लाख चुनौतियों के बावजूद अपने सपनों को जिंदा रखना सिखाती है फिल्म ‘खो गए हम कहां’- आदर्श गौरव

मुंबई ।एक आदर्श गौरव ने वर्तमान में एंड पिक्चर्स पर 21 सितंबर, रात 9 बजे आने वाले अपनी फिल्म 'खो गए हम कहां' के वर्ल्ड टेलीविजन प्रीमियर को लेकर बातचीत की। इस दौरान उन्होंने फिल्म से जुड़ी बारीकियां और इस फिल्म से जुड़े उनके जज्बात जाहिर किए।

आदर्श गौरव एक भारतीय अभिनेता हैं जो हिंदी और अंग्रेजी भाषा की फिल्मों और टेलीविजन श्रृंखलाओं में अपने काम के लिए जाने जाते हैं। आदर्श ने ड्रामा फिल्म माई नेम इज खान से अभिनय शुरू किया, वह व्यंग्यात्मक फिल्म द व्हाइट टाइगर में चालक बलराम हलवाई की भूमिका निभाने के लिए जाने गए, जिसने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा दिलाई, और इसके साथ ही सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए बाफ्टा पुरस्कार के लिए नामांकन प्राप्त हुआ।

‘खो गए हम कहां’ में अपने किरदार के बारे में कुछ बताए?

‘खो गए हम कहां’ में मैंने नील परेरा का किरदार निभाया है, जो एक जिम ट्रेनर है और अपना खुद का फिटनेस सेंटर खोलने का सपना देखता है। नील फिटनेस को लेकर जुनूनी है और एक ऐसी जगह बनाना चाहता है जहां लोग हेल्थ गोल्स हासिल कर सकें। नील के लिए उसकी जिंदगी में दो चीज़ें बहुत मायने रखती हैं फिटनेस और दोस्ती। जहां फिटनेस मेरा जुनून और पेशेवर लक्ष्य है, वहीं दोस्ती मेरी प्रेरणा शक्ति है। उसके सफर में दोस्ती एक खास भूमिका निभाती है, जो उसे अपने सपने सच करने की चुनौतियों से निपटने में मदद करती है। ये रिश्ते इस बात पर रोशनी डालते हैं कि व्यक्तिगत विकास और पेशेवर सफलता में दोस्त कितने ज़रूरी हैं।

आप व्यक्तिगत स्तर पर अपने किरदार में फिटनेस के प्रति जुनून से कैसे जुड़े?

मैं हेल्दी लाइफ़स्टाइल बनाए रखने में अपनी दिलचस्पी के ज़रिए अपने किरदार से जुड़ा। फिटनेस हमेशा से मेरी ज़िंदगी का हिस्सा रहा है, और इस व्यक्तिगत जुड़ाव ने मेरे लिए अपने किरदार के समर्पण और उत्साह को दर्शाना आसान बना दिया। मैंने अपने अनुभव और अनुशासन का इस्तेमाल करके इस रोल में सच्चाई लाई और फिटनेस हासिल करने के लिए जरूरी प्रतिबद्धता को समझा।

इस किरदार की उम्मीदों ने आपकी प्रदर्शन पर क्या असर किया?

नील परेरा की उम्मीदों और आकांक्षाओं का मेरी परफॉर्मेंस पर बड़ा असर पड़ा। अपना खुद का जिम खोलने के सपने से मुझे एक बड़ी प्रेरणा मिली, जिसे मैंने अपने प्रदर्शन में शामिल कर लिया। मैंने उसके पक्के इरादों और उसके सामने आने वाली मुश्किलों पर ध्यान केंद्रित किया, जिसने मेरे प्रदर्शन में गहराई ला दी। नील के जुनून और उसके त्याग को समझने से मुझे उसके सफर को सच्चाई से दिखाने और दर्शकों के दिलों से जुड़ने में मदद मिली।

आपके किरदार में निजी ज़िंदगी का कौन-सा पहलू उजागर करना सबसे जरूरी था?

नील परेरा की निजी जिंदगी का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह था कि वो अपनी पेशेवर महत्वाकांक्षाओं और निजी रिश्तों के बीच संतुलन बनाने की जद्दोजहद से जूझ रहा है। अपना खुद का जिम खोलने की अपनी लगन की खातिर उसे निजी तौर पर एक बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है, जिसमें परिवार और दोस्तों के साथ उसके रिश्ते तनावपूर्ण हो जाते हैं। यह तनाव जरूरी है क्योंकि यह अपने सपने पूरे करने के लिए नील के त्याग को दर्शाता है, उसके किरदार में गहराई लाता है और उसके सफर को और दिलचस्प बनाता है।

‘खो गए हम कहां’ का वर्ल्ड टेलीविजन प्रीमियर एंड पिक्चर्स पर हो रहा है, आप दर्शकों को अपने किरदार के 

माध्यम से क्या संदेश या सबक मिलने की उम्मीद करते हैं?

नील परेरा का सफर पक्के इरादों का पैगाम देता है और चुनौतियों के बावजूद अपने सपने पूरे करने की अहमियत बताता है। नील की कहानी जुनून को हकीकत में बदलने के लिए जरूरी लगन और इसके साथ अक्सर आने वाले व्यक्तिगत त्याग के बारे में है। मेरा मानना है कि यह कहानी दर्शकों को अपने लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्ध रहने और उन्हें हासिल करने के पीछे की कड़ी मेहनत को पहचानने के लिए प्रेरित करेगी। इसके अलावा, मैं इस बात को लेकर उत्साहित हूं कि दर्शक अब एंड पिक्चर्स पर ‘खो गए हम कहां’ के वर्ल्ड टेलीविजन प्रीमियर में इस कहानी का अनुभव करेंगे, जिसमें वो नील के सफर से जुड़ सकते हैं।

देखे अपने सपनों को जीने की कहानी ‘खो गए हम कहां’ का वर्ल्ड टेलीविजन प्रीमियर एंड पिक्चर्स पर 21 सितंबर, रात 9 बजे!

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