विवि में सेंसस डाटा वर्कस्टेशन की स्थापना हेतु एमओयू पर हस्ताक्षर एवं उद्घाटन समारोह संपन्न
मेरठ। उत्तर प्रदेश के अग्रणी विश्वविद्यालयों में शोध एवं डाटा विश्लेषण को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए आज सेंसस डाटा वर्कस्टेशन की स्थापना हेतु एक महत्वपूर्ण सहमतिपत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। यह पहल उत्तर प्रदेश के माननीय कुलाधिपति एवं राज्यपाल के निर्देशानुसार की गई है, जिसमें उन्होंने विश्वविद्यालयों को सेंसस डाटा वर्कस्टेशन स्थापित करने के निर्देश दिए थे। इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु गृह मंत्रालय, भारत सरकार के प्रतिनिधिमंडल ने आज विश्वविद्यालय का दौरा किया और कुलपति कार्यालय में औपचारिक रूप से एमओयू पर हस्ताक्षर किए।
इस प्रतिनिधिमंडल में संयुक्त निदेशक सालिनी, सहायक निदेशक डॉ. एस. एस. शर्मा एवं श्री राजेश कुमार शामिल रहे, जिन्होंने विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर सेंसस डाटा वर्कस्टेशन की स्थापना की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया।
जनगणना आंकड़ों का बहुउपयोगी महत्व
जनगणना के आंकड़े समाज और राष्ट्र के समग्र विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। इन आंकड़ों का उपयोग विभिन्न विकासपरक नीतियों के निर्माण, उनके अनुश्रवण (मॉनिटरिंग) और योजनाओं के प्रभावी मूल्यांकन में किया जाता है। सेंसस डाटा वर्कस्टेशन की स्थापना का उद्देश्य शोधकर्ताओं, शिक्षकों एवं छात्रों को इन सूक्ष्म स्तर के आंकड़ों तक सरल और सुगम पहुंच प्रदान करना है, जिससे समाज एवं शासन से संबंधित अनुसंधान को बढ़ावा मिल सके।
एमओयू हस्ताक्षर एवं वर्कस्टेशन उद्घाटन
एमओयू पर हस्ताक्षर के पश्चात केंद्रीय पुस्तकालय में सेंसस डाटा वर्कस्टेशन का उद्घाटन कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला और गृह मंत्रालय, भारत सरकार के प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के द्वारा किया गया। इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने विश्वविद्यालय के पुस्तकालय का निरीक्षण किया और उसकी उत्कृष्ट व्यवस्था एवं पुस्तक संग्रह की भूरी-भूरी प्रशंसा की। विशेष रूप से प्रोफेसर जमाल अहमद सिद्दीकी की दूरदर्शिता एवं प्रयासों की सराहना की गई। टीम ने कहा कि प्रदेश के समस्त केंद्रीय एवं राज्य विश्वविद्यालयों में ऐसा सुव्यवस्थित एवं आधुनिक सुविधाओं से युक्त पुस्तकालय कहीं और नहीं देखा गया।
कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला, प्रति-कुलपति प्रो. मृदुल गुप्ता, कुलसचिवधीरेन्द्र कुमार, शोध निदेशक प्रो. वीरपाल सिंह, प्रोफेसर संजीव कुमार शर्मा, प्रोफेसर शैलेन्द्र शर्मा, प्रोफेसर भूपेंद्र सिंह, संदीप अग्रवाल, मितेन्द्र गुप्ता, इसके अतिरिक्त, विश्वविद्यालय पुस्तकालय के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी भी इस अवसर पर उपस्थित रहे। इस वर्कस्टेशन की स्थापना से विश्वविद्यालय के शोधार्थियों, विद्यार्थियों एवं संकाय सदस्यों को जनगणना के विस्तृत एवं सूक्ष्म आंकड़ों का अध्ययन करने का अवसर प्राप्त होगा। इससे अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, राजनीति विज्ञान, जनसंख्या अध्ययन, शहरी विकास एवं प्रशासन जैसे विभिन्न विषयों में शोध को एक नई दिशा मिलेगी। इस पहल से विश्वविद्यालय के शोध-अध्ययन की गुणवत्ता में अभूतपूर्व वृद्धि होगी और विद्यार्थी व्यावहारिक डेटा के आधार पर अधिक प्रभावी अनुसंधान कर सकेंगे।
इस अवसर पर कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने कहा कि सेंसस डाटा वर्कस्टेशन की स्थापना विश्वविद्यालय के अनुसंधान और अकादमिक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह वर्कस्टेशन शोधार्थियों को प्रमाणिक आंकड़ों तक सीधी पहुंच प्रदान करेगा और नीति निर्माण में योगदान देने वाले अनुसंधानों को प्रोत्साहित करेगा। मैं गृह मंत्रालय, भारत सरकार और विश्वविद्यालय के सभी अधिकारियों, शिक्षकों एवं कर्मचारियों को इस पहल में उनके सहयोग के लिए धन्यवाद देती हूँ। सेंसस डाटा वर्कस्टेशन की स्थापना विश्वविद्यालय के शोध क्षेत्र को एक नई ऊँचाई पर ले जाने में सहायक सिद्ध होगी। यह शोधार्थियों को न केवल वास्तविक आंकड़ों पर आधारित अनुसंधान करने में सक्षम बनाएगा, बल्कि राज्य एवं केंद्र सरकार की नीतियों को साक्ष्य आधारित जानकारी प्रदान करने में भी योगदान देगा। यह ऐतिहासिक पहल विश्वविद्यालय को अनुसंधान एवं नवाचार के क्षेत्र में एक नई पहचान दिलाएगी और आने वाले वर्षों में छात्रों एवं शिक्षकों को उच्च गुणवत्ता का शोध करने में सहायता प्रदान करेगी।
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