दिल्ली की सीएम की चुनौती भी कम नहीं
इलमा अज़ीम
दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के करीब 11 दिन बाद मुख्यमंत्री के नाम का एलान हो चुका है। भाजपा ने रेखा गुप्ता को राजधानी का सीएम बनाने का एलान कर दिया। लेकिन नई सीएम रेखा गुप्ता का सफर आसान नहीं होगा। राजधानी की सबसे अहम समस्या पर्यावरण प्रदूषण से मुक्ति की है।
अभी मात्र कुछ दिनों पहले ही दिल्ली प्रदूषण से कराह उठी थी। लिहाजा इस मुख्य समस्या के लिए नई सीएम को बेहद सावधानी से काम करना होगा। इसके अलावा दिल्ली के सभी क्षेत्रों में जल आपूर्ति सुनिश्चित करना, शहरी कूड़े का निदान, स्वच्छता की व्यवस्था, झुग्गी-झोंपड़ी के स्थान पर हाउसिंग की सही व्यवस्था, आवश्यकता के अनुसार सडक़ों का चौड़ीकरण, फ्लाईओवरों का निर्माण और सडक़ों का रखरखाव समेत विविध विकास कार्यों को केंद्र में रखकर बजट बनाने की जरूरत होगी।
अपने चुनाव अभियान के दौरान भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली के झुग्गी निवासियों को एक वायदा किया, जो झुग्गी वासियों के लिए एक स्वप्न जैसा है, कि झुग्गी वासियों की जहां झुग्गियां हैं, वहीं उन्हें पक्का मकान मिलेगा। इस वायदे को इस कारण भी निभाना जरूरी है, क्योंकि इसी के द्वारा दिल्ली राजधानी को एक सही पहचान मिल सकेगी।
यह भी हकीकत है कि केजरीवाल सरकार में न तो दिल्ली के सभी स्थानों पर जल की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकी और न ही दिल्लीवासियों को साफ पानी मिल सका। बदबूदार और गंदा पानी दिल्ली जल बोर्ड की जैसे पहचान बन गई थी। दिल्ली जल बोर्ड की वित्तीय हालत भी इस कदर बिगड़ गई थी कि उस पर लगभग 2021-22 तक 73197 करोड़ रुपए का ऋण बकाया था।
दिल्ली अपने कूड़े के ढेरों के लिए देश और दुनिया में बदनाम है। यह जरूरी होगा कि नई प्रौद्योगिकी के प्रयोग और पर्याप्त संसाधन आवंटित कराते हुए दिल्ली को कूड़े से मुक्ति दिलाते हुए उसे उसकी सही पहचान दिलाई जाए। दिल्ली में लगातार बढ़ते ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने के लिए फ्लाईओवरों के निर्माण, सडक़ों के चौड़ीकरण और सडक़ों के सही रखरखाव हेतु पर्याप्त संसाधन जुटाने होंगे।
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