वकीलों के मान सम्मान की रक्षा करो और दोषी जिला जज और पुलिस अधिकारियों को दंड दो 


 मेरठ ।  इंडस्ट्रियल लो रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन मेरठ ने 29 अक्टूबर 2024 को जिला गाजियाबाद में न्यायालय परिसर में अधिवक्ताओं पर हुए लाठी चार्ज की घटना की निंदा की गई और मांग की गई कि भविष्य में इस प्रकार की घटना को न दोहराया जाए और दोषी जिला जज और पुलिस अधिकारियों को तुरंत उनके पद से हटाया जाए उनके खिलाफ तुरंत कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए और वकीलों की जायज मांगों को तुरंत स्वीकार किया जाये।
      इन मांग को लेकर आज इंडस्ट्रियल लो रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन मेरठ द्वारा राजपाल और मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को जिलाधिकारी मेरठ के माध्यम से ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन में मांग की गई है की 1. गाजियाबाद जिला जज का तुरंत तबादला किया जाए, 2.लाठी चार्ज में घायल वकीलों को मुफ्त उपचार और तीन-तीन लाख मुआवजा दिया जाए, 3.लाठी चार्ज करने वाले पुलिस अधिकारियों को तुरंत निलम्बित किया जाए और उनके खिलाफ तुरंत प्रभाव से कानूनी कार्रवाई की जाए, 4.वकीलों की मान मर्यादा की हिफाजत के लिए सरकार तुरंत प्रभावी कदम उठाए, 5. न्यायिक अधिकारियों के दुर्व्यवहार पर अलग से नियम कानून बने, 6.सभी न्यायालयों में सजीव सीसीटीवी लगाए जाएं, 7.वकीलों की प्रभावी सुरक्षा के लिए एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट बनाया जाए, 8.वकीलों के खिलाफ दर्ज कराए गए मुकदमें तुरंत वापस लिए जाएं।
     इस अवसर पर बोलते हुए एसोसिएशन के अध्यक्ष मुनेश त्यागी ने कहा कि सरकार और न्यायपालिका के उच्च अधिकारी जान पूछ कर इस मामले को लम्बा खींच रहे हैं और वे दोषी जिला जज और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ जानबूझकर कार्यवाही नहीं कर रहे हैं। वे मामले को लटकाए रखना चाहते हैं और किसी भी तरीके से वकीलों की एकता और इस आंदोलन को तोड़ना चाहते हैं। इस प्रकार सरकार और न्यायपालिका इस मामले को लगातार जानबूझकर खींच रही हैं। वे जान पूछ कर वकीलों यानी "ओफिसर ओफ कोर्ट" के अपमान पर तुले हुए हैं। इन परिस्थितियों में यह जरूरी हो गया है कि तमाम वकील अपनी एकता को बनाए रखें और एकजुट होकर सरकार और न्यायपालिका द्वारा किए जा रहे अपमान के खिलाफ वकीलों के सम्मान को सुरक्षित रखने के लिए अपनी एकता बनाए रखें और अपना जायज़ और जरुरी संघर्ष, सम्मान समाधान होने तक जारी रखें।
     इस अवसर पर बोलते हुए एसोसिएशन के सचिव दिनेश कुमार यादव ने कहा कि वकील अपने आत्म सम्मान की रक्षा के लिए आंदोलन कर रहे हैं। सरकार जान पूछ कर इस आंदोलन को लंबा खींच रही है। ऐसे में वकीलों द्वारा एकजुट आंदोलन चलाना बेहद जरूरी हो गया है और जब तक वकीलों के साथ सम्मानजनक समझौता न हो जाए, तब तक यह आंदोलन जारी रहना चाहिए। निखिल दुबलिश ने कहा कि वकीलों पर अदालतों के अंदर लाठी चार्ज तो अंग्रेजों के शासनकाल में भी नहीं हुआ था। ऐसा देश की किसी अदालत में नहीं हुआ और सरकार इस जरुरी आंदोलन को वकीलों को अपमानित और हतोत्साहित करने के लिए जान पूछ कर खींच रही है।
    ज्ञापन और धरना देने वालों में संगठन के अध्यक्ष मुनेश त्यागी, सचिव दिनेश यादव, कोषाध्यक्ष तेजेंद्र सिंह, प्रवीण भारद्वाज, अमित शर्मा, निखिल दुबलिश, नवीन कुमार, कुलदीप सिंह, जितेंद्र सिंह और अनिल अरोड़ा आदि अधिवक्ता और श्रम प्रतिनिधि शामिल रहे।

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