शीशों पर 2डी मैटेरियल्स की कोटिंग्स से इमारतों को गर्मियों में ठंडा और सर्दियों में गर्म रखा जाना संभव-   प्रोफेसर सुमीत वालिया 

मेरठ। चौधरी चरण सिंह विवि  में सोमवार  को सेंटर फॉर इंटरनेशनल कोऑपरेशन और भौतिकी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में " Two-Dimensional Materials for Next-Generation Electronics & Optoelectronics Technologies"  विषय पर प्रो. सुमीत वालिया, आरएमआईटी यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रेलिया द्वारा एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस व्याख्यान का उद्देश्य विद्यार्थियों और शोधार्थियों को द्वि-आयामी (2डी) मैटेरियल्स और उनके इलेक्ट्रॉनिक्स एवं ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक्स में उपयोग के नवीनतम तकनीकों के बारे में जागरूक करना था।

प्रो. सुमीत वालिया ने द्वि-आयामी सामग्री, जैसे MoS₂ (मॉलीब्डेनम डाइसल्फाइड) औरMoO3 molebdnum tri oxide  के अद्वितीय गुणों और उनकी उपयोगिता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इन सामग्रियों में अत्यधिक हल्कापन, उच्च यांत्रिक शक्ति, और बेहतर विद्युत व ऑप्टिकल गुण होते हैं, जो उन्हें पारंपरिक सामग्रियों से अधिक प्रभावी बनाते हैं। उन्होंने समझाया कि कैसे ऑस्ट्रेलिया में पतली ओजोन परत की के कारण पराबैंगनी विकिरण (UV radiation) से बचाव के लिए 2डी सामग्री के विशेष पैच तैयार किए जा रहे हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि इमारतों की खिड़कियों और दीवारों पर 2डी सामग्री की कोटिंग करके ऊर्जा की बचत की जा सकती है। गर्मियों में यह कोटिंग घर को ठंडा रखती है और सर्दियों में गर्म, जिससे ऊर्जा खपत में कमी आती है।

प्रो. वालिया ने न्यूरोमॉर्फिक कंप्यूटिंग के क्षेत्र में 2डी सामग्री के उपयोग की संभावनाओं पर भी चर्चा की, जिसमें अत्यधिक कुशल और ऊर्जा-संवेदनशील उपकरणों का निर्माण शामिल है। उन्होंने बताया कि ये सामग्री अगली पीढ़ी के ट्रांजिस्टर, सेंसर, फ्लेक्सिबल डिस्प्ले, सोलर सेल और ऑप्टिकल उपकरणों के विकास में क्रांति ला रही हैं।

उन्होंने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के छात्रों को आरएमआईटी यूनिवर्सिटी और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में उपलब्ध शोध अवसरों और छात्रवृत्ति के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने छात्रों को वैश्विक स्तर पर अनुसंधान में योगदान देने के लिए प्रेरित किया और अंतरराष्ट्रीय फेलोशिप प्राप्त करने की प्रक्रिया को विस्तार से समझाया।

इस अवसर पर चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रो. सुमीत वालिया को सेंटर फॉर इंटरनेशनल कोऑपरेशन के अंतर्गत एडवाइजरी काउंसिल के सदस्य के रूप में नामित किया।कार्यक्रम के दौरान प्रोफेसर संजीव कुमार, राजीव गांधी सेंट्रल यूनिवर्सिटी, इटानगर, विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

शोध निदेशक प्रोफेसर बीरपाल सिंह ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों और रैंकिंग पर आधारित एक प्रस्तुति दी। उन्होंने व्याख्यान के विषय पर चर्चा करते हुए कहा, "द्वि-आयामी सामग्री जैसी उन्नत तकनीकों पर व्याख्यान छात्रों और शोधकर्ताओं को नई जानकारी और वैश्विक स्तर पर अपने कौशल को बढ़ाने का अवसर प्रदान करते हैं।"

कार्यक्रम में डॉ. योगेंद्र गौतम, प्रोफेसर संजीव शर्मा, डॉ. कविता शर्मा , डॉ अनिल यादव सहित अनेक शिक्षक और शोधार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में भौतिक विभाग के विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर अनिल कुमार मलिक ने स्वागत और परिचय करते हुए विषय की प्रासंगिकता और इसके उपयोग के बारे में बताया।

कार्यक्रम का समापन प्रोफेसर संजीव शर्मा द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। उन्होंने मुख्य वक्ता प्रो. सुमीत वालिया और सभी उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों का आभार व्यक्त किया।कार्यक्रम का संचालन डॉ. कविता शर्मा ने किया। सेंटर फॉर इंटरनेशनल कोऑपरेशन के सदस्य प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा और डॉ. प्रियंका कक्कड़ भी उपस्थित रहे।इस व्याख्यान से छात्रों को न केवल द्वि-आयामी सामग्री की तकनीकी जानकारी प्राप्त हुई, बल्कि वैश्विक शोध एवं छात्रवृत्ति अवसरों के बारे में भी जागरूकता बढ़ी। ऐसे कार्यक्रम छात्रों को उनकी शैक्षिक और व्यावसायिक यात्रा को नई दिशा देने में सहायक सिद्ध होते हैं।

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