मेरठ। सोमवार को गढ़ रोड़ स्थित एक होटल में मेरठ चैप्टर ऑफ इंडियन सोसाईटी ऑफ मीनोपॉस द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमे मीनोपॉस का इस्टालेशन किया गया।
फाउण्डर प्रसिडेन्ट डी. भारती माहेश्वरी ने बताया कि "मीनोपॉस" या "मासिक माहवारी" का बन्द हो जाना महिलाओं में 45 से 50 वर्ष की आयु में होता है। यह एक नेचुरल प्रोसेस है। यह अच्छा भी है, क्योंकि महिला को मासिक माहवारी से मुक्ति मिल जाती है. परन्तु यह कुछ स्वास्थ्य समस्याओं की भी जननी है। मीनोपॉस के बाद इस्ट्रोजन की कमी से हड्डयाँ कमजोर होने लगती है, हॉट फ्लेशिस आने लगते हैं, दिल की बिमारियाँ बढ़ जाती है, कुछ कैंसर का भी खतरा हो जाता है, इत्यादी । इण्डियन मीनोपॉस सोसाइटी मिनोपॉसल ट्राइसिशन को सुखद बनाने में महिलाओं की मदद करने के लिए निरन्तर कार्यरत है।
मेरठ चोप्टर इसका 51 वाँ चेप्टर है। है पेट्न पदमश्री डॉ. ऊषा शर्मा ने बताया की मेरठ चेप्टर 70 फाउण्डर मेम्बर्स के साथ शुरू किया जा रहा है जो की अब तक का सबसे ज्यादा का रिकार्ड है। इसकी फाउण्डर प्रसिडेन्ट डी. भारती माहेश्वरी है जिनके अथक प्रयास से ही यह सम्भव हो पाया है।उपाध्यक्ष डी. प्रियेका गर्ग, सचिव डा. अजू रस्तोगी, कोषाध्यक्ष डा. काइ अर्चना गोयल, उपसचिव डा. कनिका सिंह मडड्राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. अंजु सोनी द्वारा किया गया। यह चैप्टर मेरी मेरठ की मीनोपॉसल महिलाओं के लिए बहुत लाभकारी होगा।
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