जेपीसी ने स्वीकारा संशोधित विधेयक और मसौदा रिपोर्ट

- सांसदों को असहमति दर्ज कराने के लिए दिया वक्त
नई दिल्ली (एजेंसी)।
संसद की संयुक्त समिति ने बुधवार को वक्फ (संशोधन) विधेयक की रिपोर्ट और प्रस्तावित कानून के संशोधित संस्करण को बहुमत से पारित कर दिया। इस विधेयक को 15-11 मतों से मंजूरी मिली। मंजूरी मिलने के बाद विपक्षी सदस्यों ने इस विधेयक की आलोचना की है और इसे असंवैधानिक बताया।
 उनका कहना है कि यह विधेयक सरकार को मुसलमानों के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करने का अधिकार देता है, जिससे वक्फ बोर्ड का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। हालांकि समिति ने सांसदों को अपनी असहमति दर्ज कराने के लिए शाम 4 बजे तक का समय दिया गया है।
समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि विधेयक में किए गए कई संशोधनों ने विपक्ष की चिंताओं का समाधान किया है। उनका कहना था कि जब यह विधेयक पारित होगा, तो वक्फ बोर्ड को अपने काम को पारदर्शी और प्रभावी तरीके से करने में मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी बताया कि इस विधेयक के तहत पहली बार पसमांदा मुसलमानों (जो पिछड़े वर्ग के हैं), गरीबों, महिलाओं और अनाथों को वक्फ के लाभार्थियों में शामिल किया गया है।
साथ ही मामले में वरिष्ठ भाजपा नेता ने बताया कि वक्फ (संशोधन) विधेयक की रिपोर्ट गुरुवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंपी जाएगी।
साथ ही विपक्षी दलों, जैसे कांग्रेस, डीएमके, टीएमसी, आप और एआईएमआईएम के सांसदों ने विधेयक की तीखी आलोचना की। कुछ विपक्षी सांसदों ने अपनी असहमति दर्ज कराई है, जबकि अन्य ऐसा करने के लिए  शाम 4 बजे तक समय ले रहे थे।

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