढ़ना, प्रदूषण, टाइट फिटिंग ब्रा पहनना, हार्मोन में बदलाव, देर से बच्चे पैदा करना, बच्चों को दूध न पिलाना आदि कैंसर होने के प्रमुख कारण है। 40 की उम्र के बाद महिलाओं को मैमोग्राम टेस्ट कराना चाहिए। सुबह जल्दी उठना व रात में जल्दी सोना तथा तनाव से दूर रहकर और पौष्टिक आहार ग्रहण करने से उत्तम स्वास्थ्य प्राप्त किया जा सकता है।
सुभारती मेडिकल कॉलेज की प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ.स्वाति शुक्ला ने मासिक धर्म स्वच्छता पर जागरूकता दी। उन्होंने बताया कि महिलाओं को अपने मासिक धर्म को प्रबंधित करने के लिए सुरक्षित, किफ़ायती और प्रभावी उत्पादों को प्रयोग करना चाहिए। इसमें सैनिटरी पैड, टैम्पोन, मासिक धर्म कप और दोबारा इस्तेमाल किए जा सकने वाले कपड़े के पैड शामिल हैं। कृत्रिम सफाई उत्पादों से बचना चाहिए और योनि के उचित स्वास्थ्य और संक्रमण के जोखिम से बचने के लिए अपने नैपकिन को नियमित रूप से हर 4-6 घंटे में बदलकर पानी से ठीक प्रकार साफ करना चाहिए।
कार्यक्रम में महिला नेतृत्व के रूप में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया। जिनमें नर्सिंग कॉलेज की डीन डॉ.गीता परवंदा, फिजियोथैरेपी की डीन डॉ.जैस्मिन आनन्दाबाई, क्रय विभाग की निदेशक लवली माहेश्वरी, स्वामी विवेकानन्द शोध पीठ की अध्यक्ष डॉ.मोनिका मेहरोत्रा, साइंस कॉलेज की कार्यवाहक डीन डॉ.रेनू मावी, लिंग संवेदीकरण प्रकोष्ठ की प्रभारी डॉ.सारिका अभय, मैनेजमेंट कॉलेज से डॉ.निशा सिंह, होम साइंस विभागाध्यक्ष डॉ.निष्मा सिंह, भाषा विभागाध्यक्ष डॉ.सीमा शर्मा, परफार्मिंग आर्टस विभागाध्यक्ष डॉ.भावना ग्रोवर, वित्त अधिकारी स्वाति, महिला सुरक्षाकर्मी पूजा चौधरी, महिला सुरक्षा अधिकारी भावना व महिला सुरक्षा अधिकारी मेग्डीलेन, आंतरिक शिकायत प्रकोष्ठ की अध्यक्ष डॉ.रीना विश्नोई, महिला सशक्तिकरण प्रकोष्ठ की अध्यक्ष डॉ.अंजलि खरे को अवार्ड देकर सम्मानित किया गया। मंच का संचालन डॉ.अर्निका ने किया। अवार्ड समारोह का संचालन डॉ अंशुल सक्सेना ने किया।धन्यवाद ज्ञापन आंतरिक शिकायत प्रकोष्ठ की अध्यक्ष डॉ. रीना विश्नोई ने दिया।इस अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस साप्ताहिक कार्यक्रम श्रृंखला के प्रभारी डॉ.वैभव गोयल भारतीय सहित विश्वविद्यालय के सभी संकाय व विभाग की महिला पदाधिकारी, शिक्षिकाएं आदि उपस्थित रही।
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