इंडस्ट्री 6.0: ट्रांसफॉर्मिंग द ग्लोब फॉर सस्टेनेबल फ्यूचर

अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का समापन, तकनीकी संवादों और नवाचारों पर बल

मेरठ। चौधरी चरण सिंह विवि के सर छोटू राम इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी संस्थान द्वारा "इंडस्ट्री 6.0: ट्रांसफॉर्मिंग द ग्लोब फॉर सस्टेनेबल फ्यूचर" विषय पर आयोजित प्रथम अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शुक्रवार को  विधिवत समापन हुआ। यह सम्मेलन कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ, जिसमें देश-विदेश के शिक्षाविदों, शोधार्थियों और उद्योग विशेषज्ञों ने ऑनलाइन एवं ऑफलाइन मोड में सहभागिता की। सम्मेलन में तकनीकी संवादों ओर नवाचारों पर बल दिया गया 

मुख्य अतिथि  सूर्य प्रकाश टोंक (उद्योगपति एवं समाजसेवी) ने अपने संबोधन में तकनीकी संवादों के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि किसी भी राष्ट्र के विकास में इस प्रकार के सम्मेलनों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि तकनीक का उपयोग समाज की बेहतरी और सतत विकास के लिए किया जाना चाहिए।

विशिष्ट अतिथि अर्थशास्त्री प्रोफेसर दिनेश कुमार ने सस्टेनेबल डेवलपमेंट की अवधारणा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भविष्य की पीढ़ियों की कीमत पर वर्तमान का विकास नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सतत विकास का अर्थ यह है कि वर्तमान पीढ़ी वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति का लाभ उठाए, लेकिन आने वाली पीढ़ियों को किसी भी प्रकार की हानि न हो।

विशेष अतिथि डॉ. पंकज जैन (अध्यक्ष, लघु उद्योग भारती, मेरठ) एवं श्री दिनेश महाजन, उद्योगपति ने पर्यावरण संरक्षण के साथ तकनीकी नवाचारों को अपनाकर उद्योगों को आगे बढ़ाने पर बल दिया। 

इस अवसर पर विभिन्न शोधार्थियों और विशेषज्ञों द्वारा इंडस्ट्री 6.0 के विविध पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की गई। सम्मेलन में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित उद्योग विशेषज्ञों ने नवीनतम तकनीकों, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), मशीन लर्निंग, ऑटोमेशन, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) और सतत विकास से जुड़ी शोध प्रस्तुतियां दीं।

सम्मेलन में संस्थान के निदेशक प्रोफेसर नीरज सिंघल ने कहा कि तकनीकी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए व्यावहारिक ज्ञान और शोध को बढ़ावा देना आवश्यक है। इस दिशा में संस्थान विभिन्न उद्योगों और अनुसंधान संगठनों के साथ सहयोग कर रहा है, जिससे छात्रों को रियल-टाइम प्रोजेक्ट्स और स्टार्टअप इनक्यूबेशन के अवसर मिल सकें।

इस कार्यक्रम में मुख्य स्पीकर के रूप में मिस भवाना बिदानी (ग्लोबल स्पेसिफिकेशन इंजीनियर, Eaton Electric Limited, GEIS, UK) और प्रो. दिलीप कुमार शर्मा (GLA यूनिवर्सिटी, मथुरा) ने महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत किए।मिस भवाना बिदानी ने कहा, "इंजीनियरिंग और तकनीक के क्षेत्र में वैश्विक अवसरों को पहचानना और अपनी क्षमताओं का विकास करना आज की आवश्यकता है। 

वहीं, प्रो. दिलीप कुमार शर्मा ने कहा, "तकनीकी शिक्षा और शोध का सही उपयोग समाज की प्रगति में अहम भूमिका निभाता है। डिजिटल परिवर्तन और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के युग में विद्यार्थियों को उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप कौशल विकसित करना चाहिए।"विश्वविद्यालय के प्रो शिवराज पुंडीर ,प्रो जितेंद्र कुमार ,डॉभट्ट , डॉ धर्मेंद्र प्रताप,डॉ निधि भाटिया इत्यादि ने विभिन्न सेशन चेयर किए ।

समापन सत्र के दौरान छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी गईं, जिसमें टीम सन्नी ने 'रक्तबीज एवं माँ काली' की कथा पर आधारित एक विशेष नृत्य नाटक प्रमुख आकर्षण रहा।इसके अतिरिक्त डॉ. शोभित सक्सेना, डॉ. शिवम गोयल, डॉ. अर्पित छाबड़ा, डॉ. गौरव त्यागी, डॉ. विजय राम, निधि भाटिया, डॉ. दिव्या शर्मा, डॉ. वंदना राणा, डॉ. पंकज कुमार, प्रवीण कुमार, मिलिंद,  डॉ मोनिका ,सहित अनेक शिक्षाविद् व शोधार्थी उपस्थित रहे।मुख्य रूप से इंजीनियर मनीष मिश्रा ने भी अतिथि के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।सम्मेलन के अंत में शोधार्थियों और प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए, जिससे उनका उत्साहवर्धन हुआ। समापन भाषण में संस्थान के निदेशक प्रोफेसर नीरज सिंगला ने सभी अतिथियों, शोधकर्ताओं और छात्रों को इस आयोजन को सफल बनाने के लिए धन्यवाद दिया।

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