नाक ,कान व गले में हो परेशानी तो न करे लापरवाही- डा आरसी गुप्ता  

विश्व श्रवण दिवस के अवसर पर  मेडिकल में चला जागरूकता अभियान 

 मेरठ। सोमवार को मेडिकल कॉलेज में  विश्व श्रवण  दिवस के अवसर पर जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा प्रतिवर्ष 3 मार्च को विश्व श्रवण  दिवस मनाया जाता है। जागरूकता अभियान के तहत एक पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। जिसमें एमबीबीएस के छात्र छात्राओं ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। 

इस अवसर पर लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कॉलेज के नाक,कान,गला रोग विभाग द्वारा एक विशेष स्वास्थ्य जांच संबंधी शिविर एवं जागरूकता अभियान आयोजित किया गया। जिसमें विभिन्न विशेषज्ञ चिकित्सकों एवं छात्र-छात्राओं के साथ समाज के प्रबुद्ध जनों ने प्रतिभाग किया। इस दिवस का उद्देश्य लोगों को सुनने की क्षमता और उससे जुड़ी समस्याओं के प्रति जागरूक करना है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विश्व भर में लगभग डेढ़ अरब लोग किसी न किसी प्रकार की श्रवण नानी से प्रभावित हैं, समय पर उपचार और रोकथाम के उपाय से इस समस्या को कम किया जा सकता है। इस वर्ष, विश्व श्रवण दिवस की थीम “जो सुनने और संचार से जुड़ी समस्याओं की रोकथाम और समाधान “ पर केंद्रित है।इस अवसर पर एक विशेष जागरूकता अभियान आयोजित किया गया। जिसमें विशेषज्ञों ने कानों की देखभाल, सुनने की क्षमता को बनाए रखने, और समय पर इलाज की आवश्यकता पर जोर दिया। मेडिकल कॉलेज मेरठ के नाक कान गला रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ विनीत कुमार शर्मा ने ने कहा, "सुनने की क्षमता हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और हमें इसे सुरक्षित रखने के लिए समय-समय पर जांच करवानी चाहिए।"इस कार्यक्रम के दौरान मुफ्त श्रवण जांच शिविर, विशेषज्ञ परामर्श, और सुनने की क्षमता को सुरक्षित रखने के उपायों पर कार्यशालाएं आयोजित की गईं। नाक कान गला रोग विभाग की सहायक आचार्य डॉ दीप्ति सिंह ने लोगों को ध्वनि प्रदूषण के प्रभाव और हियरिंग एड जैसी आधुनिक तकनीकों के उपयोग की जानकारी भी दी गई। कान के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक जांच व नवजात बच्चों में सुनने की क्षमता की जांच की मशीन भी वर्तमान में नाक कान गला रोग विभाग लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध है।जिसमे सभी मरीजों का न्यूनतम दरों पर जांच की जाती है और बड़ी हानि होने से पहले सही समय पर उसका निदान कर उपचार किया जाता है। उपरोक्त कार्यक्रम में एमबीबीएस के छात्र-छात्राओं ने  मंच पर नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों को श्रवण क्षमता के प्रति जागरूक होने का संदेश दिया। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं के बीच एक प्रश्न प्रतियोगिता, पोस्टर प्रतियोगिता  व आदर्श वाक्य प्रतियोगिता सत्र का भी आयोजन किया गया। विश्व श्रवण दिवस पर इस जागरूकता अभियान में लोगों को श्रवण नानी से बचाव के महत्व को समझने में मदद की इस बात पर जोर दिया गया। यदि समय पर सही कदम उठाए जाएं तो सुनने की क्षमता को लंबे समय तक स्वस्थ रखा जा सकता है।नाक कान गला रोग विभाग ने सभी से अनुरोध किया कि अपने सुनने की क्षमता का ध्यान रखें और नियमित रूप से श्रवण परीक्षण करवाएं। सही जानकारी और जागरूकता ही सुनने की शक्ति को बनाए रखने का सबसे बड़ा साधन है। इस आयोजन का मुख्य संदेश अत्यधिक शोर कान की सफाई में लापरवाही संक्रमण और उम्र बढ़ाने के कारण शब्द क्षमता के प्रभावित होना रहा। सभी लोगों को यह सलाह दी गयी है कि मोबाइल फोन को हेडफोन के अत्यधिक प्रयोग से बचें। उपरोक्त कार्यक्रम में कार्यवाहक प्राचार्य डॉ धीरज बालियान, डॉ ज्ञानेश्वर टाँक,डॉ अनुपम वर्मा,डॉ सीमा जैन, डॉ ललिता चौधरी डॉक्टर, डॉ संजीव कुमार, डॉ लोकेश कुमार सिंह, डॉ प्रीति सिंह,डॉ  नवरत्न गुप्ता,डॉ अंशु सिंह आदि उपस्थित रहे।

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