शोभित विवि में छह दिवसीय राष्ट्रीय जैव प्रौद्योगिकी कार्यशाला का भव्य समापन 

मेरठ।  शोभित विवि के स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी एंड लाइफ साइंसेज द्वारा आयोजित छह दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का समापन एक भव्य और प्रेरणादायक विदाई सत्र के साथ हुआ। कार्यशाला ने प्रतिभागियों को जैव प्रौद्योगिकी के विविध आयामों, अनुसंधान एवं नवाचार की आधुनिक प्रवृत्तियों से परिचित कराया और उनके करियर निर्माण में एक नई दिशा प्रदान की।

समापन सत्र की शुरुआत शोभित विश्वविद्यालय, गंगोह के डीन रिसर्च प्रोफेसर डॉ. राजीव दत्ता के व्याख्यान से हुई, जिन्होंने जैव प्रौद्योगिकी में करियर की असीम संभावनाओं पर प्रकाश डाला। उनकी प्रेरणादायक प्रस्तुति ने छात्रों को इस क्षेत्र में नवीन खोज और अनुसंधान के लिए प्रेरित किया।इसके बाद प्रतिकुलपति प्रो. (डॉ.) जयानंद ने जैव प्रौद्योगिकी के सतत विकास में इसके महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र विज्ञान और उद्योग के संगम पर खड़ा है और समाज के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।कुलपति प्रो. डॉ. वी.के. त्यागी ने छात्रों को उनकी नवाचार क्षमता को पहचानने और जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अभूतपूर्व खोज करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला छात्रों के लिए एक ऐसा मंच है, जो उन्हें तकनीकी विशेषज्ञता के साथ-साथ अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में भी उत्कृष्टता प्राप्त करने का अवसर देता है।कार्यशाला के समापन पर रजिस्ट्रार डॉ. गणेश भारद्वाज, मुख्य प्रॉक्टर डॉ. प्रमोद गोयल सहित विश्वविद्यालय के अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी एंड लाइफ साइंसेज के निदेशक डॉ. दिव्या प्रकाश ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए सभी अतिथियों, विशेषज्ञों, प्रतिभागियों और आयोजन समिति के सदस्यों का आभार व्यक्त किया।

छह दिवसीय कार्यशाला की मुख्य विशेषताएँ रही ।विशेषज्ञों द्वारा गहन व्याख्यान,प्रायोगिक प्रशिक्षण सत्र एवं तकनीकी प्रदर्शन,इंटरएक्टिव डिस्कशन और नवाचार पर आधारित गतिविधियाँ,जैव प्रौद्योगिकी में करियर एवं अनुसंधान के अवसरों पर विस्तृत चर्चा रही।

 कार्यशाला 3 मार्च 2025 को प्रारंभ हुई थी, जिसमें देशभर के जैव प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए और छात्रों को इस क्षेत्र में नवीनतम शोध व संभावनाओं से अवगत कराया। कार्यशाला ने प्रतिभागियों को ज्ञान, अनुसंधान और नवाचार का एक अद्वितीय मंच प्रदान किया।इस कार्यक्रम में मोनिका चौधरी, रुपेश सहित अन्य शिक्षक एवं विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

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