हर्षदीप कौर ने  मेरठ में  सूफियाना अंदाज से लूटी महफिल

 देर रात तक दर्शक गीतों झूमने के लिए हुए मजबूर 

मेरठ। अंगुली पकड़ के तूने चलना सिखाया था न, दहलीज ऊंची है पार करा दे... बाबा मैं तेरी मल्लिका टुकड़ा हूं तेरे दिल का, एक बार फिर से दहलीज पार कर देजैसे हिट गीतों की बदौलत बहुत कम समय में संगीत की दुनिया की ऊंचाइयों को छूने वाली हर्षदीप कौर ने मंगलवार को क्रांति भूमि पर धमाल मचा दिया।

 विक्टोरिया पार्क में चल रहे मेरठ महोत्सव में बॉलीवुड गायिका हर्षदीप कौर ने अपनी आवाज का ऐसा जादू बिखेरा कि श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। हर्षदीप के गीतों पर झूमने के लिए मेरठ की जनता में दीवानगी देखी गई। जो तेरी खातिर तड़पे पहले से ही, क्या उसे तड़पाना, ओ जालिमा, जो तेरे इश्क में बहका पहले से ही, क्या उसे बहकाना, ओ जालिमा, ओ जालिमा हर्षदीप ने जब ये गीत पेश किया तो यहां मौजूद आशिकों की आशिकी की दीवानगी देखते ही बनती थी। युवाओं में हर्षदीप की दिवानगी साफ दिखाई दे रही थी। इसका गवाह खचाखच भर मैदान बन रहा था। लंबे समय तक यह याद किया जाएगा। 

 हर्षदीप कौर ने मेरठ के म्यूजिक स्ट्रूमैंट की जमकर तारीफ की । उन्होनें बताया वह अपने पिता के साथ कई बार मेरठ आयी है। मेरे पिता की म्यूजिक फैक्ट्री है। गाने का बचपन से शौक रहा है। 

मंगलवार को मीडिया के लिए जारी किए गए पासों की हुबहु कॉपी (नकली पास) लेकर कई लोग विक्टोरिया पार्क पहुंचे। प्रवेश द्वारों पर जब पुलिस ने उनके पास चेक किए तो यह फर्जी पाए गए। अत्यधिक भीड़ के चलते इन फर्जी पास धारकों के खिलाफ कोई कार्यवाही तो नहीं हो पाई लेकिन पुलिस ने ऐसे सभी फर्जी पास धारकों को गेट पर रोक दिया और वापस भेज दिया।कम समय में संगीत की ऊंचाइयों को छुआ। बताते चलें कि हर्षदीप कौर पंजाबी भाषा के अलावा हिंदी, पंजाबी, मलयालम, तमिल और उर्दू समेतकई भाषाओं पर गाना गाती हैं। हर्षदीप को 'दिलबरो', 'हीर', 'इक ओंकार', 'जालिमा', 'नचदे ने सारे', 'बारी बरसी', 'कबीरा', 'जुगनी जी', 'ट्विस्ट कमरिया' जैसे गानों के लिए चर्चा में रहीं हैं।


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