वेल बीइंग फॉर सक्सेस पर अतिथि व्याख्यान का आयोजन

मेरठ। शिक्षा विभाग, शिक्षा संकाय, स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय,  द्वारा "वेल बीइंग फॉर सक्सेस" नामक शीर्षक पर अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया जिसका उद्देश्य कार्यस्थल पर छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के काम के प्रति सद्भभाव और समर्पण को बढ़ाना था, जो सफलता के लिए बेहतर वातावरण को बढ़ावा देने के लिए भावनात्मक और मानसिक कल्याण में सुधार पर ध्यान केंद्रित करता है।

            व्याख्यान का उद्घाटन सभी गणमान्य व्यक्तियों द्वारा देवी सरस्वती का दीप प्रज्वलित करके किया गया। मेजर जनरल जी.के. थपलियाल, कुलपति, स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय,मेरठ और प्रो. डॉ. शल्या राज, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय,मेरठ ने अतिथि व्याख्यान को सुंदर ढंग से आयोजित करने के लिए शिक्षा विभाग, शिक्षा संकाय की आयोजन समिति की देखरेख में छात्र-छात्राओं समन्वयकों के प्रयासों की  सराहना की। प्रो. (डॉ.) अनोज राज, कार्यवाहक डीन, शिक्षा संकाय, और विभागाध्यक्ष, शिक्षा विभाग, स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय,मेरठ ने अतिथि व्याख्यान के विषय का खूबसूरती से वर्णन किया। डॉ. राहुल बंसल, अध्यक्ष, वेलनेस सेंटर स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय,मेरठ ने शैक्षिक और पेशेवर वातावरण में भावनात्मक और मानसिक कल्याण के महत्व को समझाने के लिए सत्र को सफलतापूर्वक संबोधित किया। उपस्थित लोगों ने तनाव को प्रबंधित करने, सकारात्मक कार्य संस्कृति को बढ़ावा देने और समग्र उत्पादकता बढ़ाने के बारे में बहुमूल्य अर्न्तदृष्टि प्राप्त की। सत्र का संचालन कुमकुम रानी और पल्लवी पूनिया (बी.एल.एड. VII सेमेस्टर की छात्राओं) ने डॉ. रीबा देवी, सहायक आचार्या, शिक्षा विभाग, शिक्षा संकाय, स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय, मेरठ एव वेलनेस सेल की समन्वयिका की देखरेख में किया, । उन्होंने वेलनेस सेल की पहलों और विश्वविद्यालय समुदाय के बीच कल्याण को बढ़ावा देने में उनकी भूमिका का अवलोकन प्रदान किया। 

डॉ. इंदिरा सिंह, प्रोफेसर, शिक्षा विभाग, शिक्षा संकाय, स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय, मेरठ ने शिक्षा विभाग की ओर से धन्यवाद प्रस्ताव रखा और अतिथि वक्ता डॉ. राहुल बंसल के साथ-साथ लॉ कॉलेज विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ सरताज अहमद को उनके बहुमूल्य योगदान के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने छात्र समन्वयकों ऋचा त्यागी, लक्ष्मी शर्मा के साथ-साथ प्रदीप यादव श्रुति कौशिक, निशा सहारन को उनके परिश्रमी प्रयासों के लिए और सभी उपस्थित शिक्षाविदों, गैर-शिक्षण सदस्यों की भी धन्यवाद ज्ञापित किया । अतिथि व्याख्यान का समापन प्रश्नोत्तर सत्र के साथ हुआ, जिसमें उपस्थित लोगों को अपनी शंकाओं को स्पष्ट करने तथा अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में कल्याण से संबंधित अपने अनुभव साझा करने का अवसर मिला।

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