कमला बहुगुणा की जीवन यात्रा सम्पूर्ण सशक्तिकरण की बहुत बड़ी मिसाल है: रीता बहुगुणा जोशी
-महावीर विवि में वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन
मेरठ। आरक्षण एक ऐसा माध्यम है जिससे आप महिलाओं और लड़कियों को एक खुला वातावरण देने का प्रयास कर रहे हैं । अब इस तरह से देखिए पुलिस में कुछ प्रदेशों में 50 प्रतिशत तक लड़कियों को आरक्षण है यूपी में भी 20 प्रतिशत कर दिया गया है। हिंदुस्तान विश्व का ऐसा अकेला राष्ट्र है, जहां पूरी पांच बटालियन सीआईएसएफ की महिलाओं की है। आज हमारे पिक थाने बन रहे हैं, हर थाने में पिक डेस्क बन रही है। ऐसा नहीं है कि यह सब पहले से है। एक माहौल, एक वातावरण बनाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन यह भी देखना है कि इसमें परिवार कहां है,समाज कहां है, सरकार कहां है, व्यवस्थाएं क्या है इस पर ही डिबेट करना है। आप सोचेंगे मैंने कमला बहुगुणा को क्यों चुना, आप कहेंगे मेरी मां हैं, इसलिए चुना । नहीं मैंने इसलिए चुना क्योंकि कमला बहुगुणा की जो जीवनी है, उनकी जो जीवन यात्रा है वह संपूर्ण सशक्तिकरण की बहुत बड़ी मिसाल है। यह बातें पूर्व संसद एवं कैबिनेट मंत्री, यूपी सरकार प्रो. रीता बहुगुणा जोशी ने शनिवार को महावीर विश्विद्यालय में प्रख्यात महिला नेत्री स्व. कमला बहुगुणा के जन्म शताब्दी वर्ष के अवसर पर सरधना रोड स्थित महावीर विश्वविद्यालय में क्या भारत में महिलाओं को आरक्षण देने से वास्तविक समानता हासिल की जा सकती है?” विषय पर आयोजित वाद – विवाद प्रतियोगिता में बतौर मुख्य अतिथि कहीं।
मुख्य अतिथि प्रो. रीता बहुगुणा जोशी ने कमला बहुगुणा के विषय में बताते हुए कहा कि 1924 में पैदा हुए। चार भाई बहनों में एक भाई तीन बहने । पिता ने बेटी में बहुत प्रतिभा देखी। तीन बहनों में अकेला नहीं उसे सारी सुविधा मिलनी चाहिए थी मगर बेटे से बेहतर सुविधाएं बेटी को दी, बेहतर से बेहतर शिक्षा दी। राष्ट्रवाद का पाठ पढ़ाया और उन्हें समझाया कि शिक्षा हो उनके लिए सफलता की कुंजी है। 1934-35 में मेरी नानी बहुत बीमार हुई चौथा दर्जा पास थी। जब मृत्यु समीप थी तब बेटी को पास बुलाया और कहा मुझे वचन दो जब तक एमए पास नहीं कर लोगी शादी नहीं करोगी। आज हम किस बात से लड़ रहे हैं बाल विवाह न हो। वही सन 1934-35 में जब लड़कियों की शादी 7 से 8 साल की उम्र में हो जाती थी, 12 से 14 की उम्र तक वो मा बन जाती थी। तब एक मां अपनी बेटी से वचन लेती है मैं इसे कहती हु इंपावरमेंट का इससे बड़ा उदाहरण हो ही नहीं सकता। अब ये कह देना कि आरक्षण हो के न हो इसपर डिबेट करो। डिबेट पक्ष और विपक्ष दोनों के होती है। आप तथ्यों पर बात कीजिए । जो विजय होगा वो जब लिंकनो आयेगा तो वह हम उसका स्वागत करेंगे। जहां 40 विश्विद्यालयों के विजेता आयेंगे और फाइनल होगा। जो एवज बोलेगा वो जीतेगा। इसके साथ ही सभी प्रतिभागियों को बधाई दीं। कार्यक्रम के शुरुआती में मुख्य अतिथि प्रो. रीता बहुगुणा जोशी, विशिष्ठ अतिथि रालोद के राष्ट्रीय महासचिव राजेंद्र शर्मा और महावीर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति यश कौशिक, वाइस चेयरपर्सन शीतल कौशिक ने मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की। इसके बाद महावीर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति यश कौशिक, वाइस चेयरपर्सन शीतल कौशिक ने मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथि का बुके व पौधा देकर स्वागत किया। प्रतियोगिता में छात्र - छात्राओं ने विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों में अपने अपने तर्क रखे।
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