धरने पर बैठे किसानों के समर्थन में परतापुर थाने में पहुंचे राकेश टिकैत 

 बोले  भाजपा सरकार साजिशो वाली ,विधानसभा चुनाव में 145 सीटें फर्जी तरीके जीती 

पर्चे  निरस्त नहीं हुए तो होगा बडा आंदोलन , थाने में चढ़ाई कढाई  

मेरठ।  गन्ना समिति डेलिगेट्स के चुनाव में किसानों के 102 पर्चे कैंसिल होने के बाद मुददा  जोर पकड गया है। शनिवार को भारतीय किसान युनियन के राकेश टिकैत ने पहुंच की आंदोलन को और मजबूत कर दिया है। राकेश टिकैत ने कहा है भाजपा सरकार साजिशों वाली सरकार है। विधानसभा चुनाव में उसने फर्जी तरीके से 145 सीटें जीती है। उन्होंने चेतावनी दी है। रदद हुए पर्चे निरस्त नहीं किए गये तो रविवार से बड़ा आंदोलन होगा । 



 इससे पूर्व गन्ना समिति डेलिगेशन की चुनाव प्रक्रिया में 255 पर्चों में से 102 निरस्त होने के बाद किसानों का आंदोलन बीस घंटो से जारी है। इससे गुस्साए किसान और भाकियू कार्यकर्ताओं ने पूरी रात थाने पर धरना दिया। देर रात एसएसपी  डॉ. विपिन ताडा किसानों को मनाने पहुंचे। हाथ जोड़कर किसानों को मनाते रहे।किसानों से धरना खत्म करने का आग्रह किया, लेकिन वो नहीं माने। सुबह किसानों ने थाने में ही कड़ाही चढ़ा दी। गोभी के पकौड़े तले और चाय बनाकर नाश्ता किया। शनिवार दोपहर को भाकियू के राकेश टिकैत धरना स्थल परतापुर थाने में पहुंचे। धरने पर बैठे किसानों ने उनका स्वागत किया। राकेश टिकैत ने कहा यह तो सरकार ही साजिश है। यही खेल जिला पंचायत के चुनाव में और विधानसभा के चुनाव में भी हुआ। विधानसभा की 145 सीटें फर्जी तौर पर जीती है।उन्होंने चेतावनी दी अगर निरस्त पर्चाे को फिर से बहाल नहीं किया गया रविवार से बडा आंदोलन किया जाएगा। 



क्या है पूरा मामला 

दरअसल  गन्ना समिति डेलिगेशन की चुनाव प्रक्रिया चल रही है। 80 गांवों में 160 पदों यानी हर गांव में 2 पदों पर चुनाव होना है। शुक्रवार को मोहिउद्दीनपुर में पर्चों की स्क्रूटनी हो रही थी। जांच में चुनाव अधिकारी ने 255 नामांकन पर्चों में से 102 निरस्त कर दिए। इससे किसान भड़क गए। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ताधारी दल के दबाव में किसानों के पर्चों को निरस्त किया गया। हंगामे के बाद किसान भाकियू नेता विजयपाल घोपला के साथ मोहिउद्दीनपुर में धरने पर बैठ गए।रात में किसान मोहिउद्दीनपुर ​​​​​​से उठकर परतापुर थाने पहुंच गए। किसानों ने थाना परिसर में ही ट्रैक्टर-ट्रॉली खड़ी कर दी। वहीं कुर्सियां लगाकर धरने पर बैठ गए।



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