एक-दूसरे के पूरक हैं महिला एवं पुरुषः प्रो. सुदेशना

अधिवक्ता परिषद ब्रज, मेरठ इकाई की संगोष्ठी
मेरठ।अधिवक्ता परिषद ब्रज, मेरठ इकाई की आयोजित महिला संगोष्ठी में मुख्य वक्ता सीसीएस विवि की प्रो.श्रीमती सुदेशना ने कहा कि पुरातन काल से ही महिलाओं का सम्मान होता आया है और हमें यह समझना होगा कि पुरुष एवं महिलाएं एक दूसरे के पूरक हैं।
जिला बार के महात्मा गांधी सभागार में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् का गायन श्रीमती आरती गर्ग और श्रीमती वंदना सिंह ने किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में स्थाई लोक अदालत की अध्यक्ष श्रीमती रीता सिंह एवं मुख्य वक्ता डॉ. श्रीमती सुदेशना, चौधरी चरण सिंह विश्व विद्यालय विधि विभाग ( प्रोफेसर ) की रही। कार्यक्रम में स्थाई लोक अदालत की सदस्य श्रीमती अनीता राणा एवं श्रीमती अलका रानी भी मौजूद रहीं।

मुख्य वक्ता प्रो.सुदेशना ने कहा कि पुरातन काल से ही महिलाओं का सम्मान होता आया है और पुरुष एवं महिलाएं एक दूसरे के पूरक है। जहां नारियों की पूजा सम्मान नहीं होता वहां पर देवता निवास नहीं करते है और सारे किए अच्छे कार्यों का फल भी निष्फल हो जाता है। इसीलिए भगवान ने स्वयं को अर्ध नारिश्वर के रूप में प्रकट किया वेदों में भी महिलाओं को महत्व और सम्मानित स्थान प्राप्त था। महिलाओं को शिक्षा का अधिकार, धार्मिक कार्य को करने का अधिकार, सामाजिक व राजनीतिक मामलों में भी अपनी बात को खाने का अधिकार, संपत्ति का अधिकार,समानता का अधिकार, विधवा पुनर्विवाह का अधिकार था। उत्तर वैदिक काल में महिलाओं की स्थिति में गिरावट आई उन्हें शिक्षा नहीं दी जाती थी, समाज की स्थिति खराब थी महिलाओं को केवल घर तक ही सीमित कर दिया गया। भारत आंदोलन में महिलाओं की स्थिति बहुत खराब थी, महिलाओं को केवल पुरुषों के हाथ में कठपुतली माना जाता था। उसे समय समाज में अनेक समाज सुधारक आए जिन्होंने महिलाओं से संबंधित बुराइयों को समाप्त करने के लिए कदम उठाए। उन्होंने भारतीय संविधान में महिलाओं को दिए गए कानूनों के विषय में भी अवगत कराया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि श्रीमती रीता सिंह ने बताया कि महिलाओं का उद्देश्य यह नहीं है कि वह पुरुषों से मुकाबला करें अपितु दोनों एक दूसरे के पूरक हैं। 1957 में रानी लक्ष्मीबाई ने लड़ाई लड़ी, कल्पना चावला अंतरिक्ष यात्री रही, मैरी कॉम पहली मुक्केबाज है जिन्होंने 6 बार मुक्केबाजी के मुकाबले जीते, लता मंगेशकर ने 36 भाषाओं में गाने गए हैं, द्रौपदी मुर्मू हमारे प्रथम भारतीय महिला के पद को सुशोभित कर रही हैं। अभी वर्तमान में अंतरिक्ष रात्रि सुनीता विलियम्स विशेष परिस्थितियों में नौ महीने बाद वापस पृथ्वी पर लौटी है इसलिए महिलाओं को सशक्त होने के लिए आवश्यकता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला बार की नवनिर्वाचित वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्रीमती संतोष कुमारी ने की और कार्यक्रम के अंत में सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया और कार्यक्रम में सहयोग करने वाले अपने अधिवक्ता साथियों का भी धन्यवाद किया।
कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से किया गया। कार्यक्रम में अधिवक्ता परिषद मेरठ इकाई की उपाध्यक्ष डॉ सविता त्यागी,भारती, नेहा पाल, आरती गर्ग, सीता, शालिनी, मीनू, रेखा, अनुराधा भाटी, सिंपल, अनुराधा जैन, डॉली वर्मा, वंदना सिंह, मोनिका भारद्वाज, मोनिका गौड, ग़ज़ला, अर्चना, पूजा रस्तौगी, रितु धीमान, सुषमा अग्रवाल, विशाखा, सोनिया अनेजा आदि बहुत सी महिला अधिवक्ता उपस्थित रही।

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