गोविंद मिश्र और सीतांशु यशचंद्र को किया जाएगा आकाशदीप से सम्मानित

मेरठ : हिंदी के प्रख्यात कवि और लेखक गोविंद मिश्र और गुजराती के प्रख्यात कवि, नाटककार और आलोचक सीतांशु यशश्चंद्र को लेखन और जीवन में उनके समग्र आजीवन योगदान के लिए अग्रणी हिंदी समाचार समूह अमर उजाला द्वारा स्थापित सर्वाेच्च सम्मान आकाशदीप से सम्मानित किया जाएगा। 
19 अगस्त, 1941 को गुजरात के कच्छ में जन्मे सीतांशु यशश्चंद्र को गुजराती भाषा की आधुनिक कला और साहित्य में उनके अतुलनीय योगदान के लिए चुना गया है जबकि 1 अगस्त, 1939 को उत्तर प्रदेश के बांदा में जन्मे गोविंद मिश्र को हिंदी लेखन के क्षेत्र में उनके अद्वितीय योगदान के लिए इस सम्मान के लिए चुना गया है। अब तक आकाशदीप के अंतर्गत हिंदी के साथ-साथ कन्नड़, मराठी, बंगाली, उड़िया और मलयालम को लिया गया है। इस वर्ष गुजराती का चयन किया गया है। गैर-हिंदी भारतीय भाषाओं के लिए गिरीश कर्नाड, भालचंद्र नेमाड़े, शंख घोष, प्रतिभा राय, एमटी वासुदेवन नायर और हिंदी में नामवर सिंह, ज्ञान रंजन, विश्वनाथ त्रिपाठी, शेखर जोशी और विनोद कुमार शुक्ल को आकाशदीप पुरस्कार दिया गया है।

युगल जोशी, ध्रुव शुक्ला, ज्योति चावला, किंशुक गुप्ता और सुभाष नीरव को मिलेगा श्रेष्ठ कृति सम्मान: अमर उजाला शब्द सम्मान-2024 के तहत वर्ष 2023 में प्रकाशित सर्वश्रेष्ठ हिंदी कृतियों के लिए शब्द सम्मान की भी घोषणा की गई है। छाप श्रेणी में ज्योति चावला के संग्रह ये उनिंदी रातों का समय है को कविता की सर्वश्रेष्ठ कृति के रूप में चुना गया है। फिक्शन श्रेणी में युगल जोशी के उपन्यास अग्निकल और नॉन-फिक्शन श्रेणी में ध्रुव शुक्ला की कृति वा घर सबसे न्यारा को वर्ष की श्रेष्ठ कृति के रूप में सम्मानित किया जाएगा। किसी लेखक की पहली किताब का पुरस्कार थाप किंशुक गुप्ता को उनकी कृति ये दिल है कि चोर दरवाजा के लिए दिया जाएगा। भारतीय भाषाओं में अनुवाद के लिए भाषा बंधु पुरस्कार तुम क्यों उदास हो (पंजाबी मूलः कुलबीर बड़ेसरों) के हिंदी अनुवाद के लिए सुभाष नीरव को दिया जाएगा।

इन पुरस्कारों में एक-एक लाख रुपये की राशि, एक प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिन्ह के रूप में गंगा प्रतिमा शामिल है। प्रख्यात कवि आलोक धन्वा, सुप्रसिद्ध कथाकार संजीव, सुप्रसिद्ध आलोचक वागीश शुक्ल, वरिष्ठ लेखक-संपादक विश्वनाथ सचदेव और सुप्रसिद्ध कथाकार अखिलेश की उच्च स्तरीय जूरी ने इन कृतियों को अपनी कसौटी पर परखा है। अमर उजाला शब्द सम्मान जल्द ही एक समारोह में प्रदान किया जाएगा।
आकाशदीप पुरस्कार विजेताओं के उद्धरण
यह भाषाओं के बीच सबसे सुंदर पुल है। -सितांशु यशश्चन्द्र,
एक गौरवशाली परंपरा का हिस्सा बनना अपने आप में एक महान एहसास है। -गोविंद मिश्रा

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