राष्ट्रीय कौशल विकास निगम की टीम ने किया विवि का दौरा
- कौशल विकास को मिलेगा नया आयाम
मेरठ। राष्ट्रीय कौशल विकास निगम की एक उच्च स्तरीय टीम ने विश्वविद्यालय का दौरा किया। इस टीम में महाप्रबंधक कर्नल धर्मेंद्र कुमार (सेवानिवृत्त), महाप्रबंधक वरुण बत्रा, उप महाप्रबंधक सुमित कुमार सिंह, और प्रबंधक राहुल कुमार शामिल थे।
इस दौरे का मुख्य उद्देश्य विश्वविद्यालय और एनएसडीसी के बीच भविष्य कौशल से संबंधित प्रस्तावित कार्यक्रमों की तैयारियों का आकलन करना था। इस पहल के तहत कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), क्लाउड कंप्यूटिंग, डेटा साइंस, साइबर सिक्योरिटी, मशीन लर्निंग और अन्य उन्नत तकनीकों पर आधारित कौशल विकास कार्यक्रमों को शामिल किया जाएगा।
1 मार्च को होने वाले इस विशेष कार्यक्रम में भारत सरकार के कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री चौधरी जयंत सिंह की उपस्थिति प्रस्तावित है। यह कार्यक्रम छात्रों और युवाओं के कौशल उन्नयन, उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने, और उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप प्रशिक्षण प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इस कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय और एनएसडीसी के बीच विभिन्न समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए जाएंगे, जिससे छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली ट्रेनिंग और उद्योग-समर्थित पाठ्यक्रमों तक सीधी पहुंच मिल सकेगी।
टीम ने किया विभिन्न स्थानों का निरीक्षण, कार्यक्रम रूपरेखा पर हुई विस्तृत चर्चा....
एनएसडीसी की टीम ने विश्वविद्यालय के नेताजी सुभाष चंद्र बोस प्रेक्षागृह और सर छोटू राम इंजीनियरिंग कॉलेज की लाइब्रेरी का भी दौरा किया। उन्होंने इन स्थानों पर होने वाले कार्यक्रमों और सुविधाओं का निरीक्षण किया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आगामी कार्यक्रम बिना किसी व्यवधान के सफलतापूर्वक संपन्न हो। टीम ने विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ मिलकर कार्यक्रम की रूपरेखा पर गहन विचार-विमर्श किया और विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। इस दौरान प्रति कुलपति प्रोफेसर मृदुल कुमार गुप्ता, प्रोफेसर हरे कृष्णा, प्रोफेसर वीरपाल सिंह, इंजीनियर मनीष मिश्रा, डॉ. प्रदीप चौधरी, प्रेस प्रवक्ता मितेंद्र कुमार गुप्ता, इंजीनियर प्रवीण पवार सहित विश्वविद्यालय के अन्य गणमान्य सदस्य भी उपस्थित रहे। बैठक में कौशल विकास के क्षेत्र में संभावित नए कार्यक्रमों, उद्योग-शिक्षा सहयोग को मजबूत करने, और छात्रों के लिए रोजगारपरक प्रशिक्षण के अवसर बढ़ाने पर विस्तार से चर्चा की गई।
छात्रों को मिलेगा नवीनतम तकनीकों में प्रशिक्षण, उद्योगों की जरूरतों के अनुरूप होगा पाठ्यक्रम......
विश्वविद्यालय और एनएसडीसी के इस सहयोग का मुख्य उद्देश्य छात्रों को आधुनिक उद्योगों की आवश्यकताओं के अनुरूप प्रशिक्षित करना है। डिजिटल युग में कौशल आधारित शिक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण हो गई है, और इस समझौते के तहत छात्रों को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), मशीन लर्निंग, डेटा एनालिटिक्स, साइबर सिक्योरिटी, क्लाउड कंप्यूटिंग, रोबोटिक्स, ऑटोमेशन, डिजिटल मार्केटिंग, फिनटेक, और अन्य अत्याधुनिक विषयों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके साथ ही, छात्रों को इंटर्नशिप, लाइव प्रोजेक्ट्स और इंडस्ट्री एक्सपोजर का अवसर मिलेगा, जिससे वे न केवल तकनीकी रूप से दक्ष बनेंगे, बल्कि उनकी रोजगार क्षमता भी बढ़ेगी। इस पहल के तहत विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के साथ साझेदारी की जाएगी ताकि छात्रों को नवीनतम तकनीकों का व्यावहारिक अनुभव मिल सके।
कौशल विकास से बढ़ेगा युवाओं का आत्मविश्वास और रोजगार के अवसर...
एनएसडीसी और विश्वविद्यालय के इस सहयोग से क्षेत्र के युवाओं को अत्याधुनिक कौशल से लैस करने का अवसर मिलेगा। यह पहल प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY), डिजिटलीकरण, और आत्मनिर्भर भारत अभियान के लक्ष्यों के अनुरूप भी है। इस साझेदारी से न केवल छात्रों को नवाचार और स्टार्टअप्स में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जाएगा, बल्कि उन्हें विभिन्न उद्योगों में रोजगार प्राप्त करने में भी सहायता मिलेगी।
एनएसडीसी की इस पहल से मेरठ और आसपास के क्षेत्रों में कौशल विकास की नई संभावनाएं खुलेंगी, जिससे क्षेत्र के युवा वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे और अपने करियर में नई ऊंचाइयां हासिल कर सकेंगे। एनएसडीसी और चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के बीच यह सहयोग एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। इससे छात्रों को नवाचार और तकनीकी विशेषज्ञता प्राप्त करने में सहायता मिलेगी, जो उन्हें 21वीं सदी की इंडस्ट्री 4.0 और डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए तैयार करेगा। आगामी कार्यक्रम में MoUs पर हस्ताक्षर होने के बाद, विश्वविद्यालय में इन कौशल-आधारित पाठ्यक्रमों को लागू करने की प्रक्रिया शुरू होगी। यह पहल छात्रों के लिए नए रोजगार और उद्यमिता के अवसर पैदा करने में सहायक होगी, जिससे देश के कौशल विकास मिशन को भी मजबूती मिलेगी।
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