राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन 

 140 लोगों का स्क्रीनिंग कर उनका उपचार किया गया

मेरठ।  राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर एक विशाल जन-जागरूकता शिविर का आयोजन थीम- It is time to Prioritize Mental health in the Workplace  पर पी.एल. शर्मा, जिला चिकित्सालय,में मुख्य चिकित्साधिकारी डा. अशोक कटारिया की अध्यक्षता में किया गया। 

कार्यक्रम का शुभारम्भ विधायक कैंट  अमित अग्रवाल द्वारा फीता काटकर किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मुख्य चिकित्साधिकारी  ने जन-मानस को सम्बोधित करते हुए कहा कि गैर-संचारी रोग एक बहुत बड़े संकट के रूप में हमारे बीच अपना पैर पसार रहा है। जिसमें मानसिक स्वास्थ्य एक बहुत बड़ी चुनौती है क्योंकि हमारे समाज में मानसिक रोगों के विषय में जागरूकता की कमी है जिसके कारण मानसिक रोगी समय से स्वास्थ्य केन्द्रों पर नहीं पहुच पाते है। व्यक्ति को अपने जीवन शैली, रहन-सहन, खान-पान इत्यादि में संतुलन लाकर परिस्थितियों के अनुसार अपने आप को ढ़ालने की कला विकसित करनी होगी। हमें खुद को ही नहीं बल्की दूसरो को भी मानसिक स्वास्थ्य समस्या से निकालने में मदद करनी चाहिए, जो लोग मानसिक समस्या से चुप-चाप जूझ रहे है उनकी सहायता करनी चाहिए तथा समाज में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े पूर्वाग्रहों से बाहर निकालने में उनकी मदद करनी चाहिए।

 मनोचिकित्सक डा. कमलेश किशोर ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हर छठा व्यक्ति मानसिक समस्या से जूझ रहा है तथा भारत का हर सातवां व्यक्ति मानसिक रूप से परेशान है। हर 40 सेकेण्ड में एक व्यक्ति आत्महत्या के कारण अपनी जान गवां देता है। व्यक्ति में लगातार या लम्बे समय तक तनाव आगे चलकर डिप्रेशन या अवसाद का रूप ले लेता है, जो आत्महत्या का प्रमुख कारण बनता है।  डॉ पीके बंसल ने बताया की लम्बे समय तक तनाव, डायबटिज, हाइपरटेन्सन, हृदय रोग इत्यादि को भी बढ़ावा देता है। उन्होने कहा स्वस्थ मन स्वस्थ शरीर का दर्पण है इसलिए व्यक्ति को तनाव मुक्त रहना चाहिए। डॉ तरुण पाल ने प्यारे लाल शर्मा जिलाचिकित्सालय ने बताया की नियमित व्यायाम एवं योगा करना चाहिए मनोचिकित्सक डॉ तरुण पाल ने बताया परिवार में एवं कार्यस्थल पर खुलकर बातें करनी चाहिए एक दूसरे के साथ मधुर व्यवहार स्थापित करें। नोडल डॉ कांति प्रसाद ने कहा कि अत्यधिक चिन्ता या तनाव उत्पन्न करने वाले विचारों का मन में बार-बार आना व्यक्ति को मानसिक रोगों की तरफ ले जाता है। इसलिए मन में चल रही अर्न्तद्वंद्ध को बाहर निकाले एवं अपने परिवार व अपने दोस्तों के साथ साझा करें, हमें प्रकृति के साथ जुड़कर रहना सिखना होगा तथा सकारात्मक सोच रखते हुए मोबाइल एवं नशे से दूरी बनानी होगी। 

इस अवसर पर आयोजित शिविर में लगभग 140 लोगों का स्क्रीनिंग कर उनका उपचार किया गया। उक्त शिविर में डा1 कमलेन्द्र किशोर (मानसिक रोग विशेषज्ञ-जिला चिकित्सालय) द्वारा मानसिक स्वास्थ्य से संबन्धित बीमारियों व उनके उपचार के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी, जिसमे उन्हाने यह भी बताया की मानसिक रोग का ईलाज सम्भव है, अगर किसी व्यक्ति या उसके परिवार मे किसी को भी उदासी, तनाव, चिड़चिडापन, नशा, अधिक गुस्सा आना, बेहोशी आदि से समबन्धित समस्या पायी जाती है तो मन-कक्ष एवं कमरा नं-31 पी0एल0 शर्मा0 जिला चिकित्सालय मेरठ मे सर्म्पक कर सकते है। उक्त शिविर मे जन-मानस को नुक्कड-नाटक व कटपुतली के माध्यम से मानसिक रोगो से सम्बन्धित बिमारियों के बारे मे अवगत कराया। साथ ही मानसिक रोग से ग्रसित बच्चों को मा० विधायक जी द्वारा स्क्ूल बेग, लंच बॉक्स, व वॉटर बॉटल आदि का वितरण किया गया। उक्त कार्यक्रम को पूरे अक्टूबर माह मे विभिन्न गतिविधियो के आयोजन के साथ मनाया जायेगा। 

उक्त शिविर में डा. सुदेश कुमारी (प्रमुख चिकित्सा अधीक्षिका, जिला चिकित्सालय), डा. राकेश शर्मा (प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक, जिला महिला चिकित्सालय), डा. अशोक काटरिया (मुख्य चिकित्सा अधिकारी), डा. कान्ती प्रसाद (नोडल-एनसीडी), डा. पी.के बंसल (एन.सी.डी. क्लीनिक जिला चिकित्सालय) डा. प्रीति त्यागी, ओरल हैल्थ,  हरपाल सिंह (डी.सी.पी.एम), डा. विभा नागर (क्लीनिकल साईकोलोजिस्ट), डा. विनीता शर्मा (साइएक्ट्रिक सोश्ल वर्कर), अन्य एनसीडी स्टाफ मौजूद रहें।

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