ये कैसे
 आदेश यहां तो आदेशों को ताक पर रख कर दिया जा रहा बिना हेलमेट के पेट्रोल 

आदेश का पंप संचालकों के कर्मचारियों में कही नहीं दिखा  

 मेरठ । बेशक मेरठ समेत पूरे प्रदेश में नो हेलमेट नो पेट्रौल के नियमों को सख्ती से पालन करने के लिए दावा किया जा रहा हाे लेकिन हकीकत कुछ और ही बंया कर रही है। मेरठ शहर के कई पेट्रोल पंपों पर जाकर वहां "नो हेलमेट नो पेट्रोल" अभियान की जमीनी हकीकत को परखने की कोशिश की। लेकिन मौके पर बहुत ज्यादा बदलाव होता कहीं नजर नहीं आया। जबकी जिला मुख्यालय से महज 50 मीटर की दूरी पर ही एक पेट्रोल पंप स्थित है। तो वहीं तीन पेट्रोल पंप एक किलोमीटर के ही दायरे में हैं। लेकिन डीएम के निर्देश के बाद जिलापूर्ति विभाग की ओर से दिए गये निर्देश का कहीं भी सख्ती से पालन नहीं हो रहा। हालाकि पेट्रोल पंपों में 'नो हेलमेट नो पेट्रोल' के होर्डिंग जरुर रस्म अदायगी के लिए लगे दिखे। बकायदा अनाउंसमेट किया जा रहा था लेकिन नियमों का कही से पालन होता दिखाई नहीं दे रहा था।"नो हेलमेट नो पेट्रोल" कैंपेन को लेकर कई दोपहिया वाहन चालकों से बातचीत की गई जिसमें वो बताते नजर आए कि उन्हें ऐसे किसी नियम की जानकारी नहीं थी, अब आगे से वो हेलमेट लगाकर निकलेंगे।किसी ने कहा आदेश तो आते रहते है। 

 बोले अधिकारी 

वहीं इस अभियान को लेकर मेरठ में वरिष्ठ एआरटीओ प्रवर्तन आरवी कर्दम ने बताया कि, इस बारे में 8 जनवरी को निर्देश जिला पूर्ति विभाग को दिए गये थे। उन्होंने बताया कि अब इस विषय में पालन कराने की जिम्मेदारी जिलापूर्ति विभाग को सौंपा गई हैं। तो एक्सीडेंट में कमी आ सके।

 जिला पूर्ति अधिकारी विनय कुमार का कहना है कि ट्रांसपोर्ट कमिश्नर की तरफ से इस बारे में निर्देश दिए गये थे कि सड़क सुरक्षा को लेकर शहरी क्षेत्र के पेट्रोल पंपों पर ये सुनिश्चित किया जाए कि हेलमेट नहीं लगाने वाले वाहन चालक को पेट्रोल न दिया जाए। कुमार ने ये भी कहा कि इस बारे में डीएम ने भी बैठक करके निर्देश दिए थे। पेट्रोल पंपों पर इसको लेकर बैनर भी लगवाए गये हैं। उनका दावा है कि इसका असर भी देखने को मिल रहा है। जिला पूर्ति अधिकारी ने बताया कि स्पष्ट निर्देश दिए गये हैं कि जो नियम न मानें उन्हें पेट्रोल न दिया जाए।

मेरठ जिले की बात करें तो जिले में करीब 210 पेट्रोल पंप हैं, जिनमें से सिर्फ शहरी क्षेत्र की बात करें तो यहां लगभग सौ पेट्रोल पंप हैं। जिले के अफसर तो यहां तक दावा कर रहे हैं कि ग्रामीण क्षेत्र में भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है। जिला पूर्ति अधिकारी विनय कुमार के मुताबिक ये भी निर्देश दिया गया है कि अगर कोई बिना हेलमेट के पेट्रोल पंप पर दोपहिया वाहन लेकर पहुंचता है और इस नियम को लेकर आपत्ति दर्ज करता है तो उनके वाहन का नंबर लिख लेंऔर उन्हें संबंधित विभाग को भेज दें। विभाग फिर अपने स्तर से ऐसे लोगों पर एक्शन लेगा। बता दें कि मोटर व्हीकल एक्ट 1988 की धारा 29 के तहत बाइक, स्कूटर, मोपेड आदि दोपहिया चलाने वाले को हेलमेट पहनना जरूरी है।

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