मेरठ के दो बेटियाें अन्नू व प्रीति पाल को मिला अुर्जन पुरस्कार
17 जनवरी को राष्ट्रपति के हाथों होगी सम्मानित ,दोनो परिवारों में छाया खुशी का माहौल
मेरठ । गुरूवार को खेल मंत्रालय से खेल पुरस्कारों की घोषणा कर दी। जिसमें मेरठ की दो बेटियों को अुर्जन पुरस्कार दिया गया है। आगामी 17 जनवरी को राष्ट्रपति दो महिला खिलाड़ियों को राष्ट्रपति भवन में सम्मानित करेगी। वहीं अुर्जन पुरस्कार की घोषणा के बाद मेरठ के कसेरू बक्सर व बहादुरपुर गांव में जश्न का माहैाल है।
जैसे की पहले से ही उम्मीद की जा रही थी। इस बार मेरठ के भाला फेंक अन्नू रानी व पैरा एथलीट प्रीति पाल को पुरस्कार मिल सकता है। ठीक उसी के अनुरूप खेल मंत्रालय द्वारा पुरस्कार की घोषणा में दोनो काे अुर्जन पुरस्कार मिला है। जिसकी दोनो हकदार थी। पुरस्कार की घोषणा होते ही बहादुरपुर व कसेरू बक्सर में खुशी का माहौल छा गया। मेरठ के लिए यह गर्व की बात है।जिन्होंने मेरठ का नाम रोशन करते हुए अर्जुन पुरस्कार किया।
अब जरा अन्न रानी के बारे में जानने का प्रयास करते है। किसान अमर पाल के घर में जन्मी अन्नु का पता उसके बचपन से चल गया था। जब वह गन्ने की सुखी डंडी को दूर तक फेंकती थी। अपनी की हुनर को भाई उपेन्द्र ने बखूबी पहचाना । भाई ने अन्न को खाली मैदान में लकड़ियों को दूर तक फेंकने का प्रशिक्षण दिया।अन्नू ने कैलाश प्रकाश स्पोर्टस स्टेडियम से प्रशिक्षण लेना आरंभ किया। 2010 में अन्नू ने पहली बार भाला हाथ में पकड़ा । उसके बाद उसने पीछे मुड़कर नहीं दिखा। अन्नू रानी को शुरू में काशीनाथ नाइक ने प्रशिक्षित किया था और अब बलजीत सिंह उन्हें प्रशिक्षित करते हैं।
लखनऊ में 2014 के राष्ट्रीय अंतर-राज्यीय एथलेटिक्स चैंपियनशिप में , रानी ने 58.83 मीटर के थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता, 14 साल पुराना राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ दिया और 2014 के राष्ट्रमंडल खेलों के लिए क्वालीफाई किया जहां वह आठवें स्थान पर रहीं। बाद में वर्ष में, उन्होंने दक्षिण कोरिया के इंचियोन में एशियाई खेलों में 59.53 मीटर के थ्रो के साथ कांस्य पदक जीता । दो साल बाद उन्होंने 60.01 मीटर के थ्रो के साथ राष्ट्रीय अंतर-राज्यीय एथलेटिक्स चैंपियनशिप में फिर से अपना रिकॉर्ड तोड़ा। मार्च 2019 में, उन्होंने पंजाब के पटियाला में राष्ट्रीय सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 62.34 मीटर के थ्रो के साथ फिर से अपना रिकॉर्ड तोड़ा ।अन्नूरानी ने 21 अप्रैल 2019 को कतर में 23वीं एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में रजत पदक जीता , जिससे वह विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई कर गईं और विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भाग लेने वाली पहली भारतीय महिला भाला फेंक खिलाड़ी बन गईं।उन्होंने चेक गणराज्य के ओस्ट्रावा में IAAF वर्ल्ड चैलेंज इवेंट गोल्डन स्पाइक ओस्ट्रावा में कांस्य पदक जीता । उन्होंने 2020 में एथलेटिक्स में स्पोर्टस्टार एसेस स्पोर्ट्सवुमेन ऑफ द ईयर अवार्ड जीता उन्होंने 59वीं राष्ट्रीय ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में महिलाओं की भाला फेंक स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता।
अब जरा प्रीति पाल के बारे में जानने का प्रयास करते है। प्रीति गांव कसेरू बक्सर निवासी है। । प्रीति एक सामान्य परिवार से आती हैं। एथलेटिक्स में करियर बनाना उनके लिए बिल्कुल भी आसान हीं रहा। उनके पिता का नाम अनिल कुमार है जो कि दूध की डेयरी चलाते हैं। प्रीति का संघर्ष किसी प्रेरणा से कम नहीं है। प्रीति को बचपन में ही सेरेब्रल पाल्सी का पता चला था। सेरेब्रल पाल्सी एक ऐसी बीमारी है जिसमें दिमाग और शरीर मांसपेशियों के बीच सही से संवाद नहीं हो पाता है। यही कारण है कि इस बीमारी में व्यक्ति किसी भी चीज पर रिएक्ट करने में अधिक समय लेता है।
बता दें कि प्रीति के पिता ने मेरठ में ही उनका इलाज कराने का काफी प्रयास किया, लेकिन वह पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाई। हालांकि, इसके बावजूद प्रीति का हौसला नहीं टूटा। बेहतर इलाज के लिए प्रीति दिल्ली आईं। यहीं पर वह जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में कोच गजेंद्र सिंह से मिली और उनके मार्गदर्शन में ट्रेनिंग लेना शुरू किया। इसके बाद देखते ही देखते प्रीति ने पैरा खेलों में अपनी एक अलग छाप छोड़ने लगी और अब पेरिस पैरालंपिक में दो-दो मेडल जीतकर इतिहास रच दिया।प्रीति पाल ने पेरिस 2024 पैरालंपिक में इतिहास रच दिया।महिलाओं के 100 मीटर T35 वर्ग में कांस्य जीतकर ट्रैक स्पर्धाओं में पैरालंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय एथलीट बनी ।23 वर्षीय भारतीय पैरा-एथलीट ने 14.21 सेकेंड का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय दर्ज किया, और पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के झोउ जिया और कियानकियान गुओ से पीछे रहीं, जिन्होंने क्रमशः 13.58 और 13.74 सेकेंड का समय दर्ज किया।प्रीति ने गत वर्ष की शुरुआत में जापान के कोबे में विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में महिलाओं की 200 मीटर T35 स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर अपने पहले पैरालंपिक के लिए क्वालीफाई किया था।
प्रीति पाल व अन्न रानी परिवार में खुशी का माहौल छाया है। दोनो के पिता का कहना है बेटियों ने गर्व से सिर ऊंचा कर दिया है। उन्होंने अन्य लोगों को संदेश हुए कहा है वह कभी को लड़कों से कम न समझे। वह भी मुकाम हासिल कर सकती है।
No comments:
Post a Comment