वन्य  जीवन पर विशेष वार्ता का आयोजन 

मेरठ।रघुनाथ गर्ल्स पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज  में "मेरठ नेचर फेस्टिवल" के अंतर्गत स्पेशल कैरियर काउंसलिंग ड्राइव कार्यक्रम में वन्य जीवन पर विशेष वार्ता का आयोजन किया गया।

 रघुनाथ गर्ल्स पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज में प्राचार्या प्रो. निवेदिता कुमारी  के संरक्षण में वसुधा इको क्लब, वनस्पति विज्ञान विभाग, एकेडमिक एंड कैरियर काउंसलिंग सैल एवं वन विभाग द्वारा संयुक्त रूप से "स्पेशल कैरियर काउंसलिंग ड्राइव (वन्य जीवन एवं वन सेवाएं) के संबंध में विशेष वार्ता का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम की संयोजिका प्रो. कल्पना चौधरी तथा आयोजिका डॉ. बबीता मांझी रहीं। मंच संचालन डॉ. अनुपमा सिंह द्वारा किया गया। तुषार गुप्ता, डी.पी.ओ. (नमामि गंगे, मेरठ) ने संपूर्ण कार्यक्रम का एक संक्षिप्त परिचय दिया।

सर्वप्रथम  राजेश कुमार (आई.एफ.एस.) डी.एफ.ओ., मेरठ ने भारतीय वन सेवाओं में कैरियर के विभिन्न  विकल्पों के विषय में सभी छात्र-छात्राओं को मार्गदर्शित करते हुए कहा कि सभी प्रकृति के प्रति संवेदनशील बने, प्रकृति संरक्षण के लिए सरकार द्वारा कुछ सेवाएं भी बनाई गई है अतः सही सूचनाएं प्राप्त करे, डरना नहीं है, साधनों की कमी को बहाना न बनाएं। उन्होंने जंगल की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जंगल खुला खजाना है अतः इसका संरक्षण भी उतना ही जरूरी है। इसके साथ ही उन्होंने सभी को जंगल सफारी करने का सुझाव दिया। 

 रजत भार्गव (वरिष्ठ पक्षी विज्ञान विशेषज्ञ), (मुंबई प्रकृति इतिहास सोसाइटी, मुंबई) ने पक्षी विज्ञान पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया तथा उन्होंने अपनी प्रेरणा डॉ. सालेमनी को बताया। सभी छात्र- छात्राओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि  पक्षियों की फोटोग्राफी के प्रति दीवानगी चाहिए, जितना हो सके प्रकृति के साथ रहे। आज विश्व में महिलाएं उच्च स्तर की वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर है। वन्य जीवन के पाठ्यक्रम के विषय में छात्र-छात्राओं को बताया तथा शिक्षिकाओं एवं छात्र-छात्राओं को लाइब्रेरी में इससे संबंधित पुस्तकें लाने और पढ़ने का सुझाव दिया। 

डॉ. अमान एवं डॉ. हरि मोहन मीना, डब्ल्यू. डब्ल्यू. एफ. इंडिया ने गंगा जैव विविधता विषय पर प्रकाश डाला। हरि मोहन मनी ने अपने सत्र में गंगा नदी के संरक्षण के विषय में मगरमच्छ, घड़ियाल, डॉल्फिन और कछुओं का संरक्षण कैसे किया जा सकता है, बताया। बी.ए. समाजशास्त्र और भूगोल वर्ग के विषय से भी करियर बना सकते है साथ ही डॉ अमान ने बताया कि मछली पालन में कैरियर के काफी विकल्प हैं। उन्होंने कहा कि अब नई-नई तकनीकी आ गई है, जिससे हम आपूर्ति को पूरा कर सकते है। इस क्षेत्र में अनेक डिग्री और डिप्लोमा कोर्स है जिसके बाद अच्छा व्यवसाय शुरू किया जा सकता है।

डॉ. राकेश कुमार सिंह (प्रांतीय पशु-चिकित्सक सेवाओं के निर्देशक, सी.वी. ओ., वन्य जीवन विशेषज्ञ) ने भी बताया कि भारतीय वन विभाग के क्षेत्र में जुनून होना जरूरी है। अब सरकार का एक ही लक्ष्य है "वन हेल्थ"। जिसका अर्थ है वातावरण स्वस्थ, जानवर स्वस्थ और हम स्वस्थ।

महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो.निवेदिता कुमारी ने सभी के जीवन में प्रकृति की महत्ता बताई और छात्राओं से अनुरोध किया कि वो अपने चारों तरफ के इकोसिस्टम के संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभाए।

अन्त में वसुधा इको क्लब की प्रभारी प्रो. कल्पना चौधरी ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया तथा साथ ही आज संविधान दिवस के अवसर पर शपथ ग्रहण कराई।  

कार्यक्रम में वसुधा इको क्लब, वनस्पति विज्ञान विभाग एवं करियर काउंसलिंग एंड प्लेसमेंट सेल के सदस्यों में प्रो. सुनीता, श्रीमती निर्लेप कौर, डॉ. उपासना, डॉ सुनीता सिंह, डॉ. संयोगिता, डॉ आरती शर्मा, डॉ.गीता सिंह, डॉ. मधु मलिक, डॉ. गरिमा कुमारी का भी इस आयोजन में अथक सहयोग रहा  तथा साथ ही विभिन्न महाविद्यालयों जैसे- खरखोदा, बड़ौत, एन ए एस, माछरा, दीवान कॉलेज, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ कालेज के छात्र छात्राओं की उपस्थिति सराहनीय रहा।

No comments:

Post a Comment

Popular Posts