खाने के डिब्बों में हो रहे थे अवैध तमंचे सप्लाई

अवैध हथियारों की बड़ी फैक्ट्री का खुलासा,ऑनलाइन होती थी डील

मेरठ। थाना कोतवाली  पुलिस और स्वॉट टीम ने मिलकर मेरठ में अवैध हथियार बनाने की फैक्ट्री का भांडाफोड किया है। पुलिस ने मौके से 2 शातिर आरोपियों को अरेस्ट किया है। जो ऑनलाइन फोटो भेजकर अवैध तमंचों के ऑर्डर लेते थे। ऑर्डर डन होने के बाद खाने के डिब्बों और पैकेटों में तमंचा रखकर सप्लाई किया करते थे। पकड़े गए दोनों आरोपियों से पुलिस पूछताछ कर रही है। माना जा रहा है कि ये दोनों लोग मिलकर अब तक पश्चिमी यूपी के बाजार में लाखों रुपए के अवैध हथियार सप्लाई कर चुके हैं। इस काम में और लोग भी शामिल हैं। जिनकी पुलिस तलाश कर रही है।



एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने पुलिस लाइन में प्रेसवार्ता करते हुए पूरे मामले की जानकारी दी। बताया कि कोतवाली थाना पुलिस को काफी समय से अवैध हथियारों की सप्लाई, बनाने की सूचना मिल रही थी। शनिवार को मुखबिर से पता चला कि दो लोग हैं जो आज रात अवैध हथियारों की सप्लाई देने वाले हैं। सूचना पर स्वॉट टीम और थाना पुलिस ने छापेमारी की थी। पुलिस ने कोतवाली के महल तोपचीवाडा में खाली पड़े मकान में छापा मारने पहुंची। जहां अवैध हथियार बनाने की फैक्ट्री चलती मिली है।यहां मौके से पुलिस ने शौकीन पुत्र जुम्मा जो तितावी मुजफ्फरनगर का रहने वाला है उसे अरेस्ट किया है। उसके साथ ही इकबाल पुत्र सुलेमान को भी अरेस्ट किया है। इन दोनों के पास से काफी संख्या में 315 बोर बने हुए, अवैध देसी तमंचे, अधबने तमंचे और हथियार बनाने का सामान मिला है।शनिवार देर रात पुलिस ने यह छापेमारी कर फैक्ट्री को पकड़ा है। दोनों आरोपियों से पुलिस पूछताछ कर रही है। वहीं इनके अन्य साथियों की तलाश की जा रही है। दोनों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपी शौकीन पर 1 और इकबाल पर 7 मुकदमे दर्ज हैं। दोनों पर मुजफ्फरनगर तितावी में ये मुकदमे लिखे गए हैं। दोनों से पुलिस पूछताछ कर रही है। आखिर ये लोग इन हथियारों को कहां बेच रहे थे। किसके लिए ये दोनों मिलकर ये अवैध हथियार बनाते हैं और सप्लाई करते हैं।पकड़े गए दोनों आरोपी इकबाल, शौकीन ने बताया कि ये लोग बेहद शातिराना तरीके से ये कारोबार कर रहे थे। लंबे समय से इनका ये काम चल रहा है। ये लोग व्हाट़्सएप पर तमंचों की तस्वीरें भेजते थे। बिचौलियों के माध्यम से ये तस्वीरें खरीददारों तक भेजी जाती थीं। खरीददार तस्वीरें देखकर तमंचा पसंद करता। उसके बाद इकबाल, शौकीन उस तस्वीर के अनुसार हथियार बनाकर तैयार करते। फिर तमंचे को खाने के डिब्बे, झोले, खाने की चीजों वाले पैकेटों में रखकर खरीददार को बेचते थे। बिचौलियों के जरिए ऑनलाइन पूरी डील होती थी। फूड पैकेटों की आड़ में अवैध हथियार बेचते जिसके कारण किसी को इन पर शक न हो ये लोग पुलिस की नजर से इसलिए बचे रहे। 3-5 हजार रुपए कीमत में ये तमंचा बेचते थे। पुलिस को इनके पास 10 बने और 12 अधबने तमंचे, कारतूस बरामद हुए हैं। हथियार बनाने का सामान भी मिला है।

दोनों लोग अब तक मेरठ, मुजफ्फरनगर में काफी संख्या में अवैध हथियार बेच चुके हैं। बिचौलियों के माध्यम से सप्लाई करते थे। ये दोनों ही लोग जगह बदल बदलकर काम करते थे। अपने साथ पूरे इक्वपमेंट लेकर चलते थे। जहां मौका लगा वहीं बैठकर अवैध हथियार बनाने का काम चालू कर देते थे।एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि इकबाल पहले भी बुलंदशहर और मुजफ्फरनगर के तितावी थाने से जेल जा चुका है। पुलिस ने दोनों के मोबाइल फोन जब्त किए हैं। जिनकी जांच कर रही है। इन दोनों के मोबाइल फोन से इनके दूसरे साथियों, बिचौलियों की जानकारी की जा रही है। ऑनलाइन भी किस तरह अवैध हथियारों की खरीद, फरोख्त होती थी वो भी चैक किया जा रहा है।


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