मेडा में एक क्लिक पर मिलेगी दशकों पुरानी फाइल 

ईआरपी साॅल्यूशन विकसित करने वाला मेरठ पहला जिला बना 

 मेरठ। मेरठ विकास प्राधिकरण प्रदेश का पहला जिला बन गया है। जहां पर दशकों पुराने रिकार्ड का खोने खतरा न के बराबर हो गया है। यह सब कुछ एंटरप्राइज  रिसोर्स प्लानिंग से हो पाया है। अब उपभोक्ता एक क्लिक पर अपनी पुरानी फाइल को पलक झपकते ही खोज लेंगे । इतना ही नहीं वह अपनी किसी भी फाइल का वर्तमान स्टेटस भी जान सकेंगे। मेडा द्वारा की इस पहल की चारों ओर सराहना की जा रही है। मेडा के इस मॉडल् को लखनऊ में प्रदर्शित किया जाएगा जिससे प्रदेश भर में इसे लागू किया जा सके। 



मेरठ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक पांडे ने बताया कि सरकार की ओर  मिल रहे दिशा निर्देश पर कि सरकारी कार्यालयों की कार्य प्रणाली को डिजिलाइटेशन किया जाए । उसी के तहत मेडा द्वारा ईआरपी यानी एंटरप्राइज रिसोर्स प्रणाली का विकसित किया गया है। इसके माध्यम से विभाग के सभी अनुभागों में कार्य पद्धति को डिजिटाइलेशनर करके आनलाइन किया गया है। पिछले छ माह में सभी सबंधित फाइलों का ऑनलाइन निस्तारण किया जा रहा है। । उन्होंने बताया मेडा में यूपी में यह ईआरपी साॅल्यूशन है जो कि किसी प्राधिकरण में वृहद स्तर पर उपयोग में लिया जा रहा है। उन्होंने बताया मेडा की इस पहल काफी सराहना मिल रही है। यही कारण लखनऊ से मेडा को इस पर प्रजेटेशन के लिए आमत्रिंत किया गया है। उन्होंने बताया  कि नयी फाइलों के साथ पुरानी फाइलों के दस्तावेजों को मैनेजमेंट सिस्टम के तहत लगातार स्कैन कराने के बाद ऑनलाइन अपलोड किया गया है। उन्होंने बताया अब सत्तर हजार फाइलों को अपलोड किया जा चुका है। इससे  सबसे ज्यादा फायदा यह होगा कि पुरानी फाइलो के खोने, चोरी होने या क्षर्तिग्रस्त होने का खतरा न के बराबर हो गया है। दूसरा इसका यह भी फायदा होगा । पहले उपभोक्ताओ की शिकायत  रहती थी  कि फला फाइल नहीं मिल रही है। इसके लिए उन्हें काफी परेशान होना पड़ता था। अब उन्हें प्राधिकरण के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं होगी। 

 उन्होंने बताया ईआरपी प्रणाली से अब ठीक से पता चल सकेगा कि यदि कोई ऐसी शिकायत आती है। तो कहां पर किस स्तर पर लापरवाही की जा रही है। उसका भी आसानी से पता लगाया जा सकेगा। उन्होंने बताया सभी की जवाबदेही  इस  प्रणाली में निश्चित है। तय समय सीमा के अंदर फाइल रखने का अधिकार होगा। अधिक समय तक फाइल को रोकने पर सबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 

 एमडीए उपाध्यक्ष ने बताया इस प्रणाली का मकसद है कि प्रणाली को पूरी तरह पारदर्शिता रखा जाए। उपभोक्ताओं को किसी भी हाल में अनावश्यक प्राधिकरण के चक्कर न लगाना पडे। अगर कही पर गलत  मंशा से किसी भी फाइल को रोका गया है तो इसकी भी जानकारी आसानी से पता की जा सकेगी।  उन्होंने बताया कि वर्तमान में 11 हजार फाइल सिस्टम में क्रिएट की जा चुकी है। जिसमें से दस हजार फाइलों से सबंधित कार्य पूर्ण रूप से संपादित किया जा चुका है। वहीं वर्तमान में लगभग तीन हजार फाइलों को लेकर कार्य चल रहा है। 

 क्या ईआरपी सिस्टम 

  वर्तमान दौर में ईआरपी  सिस्टम आधुनिक व्यवसाय प्रबंधन की रीढ़ की हडडी माना जाता है। इस प्रणाली से किसी भी ऑफिस की प्रणाली को सुव्यवस्थित किया जा सकता है। यह एकसॉफ्टवेयर सिस्टम है जिसके तहत किसी भी ऑफिस की प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित किया जा सकता है। इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से कार्यालय के कार्यों का ब्यैारा और विवरण को एकीकृत प्रणाली  मे किया जा सकता है। यह सिस्टम मुख्य रूप से व्यवसायिक प्रक्रियाओं को मैनेज करना है। कम संसाधनों में भी ज्यादा काम करने में ये बेहद मददगार है। दक्षता बढ़ाने में मदद करता है। 

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