1.73 करोड़ की साइबर ठगी का मास्टर माइंड गिरफ्तार
दंपती से डिजटल अरेस्ट करके दिया वारदात को अंजाम, आस्ट्रेलिया हो गया था फरार
मेरठ।रिटायर्ड बैंक कर्मचारी और उनकी पत्नी को 5 दिन तक डिजिटल अरेस्ट करके 1.73 करोड़ की साइबर ठगी करने के मामले में पुलिस ने आठवीं गिरफ्तारी है। एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया से आने पर इमीग्रेशन क्लीयरेंस के लिए सुक्रीत सहगल दिल्ली एयरपोर्ट गया था। पुलिस ने उसे टर्मिनल-3 से गिरफ्तार कर लिया। इस गिरोह में शामिल अन्य आरोपियों को पुलिस तलाश कर रही है।
पांडव नगर निवासी बैंक से रिटायर्ड सूरज प्रकाश के पास 17 सितंबर को एक कॉल आई थी। ठगों ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताते हुए उनके खिलाफ 6.80 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का मामला महाराष्ट्र में दर्ज होने की बात कही। पांच दिन तक उनको घर में डिजिटल अरेस्ट रखा। बेटे को मारने की धमकी देते रहे। तीन दिन में ठगों ने दोनों के अकाउंट से 1.73 करोड़ रुपये अपने बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करा लिए। मेरठ पुलिस ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू की। पुलिस ने इस मामले में दिल्ली निवासी पंकज और जनपद कौशांबी निवासी दिल्ली के कीर्ति नगर में रह रहे पंकज विश्वकर्मा, निलेश बालकृष्ण और नावेद एजास सैयद निवासी महाराष्ट्र, नामिजला राजकुमार निवासी तेलंगाना, सोम्यासिस पाईन निवासी पश्चिम बंगाल, जतिन निवासी पलवल, राजस्थान के जयपुर निवासी कर्ण सिंह को गिरफ्तार कर लिया था।
दुबई की पार्टी में हुई थी इस काले धंधे को अंजाम देने वाले प्रणव से मुलाकात
सुक्रीत सहगल ने पुलिस को बताया- उसका दुबई में आना-जाना था। उसकी मुलाकात प्रणव नाम के युवक से हुई। दोनों दोस्त बन गए। दुबई में शराब पार्टी करते समय सुक्रीत के रुपये खत्म हो गए। प्रणव ने उसे अपने साथ काम करके रुपये कमाने का लालच दिया। बताया कि बैंक खातों का इंतजाम करो, मैं उनमें रुपये डलवाऊंगा। 7-8 दिन बाद मेरा आदमी तेरे हिस्से का 30 प्रतिशत काटकर बाकी रुपये ले जाएगा। सुक्रीत तैयार हो गया। इसी तरह प्रणव ने सुखप्रीत को अपने साथ मिला लिया। सुक्रीत और सुखप्रीत भारत आ गए। यहां पर सुक्रीत की मुलाकात पंकज से हुई। पंकज और सुखप्रीत उसे बैंक खाते देने लगे। सुक्रीत उनको प्रणव को भेज देता।
ठगी के पैसों से खूब मौज-मस्ती की
उन अकाउंट में प्रणव ठगी की रकम डलवा देता था। इसके बाद सभी का हिस्सा उनको मिल जाता। सुक्रीत ने ठगी से मिले सारे रुपयों को मौज-मस्ती में उड़ा दिया। घटना के बाद से सभी व्हाट्सएप कॉल पर ही बात करते थे। पुलिस ने जब सुखप्रीत को पकड़ा था तो तब भी वह व्हाट्सएप पर चैट कर रहा था। व्हाट्सएप डिलीट करके फोन फेंककर वह ऑस्ट्रेलिया भाग गया था। इस मामले में अभी तक दिल्ली, महाराष्ट्र, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, हरियाणा और राजस्थान से सात आरोपी जेल जा चुके हैं।
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