विकसित भारत के दृष्टिकोण  में उच्च शिक्षण संस्थानों की भूमिका अति महत्वपूर्ण -   प्रो मदन मोहन गोयल 

 भारतीय बजट 2024 में उच्च शिक्षा हेतु किये गये प्रावधान एवं विकसित भारत 2047 के उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु रोजगार, कौशल एवं शोध विकास पर व्याख्यान माला का आयोजन 

मेरठ। स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय की स्वामी विवेकानंद शोध पीठ द्वारा स्वामी विवेकानंद व्याख्यान माला के अंतर्गत भारतीय बजट 2024 में उच्च शिक्षा हेतु किये गये प्रावधान एवं विकसित भारत 2047 के उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु रोजगार, कौशल एवं शोध विकास पर एक व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का प्रारम्भ स्वामी विवेकानंद जी को पुष्पांजलि देकर किया गया। स्वामी विवेकानंद शोध पीठ की संयोजिका डॉ. मोनिका मेहरोत्रा द्वारा शोध पीठ के विषय में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि स्वामी विवेकानंद शोध पीठ का मुख्य उद्देश्य स्वामी विवेकानंद के दर्शन को प्रोत्साहित करना एवं मानव का सम्पूर्ण विकास करना हैं।

कुलपति डॉ. जी. के. थपलियाल ने विषय के मुख्य पहलुओं पर चर्चा करते हुए कहा कि बजट 2024 एक सम्वन्नित बजट है और देश की तरक्की में उच्च शिक्षण संस्थाओं की भूमिका पर प्रमुख है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत 2047 के उद्देश्यों की अगर प्रासंगिकता को देखे तो यह अत्यन्त आवश्यक है कि उच्च शिक्षण संस्थानों को विशेषकर निजी संस्थानों के विकास पर जोर देना चाहिए।

विश्वविद्यालय की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. शल्या राज ने शोध पीठ को उनके कार्यों की शुभकामनाएं देते हुए विषय की व्यापकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने सरकार को उच्च शिक्षण संस्थानों के विकास हेतु आवंटन की न्यायोचित वितरण की सहमति व्यक्त की एवं निजी उच्च शिक्षण संस्थानों की ओर ध्यान आकर्षित करने की सलाह भी दी।

प्रतिकुलपति डॉ. हिमांशु ऐरन ने कहा कि जहाँ तक मानकों की बात हैं विकसित भारत की नींव कुशल एवं कौशल युवाओं की आवश्यकता हैं और स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय इस ओर लगातार कार्यरत हैं। शिक्षा, सेवा, संस्कार एवं राष्ट्रीयता की तर्ज पर विश्वविद्यालय लगातार विद्यार्थियों के चहुमुखी विकास पर अपनी सेवाएं देश को समर्पित कर रहा है।

कार्यक्रम में मुख्य व्यकता प्रो मदन मोहन गोयल पूर्व तीन बार कुलपति रह चुके  कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय एवं नीडोइक्नॉमिक्स के प्रवर्तक ने कहा कि विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने में उच्च शिक्षण संस्थानों की भूमिका अति महत्वपूर्ण हैं। इन्हे पाठ्यक्रम डिजार, अनुवर्धन, और सतयोग के लिए एक  सक्रिय दृष्टिकोण अपनाना चाहिए ताकि वे राष्ट्रीय विकास को संचालित करने वाले शिक्षण संस्थाए स्थापित हो सके। उन्होंनों के बजट का उल्लेख करते हुए बताया कि उच्च शिक्षा के लिए 47,619.77 करोड रुपये आवंटित किए गये है जो पिछले वर्ष की तुलना में 7.68 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता हैं। यह आवंटन उच्च शिक्षण संस्थानों  के लिए रोजगार, कौशल विकास और अनुसंधान के क्षेत्र में योगदन देकर विकसित भारत की दिशा में आगें बढ़ने का अवसर प्रदान करता हैं।

प्रो. गोयल ने इस बात पर जोर दिया कि युवाओं को ऐसे बाजार की मांगों के अनुकूल हो बल्कि समाज के समग्र कल्याण में भी योगदन दे।

कार्यक्रम में द्वितीय मुख्य वक्ता डॉ. डी. पी. सेमवाल पूर्व आईआरएस देवी प्रसाद रिटायर्ड एवं कई प्रतिष्ठित संस्थानों में कार्यरत रहे। उन्होंने बताया कि बजट 2024 में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और अनुसंधान के लिए अधिक वित्तीय सहायता की घोषणा की गई हैं। यह संस्थाओं को बेहतर तकनीकी सुविधाओं से लैस करने  डिजिटल लर्निंग प्लेटफार्म को मजबूत करने अनुसंधान में नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होने बताया कि अनुसंधान एंव कौशल विकास हेतु बजट में नई योजनाओं की घोषणा की गई हैं इसके तहत विशेष रूप में निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी को बढावा देने पर जोर दिया गया है। इससे उच्च शिक्षा संस्थानों में अनुसंधान की गुणवत्ता में सुधार होगा और नए-नए शोध कार्यों को गति मिलेगी। इन शोधों में विज्ञान, तकनीक, और समाज के अन्य क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव लाने की आवश्यकता हैं।

स्वामी विवेकानंद शोध पीठ की संयोजिका एवं अर्थशास्त्री डॉ. मोनिका मेहरोत्रा ने बताया भारतीय बजट 2024 उच्च शिक्षा, रोजगार, कौशल विकास और अनुसंधान में सुधार के लिए व्यापक अवसर प्रदान करता हैं। यह भारत की युवा पीढ़ी को सशक्त करने और विकसित भारत 2047 के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। यदि इन योजनाओं का प्रभावी क्रियान्विन होता हैं, तो भारत निश्चित रूप विश्व स्तर पर भारत एक महाशक्तिरूप से उभरेगा। कार्यक्रम में लगभग 200 विद्यार्थियों का प्रतिभाग रहा एवं विश्वद्यिलय के डीन, डायरेक्टर, विभाग अध्यक्ष, अध्यापक अध्यापिकाएं शामिल रहे। शोध विभाग के हेड़ डॉ. ए.पी. गर्ग द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। कार्यक्रम का संचालन बीए अर्थशास्त्र, मानकीय विभाग की नबीहा हैदर एवं देविका ने किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया।

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