11159 टीबी मरीजों में 5469 मरीजों को सरकारी गैर सरकारी संस्थाओं ने लिया गोद
355 निक्षय मित्रों ने 5225 टीबी मरीजों को वितरित की पोषण पोटली
मेरठ। इस साल के अंत तक देश को टीबी मुक्त भारत के संकल्प को लेते हुए जहां एक ओर टीबी विभाग की ओर से युद्ध स्तर पर प्रयास किए जा रहे है। वही सरकारी व गैर सरकारी संस्थाए टीबी विभाग के साथ जुड रही है। सरकारी व सामाजिक संस्थाओं द्वारा 11159 टीबी मरीजों में से 5467 टीबी मरीजों को गोद लेकर उनकी पोषण पोटली का वितरण करने के साथ उनका विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. गुलशन राय ने बताया में गत वर्ष 17 हजार से अधिक टीबी मरीज मिले है। जिनका उपचार विभाग की ओर से निशुल्क किया गया। इसमें से काफी संख्या में टीबी मरीज ठीक होने कें बाद टीबी के प्रति जागरूकता फैलाने में विभाग के साथ कंधे से कंधे मिला कर चल रहे है। वही इस साल अभी तक 3532 टीबी मरीज अब तक मिल चुके है। टीबी के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए लगातार विभिन्न स्थानों पर अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया पहले के मुकाबले लोगों में टीबी के प्रति जागरूकता फैली है। अब टीबी मरीज अपनी बीमारी को छिपाने के बजाय उपचार करा रहे है। उन्होंने बताया कि टीबी मुक्त भारत अभियान में निक्षय मित्र भी अहम भूमिका निभा रहे है। अब तक 355 निक्षय मित्रों ने टीबी से ग्रसित मरीजों को गोद लेकर उनकी ठीक होने तक की जिम्मेदारी ली है। उन्होंने बताया टीबी मरीजों के साथ भावनात्मक जुड़ाव अति महत्वपूर्ण है। इससे टीबी मरीजों को सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उन्होंने बताया अब 5228 टीबी मरीजों को सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा पोषण पोटली का वितरण किया गया है। उन्होंने सामाजिक संस्थाओं से अपील की है कि वह टीबी मरीजों को गोद लेने के लिए आगे आए विभाग तो अपने स्तर से प्रयास कर रहा है। सामूहिक रूप से जुड़ने के साथ हम देश से टीबी को समाप्त करने में सफल होंगे।
उन्होंने बताया टीबी कोई लाइलाज बीमारी नहीं है। अब इसका उपचार पूरी निशुल्क संभव है। इतना ही नहीं टीबी मरीजों को सरकार की ओर से ठीक होने तक एक हजार रूपये प्रति माह दिए जा रहे है। इसके लिए लाभार्थी को बैंक खाता होने आवश्यक है।
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