बहराइच हिंसा मामले में 11 नवंबर तक राहत

हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से चार बिंदुओं पर मांगा जवाब
लखनऊ।बहराइच में मूर्ति विसर्जन के दौरान हुई हिंसा के बाद जारी ध्वस्तीकरण नोटिसों को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में बुधवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार को मौखिक निर्देश दिया कि फिलहाल ऐसी कोई कारवाई न करें जो कानून सम्मत न हो। उधर, सरकारी वकीलों ने भी कानून सम्मत करवाई करने का आश्वासन दिया।
कोर्ट ने मामले में राज्य सरकार को चार बिंदुओं पर जवाब दाखिल करने और याची को इनपर आपत्तियां दाखिल करने का समय देकर अगली सुनवाई 11 नवंबर को नियत की है। हालांकि, मामले में कोर्ट ने अभी कोई अंतरिम आदेश नहीं दिया है लेकिन, फिलहाल  ध्वस्तीकरण नोटिस मामले में 11 नवंबर तक कथित अतिक्रमण कर्ताओं को राहत रहेगी।
न्यायमूर्ति ए आर मसूदी और न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ के समक्ष  एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स संस्था की जनहित याचिका बुधवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध थी। याचिका में बहराइच के कथित अतिक्रमण कर्ताओं को बीते 17 अक्तूबर को जारी ध्वस्तीकरण नोटिस को चुनौती देकर इन्हे रद्द करने के निर्देश देने का आग्रह किया गया है।
कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि क्या नोटिसें जारी करने से पहले वहां कोई सर्वे किया गया था या नहीं? क्या जिन्हें नोटिसें जारी हुईं वे लोग निर्मित परिसरों के स्वामी हैं या नहीं? नोटिस जारीकर्ता प्राधिकारी इन्हें जारी करने को सक्षम था या नहीं।
बता दें कि बहराइच के महाराजगंज में 13 अक्टूबर को हिंसा के बाद रामगोपाल मिश्रा की हत्या हो गई थी। इसके बाद वहां महाराजगंज के कथित अतिक्रमण कर्ताओं के निर्माणों को ढहाने की नोटिसें उन्हें जारी की गईं थीं।

No comments:

Post a Comment

Popular Posts