अर्बन स्पार्क कार्यक्रम में आरजीपीजी ने की सहभागिता
मेरठ। मेरठ महोत्सव में शोभित यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित अर्बन स्पार्क 2024 कार्यक्रम में रघुनाथ गर्ल्स पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज, की छात्राओं ने सहभागिता की । कार्यक्रम में विभिन्न यूनिवर्सिटीज तथा कॉलेजेस के छात्र-छात्राओं द्वारा इनोवेटिव आइडियाज़ एवम सोसाइटी वेल-बीइंग प्रोजेक्टएस की पावर पॉइंट प्रेजेंटेशंस प्रेजेंट की गई ।
अर्बन स्पार्क कार्यक्रम में महाविद्यालय से पीजी वनस्पति विज्ञान विभाग की दो छात्राएं निदा और खुशी चौधरी ने अपने स्टार्ट-अप प्रपोजल की प्रेजेंटेशन प्रस्तुत की । इन छात्राओं के प्रेजेंटेशन का विषय "कृषि और घरों से उत्पन्न होने वाले कार्बनिक कचरे का कार्बनिक खाद में परिवर्तन” रहा । प्रेजेंटेशन में कुमारी निदा ने बताया की घरों से निकलने वाला कार्बनिक कचरा और कृषि से उत्पन्न बचा हुआ कचरे को हम बहुत आसान तरीके से बायोफर्टिलाइजर में बदल सकते हैं। यह कार्बनिक खाद पौधों के लिए अत्यंत लाभकारी है और रासायनिक खाद के स्थान पर बायोकंपोस्ट का प्रयोग किया जाना चाहिए ।
कुमारी खुशी चौधरी ने बताया की घरों से निकलने वाला कार्बनिक कचरा और कृषि से उत्पन्न फसल की कटाई के बाद बचा हुआ कचरा अधिकतर कूड़े की तरह फेंक दिया जाता है या जला दिया जाता है जिससे अत्यंत हानिकारक गैसें वातावरण में निकलती हैं और हवा, पानी और मिट्टी को प्रदूषित करती हैं। कचरें से जैविक खाद बनाकर हम वातावरण को प्रदूषित होने से बचा सकते हैं । छात्राओं ने आगे बताया कि इस दिशा में कार्य करते हुए रघुनाथ गर्ल्स पी जी कॉलेज में एक बायोकंपोस्ट तथा वर्मिकॉम्पिस्ट लघु यूनिट लगा हुआ है जिसमें महाविद्यालय की मैस और कैंटीन से निकलने वाला कार्बनिक कचरे से और मेरठ की डेरियों से निकला हुआ गोबर का प्रयोग करके बायोकंपोस्ट और वर्मी कंपोस्ट बनाकर उचित मूल्य में उपलब्ध कराया जाता हैं । महाविद्यालय में चल रही इस बायोकंपोस्ट इकाई की इंचार्ज डॉक्टर अनुपमा सिंह और डॉक्टर मधु मालिक, असिस्टेंट प्रोफेसर, वनस्पति विज्ञान विभाग, हैं । अर्बन स्पार्क कार्यक्रम में छात्राओं के साथ एमएससी वनस्पति विज्ञान विभाग की कोऑर्डिनेटर डॉक्टर गरिमा मलिक भी मौजूद रहीं और छात्राओं का मार्गदर्शन किया । प्राचार्य निवेदिता मलिक जी ने छात्राओं का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि इस तरह के स्टार्टअप शुरू करके छात्राएं कम लागत में स्वरोजगार की दिशा में कदम बढ़ा सकती हैं ।
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