इंडियन स्टेट वाले बयान को लेकर मुश्किल में राहुल गांधी
कोर्ट पहुंचा मामला, देशद्रोह का केस दर्ज करने की मांग
चंदौसी।काग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।उनके खिलाफ संभल की जिला अदालत में याचिका दायर की गई है।ये याचिका हिंदू शक्ति दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष और एवं हिंदूवादी नेता सिमरन गुप्ता के वकील सचिन गोयल की ओर से दायर की गई है जिसमें राहुल गांधी पर देशद्रोह के तहत FIR कराए जाने की मांग की गई है।
सिमरन गुप्ता की ओर से चंदौसी की जिला अदालत की MP/MLA कोर्ट में राहुल गांधी के विवादित बयान को लेकर याचिका दायर की गई है।याचिका में कहा गया है कि कांग्रेस सांसद ने 15 जनवरी को दिल्ली में कांग्रेस पार्टी के नए मुख्यालय के उद्घाटन के दौरान एक बयान दिया था। जिसमें राहुल ने कहा था कि उनकी लड़ाई सिर्फ बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से नहीं बल्कि इंडियन स्टेट से भी है।जिससे उसकी भावनाएं आहत हुई हैं।
‘राहुल का बयान देश की एकता के लिए खतरा’
सिमरन गुप्ता का कहना है कि 15 जनवरी को दिल्ली में कांग्रेस के नए मुख्यालय का उद्घाटन हुआ था।इस दौरान राहुल ने कहा था कि हमारी लड़ाई बीजेपी और आरएसएस से नहीं है, बल्कि इंडिया से भी है।गुप्ता का कहना है कि राहुल गांधी की टिप्पणी देश के लोगों का मजाक उड़ाती है और भारत की एकता और अखंडता के लिए खतरा पैदा करती है। राहुल की फितरत हमेशा आतंकवादियों और देशद्रोहियों का साथ देने की रही है। वह हमेशा हिंदुओं के लिए और देश के खिलाफ बोलते हैं।
असम में पहले से ही एक FIR दर्ज
सिमरन गुप्ता ने बताया कि उन्होंने इस मुद्दे पर 18 जनवरी को संभल के जिलाधिकारी और उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को एक पत्र भेजा था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसलिए उन्होंने आज (गुरुवार) राहुल गांधी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए अदालत में आवेदन दायर किया है। इस बयान को लेकर राहुल के खिलाफ असम में पहले से ही एक FIR दर्ज कराई जा चुकी है।
विशेष MP/MLA कोर्ट में याचिका दायर
गुप्ता के वकील सचिन गोयल ने बताया कि यह मामला विशेष MP/MLA कोर्ट में एसीजेएम आदित्य सिंह के समक्ष धारा 173(4) बीएनएसएस एक्ट के तहत दाखिल किया गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सांसद का बयान भारतीय लोकतंत्र और संविधान के प्रति अनादर को दर्शाता है और यह देश की एकता और अखंडता के खिलाफ है।इस तरह के बयान राष्ट्रीय हित के खिलाफ हैं. वकील ने दावा किया कि अदालत ने मामले को आगे की कार्यवाही के लिए स्वीकार कर लिया है। हालांकि अगली तारीख अभी जारी नहीं की गई है।
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