नारियल के औषधीय गुण और हिंदू धर्म में महत्व बताते हुए समझाया खेती का तरीका
मेरठ । नारियल में एंटीवायरस, एंटीफंगल, एंटीबैक्टीरियल और एंटी पैरासिटिक गुण होते हैं, जो हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं और संक्रमण से बचाते हैं। नारियल में विटामिन सी, ई, बी 1, बी, बी 5 और बी 6 जैसे पोषक तत्व होते हैं। इसके अलावा आयरन, सेलेनियम, सोडियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम और फास्फोरस जैसे मिनरल्स भी पाए जाते हैं।नारियल में एंटीवायरस, एंटीफंगल, एंटीबैक्टीरियल और एंटी पैरासिटिक गुण होते हैं, जो हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं और संक्रमण से बचाते हैं।
विश्व नारियल दिवस के अवसर पर सोमवार को सरधना रोड स्थित महावीर विश्वविद्यालय में विश्वविद्यालय के कृषि विभाग द्वारा नारियल की खेती और पोषक मूल्य विषय पर आयोजित सेमिनार में कृषि विभाग प्रमुख अनुज कुमार ने नारियल के ये सभी औषधीय गुण बताते हुए छात्रों को नारियल की खेती करने की जानकारी दी। इसके साथ ही छात्रों को हिंदू धर्म में नारियल के विशेष स्थान के बारे में बताया गया कि हिंदू धर्म में नारियल का हर शुभ काम में प्रयोग होता है। शुभ मांगलिक कार्य जैसे शादी-विवाह, गृह प्रवेश, तीज-त्योहार में नारियल का इस्तेमाल होता है। शुभ कार्यों में नारियल को या तो फोड़ा जाता है या चढ़ाया जाता है।इसलिए नारियल की खेती किसानों के लिए काफी फायदे जा सौदा है। नारियल की खेती की जानकारी देते हुए बताया कि नारियल के पेड़ गर्म और आर्द्र जलवायु में अच्छी तरह से बढ़ते हैं।
तापमान 27-32°C के बीच होना चाहिए और वार्षिक वर्षा 1500-2500 मिमी होनी चाहिए। नारियल के पेड़ के लिए अच्छी जल निकासी वाली बलुई दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है। मिट्टी का pH स्तर 5.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए
नारियल के पेड़ को नियमित रूप से पानी की आवश्यकता होती है।नारियल के पेड़ को नियमित रूप से जैविक खाद और उर्वरक देना चाहिए। इस दौरान डॉ. विकास कुमार, अभिषेक त्यागी और संजय यादव आदि शिक्षकों ने छात्रों को नारियल के विषय ने जानकारी दी। इस दौरान छात्रों के साथ प्रश्न उत्तर का भी दौर चला जिसमे वंश सोम, शेखर, अब्दुल कादिर और दिव्यांश कुमार कश्यप आदि छात्रों ने नारियल को लेकर अपनी जिज्ञासा संबंधित सवाल किए जिसका शिक्षकों ने विस्तार से जवाब देकर छात्रों की जिज्ञासा को शांत किया।
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