सतर्कता जागरूकता सप्ताह के अंतर्गत सुभारती में हुई कार्यशाला आयोजित
सतर्कता जागरूकता के लिए डीएफसीसीआईएल एवं सुभारती विश्वविद्यालय की संयुक्त कार्यशाला आयोजित
मेरठ। स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय मेरठ के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के सौजन्य से सतर्कता जागरूकता सप्ताह के अंतर्गत "सत्यनिष्ठा से राष्ट्र की समृद्धि" विषय पर विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य युवाओं को सतर्कता के प्रति जागरूक करना था। इस कार्यशाला के आयोजन में पत्रकारिता विभाग के साथ-साथ सुभारती विधि संकाय का भी सहयोग रहा।
व्याख्यान के प्रारंभ में अपने स्वागत संबोधन में इस व्याख्यान के संयोजक एवं पत्रकारिता तथा जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफे.(डॉ.)एस. सी.थलेडी ने कहा कि आज के समय में सतर्कता जागरूकता की नितांत आवश्यकता है। सतर्कता जागरूकता सप्ताह के तहत इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य युवाओं को भ्रष्टाचार के विरुद्ध खड़ा करना है। उनको ये बतलाना है कि यदि वे कहीं पर किसी भी तरह का भ्रष्टाचार देखते हैं तो उसकी तुरंत शिकायत केंद्रीय सतर्कता आयोग से करें। उन्होंने डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के अधिकारियों का भी धन्यवाद किया कि उन्होंने इस कार्यशाला के आयोजन के लिए सुभारती विश्वविद्यालय को चुना।
कार्यशाला में डीएफसीसीआईएल के मुख्य परियोजना प्रबंधक आर. के शर्मा ने सतर्कता जागरूकता सप्ताह के साथ-साथ डीएपसीसीआईएल के बारे में विद्यार्थियों को जागरूक किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सत्यनिष्ठा और पारदर्शिता की भावना को बढ़ावा देने से हम एक बेहतर समाज का निर्माण कर सकते हैं।
इसके बाद कार्यशाला में डीएफसीसीआईएल के कनिष्ठ परियोजना प्रबंधक आकाश कुमार वर्मा ने उपस्थित विद्यार्थियों व शिक्षकों तथा शिक्षणेत्तर कर्मियों को सतर्कता जागरूकता के बारें में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि “पब्लिक डिस्कोलज़र प्रोटेक्शन एंड प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट” (पीडीपीआई) के तहत केंद्रीय कर्मचारियों की भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायत केंद्रीय सतर्कता आयोग से की जा सकती है । उन्होंने कहा कि लोक-उपकर्मों में भ्रष्टाचार के रोकथाम के लिए प्रत्यक्षदर्शियों को संरक्षण देने का प्राविधान है। यह व्यवस्था भ्रष्टाचार के विरूद्ध लड़ने और सतर्कता जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है। आकाश वर्मा ने आगे कहा कि नागरिकों की भागिदारी सतर्कता जागरूकता के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि वे अपने अधिकारों का उपयोग करके भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ सकते हैं।
कार्यशाला की शुरुआत पारंपरिक रूप से दीप प्रज्ज्वलन से की गई, जिसके बाद अतिथियों को कार्यक्रम के संयोजक प्रोफे.(डॉ.) एस.सी.थलेडी के द्वारा अंगवस्त्र पहनाकर विधिवत स्वागत किया गया। वहीं कार्यशाला के अंत में प्रोफे.(डॉ.) एस.सी.थलेडी व विधि संकायाध्यक्ष प्रोफे.(डॉ.) वैभव गोयल भारतीय के द्वारा सभी अतिथियों को विश्वविद्यालय की ओर से स्मृतिचिह्न प्रदान किया गया।
इस कार्यशाला का सफल संचालन बीएजेएमसी प्रथम वर्ष की छात्रा प्रियांशी भाटिया के द्वारा किया गया, व धन्यवाद ज्ञापन पत्रकारिता विभाग के सहायक आचार्य राम प्रकाश तिवारी के द्वारा किया गया।
इस कार्यशाला के अंत में डीएफसीसीआईएल के मुख्य परियोजना प्रबंधक आर.के. शर्मा के द्वारा सभी को सत्यनिष्ठा की शपथ भी दिलवाई गई।
इस दौरान कार्यशाला के तकनीकी संयोजक शिकेब मजीद, शैली शर्मा, डॉ. सरताज अहमद, डॉ. प्रेमचंद, गौरांग पाल, डॉ. ज्योति मधुर, डॉ. विशाल कुमार, सुनील दत्त शर्मा, विशांत पाल, देवसुनी सिंह, रोमेश चंद्रा, सचिन कुमार, डॉ. रूपम जैन, इंजी. आंचल शर्मा, आशुतोष देशवाल तथा सोमेंद्र पाल सिंह, सुनील कुमार शर्मा नीरज कुमार, सुनील कुमार अग्रवाल, विजेंद्र सिंह सहित सभी संकायों के चयनित विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया।
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