TB मरीजों को गोद लेकर पोषण किट का किया वितरण
डीएम ऑफिस में कार्यक्रम का आयोजन 
मेरठ। इस साल देश को टी बी मुक्त कराने में सामाजिक सगठनों ने बीड़ा उठा लिया है।सोमवार को वीराना फाउंडेशन ने डी एम ऑफिस में डी एम और सीएमओ की मौजूदगी में टीवी से ग्रस्त मरीजों को गोद लेते हुए उन्हें पोषण किट का वितरण किया। पोषण किट पाकर टी बी मरीजो के चेहरे खिल उठे।
 मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अशोक कटारिया ने बताया कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अन्तर्गत जनपद में  डॉ. गुलशन राय जिला क्षय रोग अधिकारी के दिशा-निर्देशन में 100 दिवसीय टीबी अभियान 1 जनवरी 2025 से 24 मार्च 2025 तक चलाया जा रहा है ।टीबी मुक्त भारत लक्ष्य 2025 प्रधानमंत्री  के द्वारा निर्धारित किया गया है लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए ऐसे टीबी मरीज जो गरीब है और प्रोटीनयुक्त भोजन भरपूर मात्रा में नही खा सकते है ऐसे मरीजो को टीबी के इलाज के दौरान प्रोटीनयुक्त पोषण पोटली देने के लिए अनेको स्वयं सेवी संस्थाये एवं स्वेच्छा से दान करने वाले सामाजिक लोग पोषण पोटली उपलब्ध करा रहे है।

इसके चलते हुए  डॉ. वी.के सिंह, जिलाधिकारी द्वारा स्वयं सेवी संस्थाये एवं स्वेच्छा से दान करने वाले सामाजिक लोगों से महामहिम राज्यपाल द्वारा पोषण पोटली की इस मुहिम में अधिक से अधिक जुडकर टीबी मरीजों की सहायता हेतु पोषण पोटली उपलब्ध कराने की अपील की गयी ।
वरीना फाउंडेशन के संस्थापक एवं निदेशक धीरेन्द्र सिंह द्वारा टीबी मरीजो को पोषण पोटली डॉ. वी.के. सिंह, जिलाधिकारी के कर कमलो द्वारा टीबी मरीजों को उपलब्ध करायी गयी। उन्होंने बताया सामाजिक संगठन ने 25 टीबी मरीजों को गोद लिया है। उपचार  होने तक उन्हें पोषण पोटली का वितरण संस्था की ओर से किया जाएगा । 
 जिसमें डॉ. अशोक कटारिया, मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं डॉ. गुलशन राय, जिला क्षय रोग अधिकारी, डॉ. विपुल, जिला क्षय रोग अधिकारी,  शबाना बेगम, जिला पीपीएम कार्डिनेटर, अंजू गुप्ता, बीसीजी टेक्निीशियन, अजय सक्सैना, जिला एस.टी.एस. वरीना फाउंडेशन से  लखवेन्द्र, निशा, लता, कबीर तथा दीपिका आदि मौजूद रहें।

 अभियान का सफल बनाने की शहर के लोगों से की अपील 

डॉ० अशोक कटारिया, मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा अभियान को सफल बनाने हेतु समाज से अपील की गयी तथा डॉ. गुलशन राय, जिला क्षय रोग अधिकारी द्वारा बताया गया कि टीबी मरीज को प्रोटीनयुक्त डाइट लेने से मृत्यु दर में भी कमी आती है। इसलिए गरीब व कमजोर टीबी मरीजो को प्रोटीनयुक्त पोषण पोटली उपलब्ध करायी जाती हैं।
 मृत्यु दर को कम करने पहला अभियान का उददेश्य 

इस अभियान का उददेश्य टीबी से होने वाली मृत्यु दर में कमी लाना तथा नये टीबी केस नही बनने देना बताया गया। जिसमें उच्च जोखिम जनसंख्या की स्कीनिंग जैसे 60 वर्ष से अधिक आयु वाले व्यक्ति, एच.आई.वी पॉजिटिव तथा 5 वर्ष पहले टीबी का इलाज लेने वाले मरीज की स्कीनिंग, स्मोकर, डायबिटीज आदि जिसमें सीएचसी /पीएचसी / एचडब्लूसी / हैल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर से एम.ओ/सीएचओ / आशा / ए०एन०एम० एवं समस्त एन.टी.ई.पी./ ब्लॉक स्तर से बीपीएम/बीसीपीएम/डाटा एन्ट्री ऑपरेटर स्टाफ द्वारा 100 दिवसीय अभियान में टीबी के मरीजो की स्कीनिंग कर जांच के लिए माइकोस्कोपी सेन्टर, एक्स-रे सेन्टर व नॉट पर भेजे जा रहे है जिसमें इस अभियान में सभी सम्भावित टीबी मरीजो का शत-प्रतिशत एक्स-रे कराया जाना अनिवार्य है।

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