मिशन शक्ति - चरण 5

महिला सशक्तिकरण और उनके अधिकार एवं सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने पर चर्चा

मेरठ।महिला सशक्तिकरण और अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से मिशन शक्ति के पांचवे चरण के तहत लिबरल आर्ट्स और हयूमैनिटिज़ विभाग, कला और सामाजिक विज्ञान संकाय, स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय, मेरठ में एक महत्वपूर्ण चर्चा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विभिन्न विशेषज्ञों ने महिलाओं के सशक्तिकरण, उनके अधिकारों और सुरक्षा पर विस्तार से चर्चा की।

इस अवसर पर कुलपति मेजर जनरल डॉ.जी.के.थपलियाल एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ.शल्या राज ने कार्यक्रम की सफलता हेतु अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की।

कार्यक्रम का आरम्भ में विभागाध्यक्ष डॉ मनोज कुमार त्रिपाठी ने सभी का स्वागत करते हुए चर्चा के उद्देश्य पर प्रकाश डाला।

मनोवैज्ञानिक, डॉ. नियति गर्ग ने महिला सशक्तिकरण के सही अर्थ और इसके महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि सशक्तिकरण का मतलब केवल स्वतंत्रता नहीं है, बल्कि अपनी ताकतों को पहचानना और समाज में एक मजबूत भूमिका निभाना है। महिला सशक्तिकरण का उद्देश्य आर्थिक, सामाजिक, राजनैतिक और शैक्षिक क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाना है और समाज, देश और पुरे विश्व की प्रगति को सुनिश्चित करना है। 

उन्होंने शिव जी के अर्धनारीश्वर अवतार का उदाहरण देते हुए कहा की महिला और पुरुष दोनों एक दूसरे के बिना अधूरे हैं और इसलिए दोनों में से किसी का भी शोषण हो तो मानव का विकास संभव नहीं है। पूरी सृष्टि को देखें तो जितना महत्व पुरुष का है उतना ही महत्व महिला का है। दोनों की समान भागीदारी के बिना परिवार, समाज, देश और विश्व में सुख समृद्धि सुनिश्चित नहीं हो सकती।

उन्होंने इस विषय पर भी चर्चा की कि कई महिलाएं सशक्तिकरण के नाम पर गलतियां कर बैठती हैं, जो उनके विकास में रुकावटें डालती हैं। सशक्तिकरण का सही अर्थ समझना और इसे सही दिशा में उपयोग करना बहुत आवश्यक है। उन्होंने बताया की जहाँ आज के समय में महिलाएं हर एक कार्य को करने में सक्षम बन रही हैं चाहे जो फाइटर प्लेन उड़ाना हो, किसी कंपनी या देश को चलना हो या सीमा पर डट कर देश की रक्षा करनी हो, महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। 

समाजशास्त्री, डॉ. लवली ने महिलाओं के अधिकारों के प्रति जागरूकता की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि भारतीय समाज में महिलाओं को दिए गए विभिन्न अधिकारों और कानूनों के बारे में जानकारी रखना आवश्यक है ताकि वे अपने हक की लड़ाई मजबूती से लड़ सकें। इसलिए यह कहना उचित होगा कि "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और उनकी आर्थिक भागीदारी बढ़ाओ और विकसित भारत की नींव को मज़बूत करना ही समाज का लक्ष्य बनाओ"

राजनीति विज्ञान विशेषज्ञ, डॉ. अमृता चौधरी ने महिलाओं की सुरक्षा के पहलुओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि लड़कियों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है कि लड़कियां अपने माता-पिता से सब कुछ बताएं और दोस्ती के नाम पर अंधविश्वास किसी पर ना करें। हमारे समाज में अधिकारों को बहुत महत्व दिया गया है परंतु कर्तव्यों को पीछे छोड़ दिया गया है। यह आवश्यक है कि कर्तव्यों को प्राथमिकता पहले मिले। 

कार्यक्रम के अंत में विभागाध्यक्ष डॉ मनोज कुमार त्रिपाठी ने धन्यवाद् ज्ञापन दिया। इस चर्चा में विभाग से डॉ मनोज कुमार त्रिपाठी, डॉ नियति गर्ग, डॉ अमृता चौधरी, डॉ लवली, डॉ दिनेश कुमार, ज्योति तोमर, हुज़ेफा, कायनात, अस्मत सबा, समृद्धि, जाह्नवी, आँचल, सदफ, इफरा, वर्षा, अंशिका आदि मौजूद रहे |

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