बसंत पंचमी का त्योहार ज्ञान, बुद्धि, और प्रकृति के प्रति सम्मान का प्रतीक है : आचार्य प्रदीप गोस्वामी
बसंत पंचमी पर्व पर मां बगलामुखी मंदिर साकेत में हुआ हवन व भंडारे का आयोजन
मेरठ।हिंदू पंचांग के अनुसार माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि बसंत पंचमी के पर्व पर रविवार को शहर के प्रमुख मंदिर मां बगलामुखी धाम यज्ञशाला श्री दक्षिणेश्वरी काली पीठ प्राचीन वन खंडेश्वर महादेव शिव मंदिर कैलाश प्रकाश स्टेडियम चौराहा साकेत मेरठ मंदिर में हवन पूजन के बाद भण्डारे का आयोजन किया गया।
आचार्य प्रदीप गोस्वामी जी ने बताया किहिंदू पंचांग के अनुसार माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को वसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। आज मंदिर में बसंत पंचमी पर्व के अवसर पर हवन व भंडारे का आयोजन किया गया है, उन्होंने बताया कि वसंत पंचमी तिथि के बाद से ही वसंत ऋतु की शुरुआत हो जाती है। वसंत पंचमी के दिन विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा-आराधना का विशेष महत्व होता है। इस दिन देवी सरस्वती की पूजा विशेष रूप से की जाती है। यह दिन ज्ञान और कला की देवी को समर्पित है।
पीला रंग देवी सरस्वती से भी जुड़ा है और ज्ञान का प्रतीक है और सरसों के खेतों को दर्शाता है जो वसंत ऋतु के आगमन के बारे में सब कुछ बताते हैं। इस दिन माँ देवी सरस्वती की पूजा अनुष्ठानों में पीले फूल, पीली मिठाइयाँ और पीले कपड़े भी शामिल होने चाहिए जो इसे एक महत्वपूर्ण प्रतीक बनाते हैं।
आचार्य प्रदीप गोस्वामी ने कहा कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता सरस्वती का प्रिय रंग पीला है और पीला रंग जीवन में सकारात्मक, नयी किरणों और नयी ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। यही वजह है कि बसंत पंचमी पर पीले रंग के वस्त्र को पहनना शुभ माना जाता है। इस अवसर पर आचार्य प्रदीप गोस्वामी , आशा गोस्वामी, अर्जुन वाधवा, तेजस्वनी वाधवा, अभिमन्यू वाधवा, डॉ. अनिल कुमार चौहान, सुमन चौहान, किशन कुमार उर्फ बबलू, सोना, प्रेम, कामेश शर्मा, विपुल सिंघल, हिमांशु वर्मा, नरेश कुमार, गोपाल भैया सहित सेकड़ो श्रद्धालु उपस्थित रहे।
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