एफआईआर में देरी हुई तो होगा निलंबन- डीआईजी 

3 महीने से ज्यादा एक पीआरवी पर नहीं रहेंगे पुलिसकर्मी

 डीआईजी:कलानिधि नैथानी ने की अपराध समीक्षा

मेरठ।डीआईजी मेरठ रेंज कलानिधि नैथानी द्वारा गुरुवार को मेरठ पुलिस लाइन सभागार में पुलिस पेंशनर्स के साथ गोष्ठी की। पुलिस लाइन स्थित कंट्रोल रूम व यूपी-112 का वार्षिक निरीक्षण किया। इसके बाद सभी सीओ-थाना प्रभारियों के साथ अपराध गोष्ठी की गई।

डीआईजी कलानिधि नैथानी ने कहा कि प्रत्येक थाने पर पेंशनर्स की लगातार गोष्ठी की जाए। बीट आरक्षी की बीट बुक में पेंशनर्स का विवरण अंकित करें। बीट आरक्षी नियमित रूप से उनसे मिलते रहें।डीआईजी ने कहा कि यूपी-112 कार्यालय में 1 दरोगा शिफ्टवार 24 घंटे ड्यूटी पर रहें। महत्वपूर्ण सूचना के बारे में सीसीआर-डीसीआर के साथ-साथ चौकी प्रभारी, थाना प्रभारी, सीओ, एडिशनल एसपी एवं एसएसपी को तत्काल अवगत कराएं। पीआरवी-112 के वाहनों का संवेदनशीलता के आधार पर रूट का निर्धारण करें। एक वर्ष से एक ही सर्किल की पीआरवी पर नियुक्त पुलिस कर्मियों को ड्यूटी में बदलाव करें। तीन माह से किसी एक ही थाने की पीआरवी पर नियुक्त पुलिस कर्मियों की पीआरवी बदली जाए। किसी भी पुलिसकर्मी को ऐसे थानों की पीआरवी में नियुक्त न किया जाये जिन थानों में वह यूपी-112 की नियुक्ति से पूर्व तैनात रहा हो।

डीसीआर-सीसीआर में नियुक्त समस्त अधिकारी-कर्मचारी ड्यूटी के दौरान वर्दी धारण करेंगे। डीसीआर-सीसीआर में नियुक्त समस्त अधिकारी-कर्मचारियों को जनपद की भौगोलिक स्थिति की जानकारी होनी चाहिये।डीआईजी ने कहा कि ट्रैफिक कंट्रोल रूम को सीसीटीवी कंट्रोल रूम से समन्वित किया जाए, जिससे किसी भी घटना पर त्वरित कार्यवाही की जा सके।जनपद के सभी चौकी इंचार्जों की लोकेशन रात्रि के अतिरिक्त दिन में भी आकस्मिक रूप से कम से कम 2 बार अवश्य लें। चौकी इंचार्जों के सीयूजी नंबर की सूची डीसीआर-सीसीआर तथा डायल-112 में चस्पा होनी चाहिए।चौकी इंचार्जों के सीयूजी नंबर बंद मिलने पर स्पष्टीकरण लें।

अपराध की समीक्षा में उन्होंने मेरठ के सर्किल सदर देहात में पूरे वर्ष मे एनडीपीएस का एक भी मुकदमा दर्ज नहीं होने पर नाराजगी जताई। थाना कंकरखेड़ा और थाना जानी में अपराध बढ़ने पर सीओ को लगातार मॉनीटरिंग करने के निर्देश दिए।डीआईजी ने कहा कि कई थानों में मुकदमा देर से पंजीकरण करने के मामले सामने आए हैं, ऐसा आगे हुआ तो कार्रवाई होगी। एक महीने तक विवेचना लंबित रहने पर क्षेत्राधिकारी तथा दो माह लंबित रहने पर अपर पुलिस अधीक्षक और तीन माह पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक खुद संज्ञान लेंगे।डीआईजी ने कहा कि न्यायालय के आदेश पर दर्ज संगीन घटनाओं को ठंडे बस्ते में न डालें उनका त्वरित निस्तारण करें। गंभीर अपराध हत्या, लूट, डकैती, गैंगरेप, गौ तस्करी, वाहन चोरों, मादक पदार्थ तस्करों के विरुद्ध गैंगस्टर की कार्रवाई करके संपत्ति जब्तीकरण की कार्रवाई करें।सक्रिय गैंग का पंजीकरण करने और पुरस्कार घोषित, गैंगस्टर एक्ट में वांछित अपराधियों की शीघ्र गिरफ्तारी करें। नाबालिक बच्चों-गुमशुदाओं-अपहृताओं की सकुशल बरामदगी हेतु टीमें गठित करें।

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