महामंडलेश्वर बनते रो पड़ी ममता कुलकर्णी ,बोली अब बॉलीवुड नहीं जाना
प्रयागराज, एजेंसी। महाकुंभ में बॉलीवुड एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी ने शुक्रवार को संन्यास ले लिया। किन्नर अखाड़े ने उन्हें महामंडलेश्वर की पदवी दी। दीक्षा के बाद उनका नाम बदलकर श्रीयामाई ममता नंद गिरि हो गया।7 घंटे की तपस्या के बाद उन्होंने संगम में डुबकी लगाई। अपना पिंडदान किया। शाम को किन्नर अखाड़े में ममता साध्वी वेष में दिखीं। गले में रुद्राक्ष माला थी। शरीर पर भगवा वस्त्र। आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने पहले प्रतीकात्मक तौर पर उनके बाल काटे, फिर दूध से अभिषेक किया। इसके बाद हर-हर महादेव के जयकारों के साथ उनको अखाड़े मेंं धर्मध्वजा के नीचे पट्टाभिषेक कराया गया।
पट्टाभिषेक के दौरान ममता कुलकर्णी रो पड़ीं। ममता ने अखाड़े के संतों से आशीर्वाद लिया। फिर छत्र, चंवर के साथ दिखीं। सबको आशीर्वाद देती नजर आईं। उन्होंने कहा, यह महादेव और महाकाली का आदेश था। यह मेरे गुरु का आदेश था। उन्होंने इस दिन को चुना। मैंने कुछ नहीं किया। ममता का पट्टाभिषेक देखने अखाड़े में 10 हजार लोग पहुंचे।पट्टाभिषेक के बाद ममता कुलकर्णी ने कहा, अब मुझे बॉलीवुड में नहीं जाना है। अब मुझे सनातन के लिए आगे काम करना है। कल मैं यह सोच रही थी कि 12 साल पहले मैं आयी थी और आज यहां हूं। मुझे आज काशी जाना था, लेकिन आज यहां मेरे सामने ब्रह्मा, विष्णुजी और महेश सामने दिख गए। मैंने तत्काल निर्णय लिया कि 23 साल की तपस्या का आज सर्टिफिकेट तो बनता है।आज से मैं समाज के लिए काम करूंगी। जब मैंने बॉलीवुड को त्यागा था, तो भी मैं बहुत बुरे वक्त में नहीं थी। ममता ने कहा, बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ जो हो रहा है, वह गलत है।
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