इलमा अज़ीम
उत्तर प्रदेश सरकार ने दिव्यांगजनों के सशक्तीकरण की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने 2025-26 के बजट में दिव्यांगजन कल्याण के लिए 1,424 करोड़ रुपए की बड़ी राशि प्रस्तावित की है। यह प्रावधान न केवल उनकी बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करेगा, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। स्वास्थ्य सेवाएं हर नागरिक का अधिकार हैं, लेकिन आर्थिक समस्याओं के कारण दिव्यांगजन अक्सर उचित इलाज से वंचित रह जाते हैं।
इस समस्या को हल करने के लिए योगी सरकार ने 10 करोड़ रुपए की राशि असहाय दिव्यांग व्यक्तियों के इलाज हेतु अनुदान योजना के लिए तय की है। इस अनुदान से दिव्यांगजन को समय पर आवश्यक चिकित्सा सुविधा मिल सकेगी, जिससे उनका जीवन सुगम होगा। इसके साथ ही सरकार ने 35 करोड़ रुपए का बजट कृत्रिम श्रवण सहायक यंत्र, व्हीलचेयर, ट्राईसाइकिल और अन्य सहायक उपकरणों के लिए प्रस्तावित किया है। यह पहल उन्हें शारीरिक रूप से सक्षम बनाने के साथ-साथ उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाएगी।
तकनीक की सहायता से दिव्यांगजन अब नए अवसरों की ओर बढ़ सकेंगे। इसके अलावा दिव्यांग बच्चों की देखभाल और शिक्षा को प्राथमिकता देते हुए सरकार ने प्रदेश के 18 मंडलों में 'बचपन डे केयर सेंटर' स्थापित किए हैं। इन केंद्रों में 3 से 7 वर्ष के श्रवण बाधित, मानसिक मंदित और दृष्टि बाधित बच्चों के लिए विशेष शिक्षा और देखभाल की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इस योजना से दिव्यांग बच्चों को सही मार्गदर्शन मिलेगा, जिससे वे समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकेंगे।
योगी सरकार की यह पहल न केवल दिव्यांगजनों को सहायता प्रदान करेगी, बल्कि उन्हें सम्मानजनक और आत्मनिर्भर जीवन जीने के लिए प्रेरित भी करेगी। मुख्यमंत्री का यह प्रयास प्रदेश के समग्र विकास और समाज के सभी वर्गों को समान अवसर प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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