जारूरूकता से ही एचआईवी से लड़ा जा सकता है 

सही मार्ग अपनाए मेरी सेहत मेरा अधिकार की थी के साथ मनाया जा रहा विश्व एड्स दिवस 

  मेरठ। सही मार्ग अपनाए मेरी सेहत मेरा अधिकार की थीम के साथ इस साल विश्व एड‍्स दिसव मनाया जा रहा है। एड्स एक गंभीर और संक्रामक बीमारी है, जिसके मामले दुनियाभर में तेजी से बढ़ रही है। इसबीमारी का इलाज अभी तक संभव नहीं हो पाया है। इस बीमारी के चलते हर साल लाखों लोगों की मौत होती है। एड्स होने पर हमारा इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है, जिससे बीमारियों से बचाव करने में असमर्थ हो जाता है। कई लोग इस बीमारी को शर्मिंदगी का सामना करना मानते हैं और इस बारे में खुलकर बातचीत नहीं कर पाते हैं। जागरूकता से ही इस भयंकर बीमारी से लोगों को निजात मिल सकती है। कुछ लोग तो अपना इलाज भी ठीक तरह से नहीं करा पाते हैं। जिसका नतीजा बेहद गंभीर हो सकता है। हर साल एक दिसंबर को वर्ल्ड एड्स डे मनाया जाता है। इस दिन को मनाकर लोगों को एड्स के प्रति नागरुक किया जाता है।

मेरठ की बात करें तो ंमेरठ ,बागपत व हापुड़ जिले में इस साल 366 एचआईवी के रोगी मिले है। जबकि जिला कारागार में वर्तमान में पांच एचआईवी रोगी मौजूद है। जिनकाे अलग वार्ड में रख कर उनका उनका उपचार किया जा रहा है। एआरटी नोडल अधिकारी डा. सध्या गौतम ने बताया एचआईवी प्रति जागरूकता के लिए विभाग की ओर से पूरे साल सार्वजनिक स्थानों व स्कूल व कॉलजों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। लेकिन आम आदमी को भी इसके प्रति जागरूक रहने की आवश्यकता है। उन्होंने पश्चिमी उत्तर के मुकाबले पूर्व के जिलो में इसकी संख्या ज्यादा है। इसका सबसे बडा कारण वहां पर श्रमिक लंबे समय तक बाहरी राज्यों में काम करने के लिए जाते है। बाहर रहने के कारण संक्रमित हो जाते है। 

वर्ल्ड एड्स डे का इतिहास
वर्ल्ड एड्स डे पहली बार 1दिसंबर 1988 को मनाया गया था। इस दिवस की शुरुआत लोगों में बढ़ रहे एचआईवी और एड्स के मामले बढ़ रहे हैं। इससे बचाव और इसकी रोकथाम के लिए, लोगों का जागरुक होना जरूरी है। इस मकसद के साथ वर्ल्ड एड्स मनाने की शुरुआत की गई थी। इस दिन कई एनजीओ और समुदाय एड्स के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए कैंपेन आयोजित करते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक के साल 2022 के डेटा के मुताबिक दुनियाभर में लगभग 3.6 करोड़ लोग एचआईवी की बीमारी से पॉजिटिव हैं।
वर्ल्ड एड्स डे का महत्व
वर्ल्ड एड्स डे मनाने के पीछे का मुख्य उद्देश्य लोगों को एड्स की बीमारी के प्रति जागरुक करना होता है। इस दिन डॉक्टर से लेकर तमाम हेल्थ सेक्टर से जुड़े तमाम लोग इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। इस दिन एड्स से पीड़ित मरीजों का हौंसला बढ़ाने के साथ ही लोगों को इससे बचने की टिप्स, टेस्ट की जानकारी और इससे जुड़े मिथकों की सच्चाई पर जोर दिया जाता है। इस दिन डॉक्टर एकजुट होकर जागरुकता अभियान चलाते हैं और लोगों को इसके लिए खुलकर बात करने के लिए प्रेरित करे हैं।
वर्ल्ड एड्स डे की इस साल की थीम
वर्ल्ड एड्स डे की इस साल की थीम "Take the rights path: My health, my right!" है। इसका मतलब है कि आपको सही रास्ता चुनना है, जो आपके हेल्थ ओर अधिकारों के लिए प्रेरित करता है। इसलिए ऐसे में अपनी सेहत का ध्यान रखें।

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