यूपी बजट-2025

ध्यानचंद स्पोर्ट यूनिवर्सिटी के लिए 223 करोड़

 गंगा एक्सप्रेसवे हरिद्वार तक जुड़ेगा, 50 करोड़ मिले, रैपिड रेल के लिए 914 करोड़ का मिला बजट

 यू पी में छात्राओं को फ्री स्कूटी मिलेगी, युवाओं को ब्याजमुक्त लोन

 4 नए एक्सप्रेस-वे बनेंगे छुट्टा पशुओं की समस्या खत्म करने का ऐलान

 लखनऊ एजेंसी।यूपी सरकार ने गुरुवार को प्रदेश का बजट जारी कर दिया है। मेरठ में गंगा एक्सप्रेसवे को विस्तार दिया गया है। गंगा एक्सप्रेसवे अब हरिद्वार तक जुड़ेगा। इसके लिए यूपी सरकार ने 50 करोड़ रुपए का बजट जारी किया है। इसके अलावा रैपिड रेल प्रोजेक्ट के लिए बजट में 914 करोड़ रुपए की व्यवस्था की है। मेरठ के सलावा में बन रहे मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय के लिए 223 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई।

गुरूवार को विधानसभा में बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा गंगा एक्सप्रेसवे का 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है। माना जा रहा है अगस्त 2025 तक एक्सप्रेसवे की शुरुआत हो जाएगी। 594 किलोमीटर के लंबे गंगा एक्सप्रेसवे के माध्यम से मेरठ से प्रयागराज महज 6 घंटे में सफर पूरा किया जा सकेगा। मेरठ में गंगा एक्सप्रेसवे हापुड़ रोड पर बिजौली से शुरू होता है। अब गंगा एक्सप्रेसवे को हरिद्वार तक जोड़ा जाएगा। इसके विस्तार से हरिद्वार और देहरादून की दूरी बेहद कम समय में पूरी की जा सकेगी। इसके लिए बजट में 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। इसके विस्तार से मेरठ में विकास की रफ्तार ओर बढ़ेगी।

रैपिड रेल प्रोजेक्ट के लिए यूपी सरकार ने 914 करोड़ रुपये का बजट रखा है। इससे यह परियोजना समय से पूरी हो जाएगी। रैपिड और मेट्रो का काम बहुत तेजी से चल रहा है। शहर के भीतर भी 90 फीसदी काम हो चुका है।

खेल विश्वविद्यालय के काम में आएगी तेजी

मेरठ के सलावा में बन रहे मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय के लिए बजट में 223 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई। खेल विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति हो चुकी है। 50 फीसदी काम हो चुका है। बजट से खेल विश्वविद्यालय के निर्माण में तेजी आएगी।

मेरठ मुख्यालय से 30 किमी दूर सलावा गंगनहर के किनारे यूपी का पहला खेल विश्वविद्यालय बन रहा है। यहां जाने के 2 रास्ते हैं। एक गंग नहर के बराबर से जाता है। दूसरा रास्ता एनएच-58 के दादरी गांव से 5 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए खेल यूनिवर्सिटी पहुंचता है। 700 करोड़ की लागत से 91.38 एकड़ में बन रहे विवि का निर्माण लोक निर्माण विभाग की ओर से रांची की कंपनी दीपांशु प्रमोटर व बिल्डर द्वारा कराया जा रहा है।

पिलर और कॉलम का हो चुका है काम

खेल विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य 2 ब्लॉक में किया जा रहा है। दरअसल खेल विश्वविद्यालय का काम शुरू होने में देरी हुई। 2 जनवरी 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नींव रखे के जाने के बाद कंपनी ने काम 13 फरवरी 2024 से शुरू किया।कंपनी ने निर्माण कंप्लीट होने की तारीख 14 अगस्त 2025 दी हुई है।

दो पॉकेट में चल रहा निर्माण कार्य

खेल विश्वविद्यालय का काम दो पॉकेट में चल रहा है। पॉकेट-ए में प्रशासनिक ब्लॉक, एकेडमिक ब्लॉक, क्लास रूम कॉम्पलेक्स, सेंट्रल लाइब्रेरी और अफसर व कर्मचारियों के आवास व विद्यार्थियों के हॉस्टल का निर्माण कार्य चल रहा है। पॉकेट-बी में भव्य स्टेडियम, फुटबॉल ग्राउंड, फैसिलिटी सेंटर, इनडोर स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जा रहे हैं।

विश्वविद्यालय के सियासी मायने

जिस जगह यह खेल विश्वविद्यालय बन रहा है, उसके एक तरफ मुजफ्फरनगर जिले की सीमा लगती है तो दूसरी तरफ मेरठ जिले की। विश्वविद्यालय वैसे तो मेरठ जिले में आता है लेकिन सियासत को देखते हुए यह मुजफ्फरनगर लोकसभा में है। पहले खेल विश्वविद्यालय को मेरठ लोकसभा क्षेत्र में बनाए जाने की कवायद थी, लेकिन मुजफ्फरनगर के पूर्व सांसद डॉ. संजीव बालियान उस समय केंद्र सरकार में मंत्री थे। वे इसे अपने लोकसभा क्षेत्र में ले जाने में कामयाब रहे।

​​​​​​पहले सत्र में एक हजार सीटों पर होंगे एडमिशन


खेल विश्वविद्यालय में पहले सत्र में 1000 सीटों पर एडमिशन होंगे। इनमें से 500 सीटें महिलाओं के लिए होंगी। 700 करोड़ की लागत से 90 एकड़ में तैयार होने वाले विश्वविद्यालय कैंपस में पीजी डिप्लोमा से पीएचडी तक की पढ़ाई होगी। रुड़की आईआईटी ने इसका ले-आउट बनाया है।

खिलाड़ियों को मिलेंगी अंतरराष्ट्रीय सुविधाएं

खेल यूनिवर्सिटी में फुटबाल, हॉकी एस्ट्रोटर्फ, सिंथेटिक ट्रैक, ओलंपिक साइज स्वीमिंग पूल, शूटिंग रेंज और साइकिल ट्रैक भी होगा। मल्टीपरपज हॉल, जिमनेजियम, योगा हॉल, गार्ड रूम, बास्केट बॉल, लॉन टेनिस, वॉलीबॉल, 60 मीटर शूटिंग रेंज, 90 मीटर शूटिंग रेंज व 125 मीटर शूटिंग रेंज, 100 मीटर ट्रैक, हाकी ग्रांउड, फुटबॉल, एथलेटिक्स, हैंडबॉल कोर्ट आदि खेल भी यहां होंगे।

राफ्टिंग, रोइंग जैसे जलीय खेलों का भी होगा प्रशिक्षण

खेल यूनिवर्सिटी में राफ्टिंग व रोइंग जैसे जलीय खेलों का प्रशिक्षण भी होगा। इसके अलावा ओलिंपिक खेल जैसे शूटिंग रेंज, शानदार ट्रैक एवं फील्ड के अलावा खो-खो जैसे परंपरागत खेल को प्रोत्साहन देने के लिए भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। वहीं जैवलिन थ्रो, भारोत्तोलन, कुश्ती, हॉकी, वॉलीबॉल के अलावा टर्फ युक्त मैदानों के साथ ओलिंपिक आकार का स्विमिंग पूल व साइकिलिंग ट्रैक बनाए जाएंगे। आउटडोर गेम्स के लिए 20 से 25 हजार और इंडोर गेम्स के लिए करीब पांच हजार की क्षमता वाले होंगे।

इनररिंग रोड की उम्मीद जगी

प्रदेश सरकार ने बजट में शहरों में इनररिंग रोड, बाईपास, चौराहों पर फ्लाईओवर आदि के निर्माण के लिए 12 सौ करोड़ रुपये के बजट की व्यवस्था की गई है। मेरठ में भी इनररिंग रोड का प्रस्ताव गया हुआ है, ऐसे में इस बजट में मेरठ को भी इनररिंग रोड की उम्मीद जग गई है।

मॉडल सोलर सिटी के रूप में विकसित होगा अयोध्या व नोएडा 

अयोध्या शहर को मॉडल सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त प्रदेश के 16 नगर निगमों एवं नोएडा शहर को भी सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। 

यूपी के वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने अपने बजट भाषण में बताया कि प्रदेश ऊर्जा के अतिरिक्त स्रोतों के विकास के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसके लिए प्रदेश में सौर ऊर्जा विद्युत उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये प्रख्यापित उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति-2022 के अन्तर्गत आगामी 05 वर्षों में 22,000 मेगावॉट विद्युत उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।

अयोध्या शहर को मॉडल सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त प्रदेश के 16 नगर निगमों एवं नोएडा शहर को भी सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश राज्य जैव ऊर्जा नीति-2022 के अन्तर्गत कम्प्रेस्ड बायो गैस, बायो-कोल, बायो-डीजल/बायो-एथेनॉल से सम्बन्धित 53 परियोजनाओं की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है तथा 24 परियोजनाएं स्थापित की जा चुकी हैं।सौर ऊर्जा नीति-2022 के अन्तर्गत रोजगार सृजन एवं कौशल विकास हेतु वर्ष 2025-2026 में 3000 सूर्यमित्रों को कौशल विकास हेतु प्रशिक्षण दिया जायेगा।

वर्ष 2017 के पहले प्रदेश में बिजली आपूर्ति की व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई थी

वित्तमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 के पहले प्रदेश में बिजली आपूर्ति की व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई थी। न छात्रों को पढ़ाई के लिये बिजली मिलती थी, न ही किसानों को सिंचाई के लिये। अस्पतालों और औद्योगिक इकाईयों को बिजली नहीं मिलती थी। गर्मियों में पूरे प्रदेश की जनता बदहाल रहती थी। रातों में शहर के शहर अंधेरे में डूबे रहते थे। आज स्थिति पूरी तरह बदल चुकी है। लोगों के घरों में रोशनी है, गर्मियों में निर्बाध बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की गई है.प किसानों को सिंचाई के लिये बिजली उपलब्ध है। अजमते जिन्दगी की कसम है हमें, जरें-जरें में महफिल सजा देंगे हम, तेरे दीवारो-दर जगमगा देंगे हम।

वर्ष 2024-2025 में माह दिसम्बर तक औसत आपूर्ति ग्रामीण क्षेत्र में 20 घण्टे 35 मिनट, तहसील मुख्यालय में 22 घण्टे 36 मिनट तथा जनपद मुख्यालय में 24 घण्टे रही। प्रदेश में दिनांक 01 अप्रैल, 2022 से दिनांक 31 दिसम्बर, 2024 तक कुल 1.87,873 निजी नलकूप संयोजन निर्गत किये गये। कृषि फीडरों के पृथक्कीकरण की योजना के अन्तर्गत 4.680 फीडर्स के लक्ष्य के सापेक्ष 3,817 कृषि फीडर्स का निर्माण कराया जा चुका है।

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम द्वारा वर्ष 2024-2025 में दिसम्बर माह तक 7140 मेगावॉट ताप विद्युत उत्पादन क्षमता व संयुक्त उपक्रम में चलित 1980 मेगावॉट ताप विद्युत उत्पादन क्षमता एवं 37,056 मिलियन यूनिट ताप विद्युत उत्पादन प्राप्त किया गया। गैर पारम्परिक ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने हेत पम्प स्टोरेज जल विद्युत परियोजना की स्थापना 3953 करोड़ रुपये की लागत से प्रस्तावित है। 

यह परियोजना चार वर्षों में पूर्ण होगी। परियोजना हेतु 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। कोल इण्डिया लिमिटेड के साथ उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड द्वारा संयुक्त उपक्रम के रूप में जनपद जालौन में 500 मेगावॉट की सौर ऊर्जा परियोजना की स्थापना प्रस्तावित है। 

परियोजना की लागत 2500 करोड़ रुपये अनुमानित है। परियोजना हेतु 150 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। एन.टी.पी.सी. ग्रीन एनर्जी लिमिटेड तथा उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड द्वारा संयुक्त उपक्रम के माध्यम से तहसील गरौठा जनपद झाँसी में 200 मेगावॉट सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना प्रस्तावित है, जिसकी अनुमानित लागत 500 करोड़ रुपये है। परियोजना हेतु 80 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

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