भारत में मजबूत हो रही है ईएसजी लीडरशिप

नई दिल्ली।पर्यावरण के अनुकूल बनने के लिए परिवर्तन करने के बढ़ते दबाव के तहत, पोर्ट अथॉरिटीज़ अब कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए प्रभावी समाधानों की तलाश कर रही हैं। वैकल्पिक ईंधन, नई टेक्नोलॉजी और स्ट्रेटेजी, पोर्ट के लिए कम कार्बन पैटर्न का रास्ता हो सकता है। पोर्ट में रिन्यूएबल और क्लीन एनर्जी में वर्तमान स्थिति और विशेषताओं का विश्लेषण किया जा रहा है। 

इसके अतिरिक्त, पोर्ट में माइक्रोग्रिड, कार्बन कैप्चर और दूसरे टेक्नोलॉजी ऑपरेशंस के कार्बन उत्सर्जन में कमी के असर की जाँच की जाती है, साथ ही पोर्ट द्वारा अपनाई जा सकने वाली उत्सर्जन में कमी के अनुकूल रणनीतियों का मूल्यांकन किया जाता है। ब्लूमबर्गएनईएफ के अनुसार, वर्ष 2024 में कैलिफोर्निया की कार्बन वैल्यू औसतन 42 डॉलर प्रति मीट्रिक टन और वर्ष 2025 में 46 डॉलर प्रति टन रहने की उम्मीद है। यह दशक के अंत तक 93 डॉलर प्रति टन तक पहुँच सकता है। 

इस बीच, यूरोपीय संघ में कार्बन की कीमतें इस साल औसतन 71 यूरो प्रति टन (76 डॉलर प्रति टन) रहने का अनुमान है, जो वर्ष 2023 में 85 यूरो प्रति टन से कम है। फिर ब्लूमबर्ग एनईएफ ने अनुमान लगाया कि ब्लॉक की कीमतें वर्ष 2030 में 149 यूरो प्रति टन की तक बढ़ेंगी। 

कार्बन बाजार निवेशकों को एक ऐसे उपकरण तक पहुँच प्रदान करते हैं, जो कम कार्बन टेक्नोलॉजी के सेट को ट्रैक करता है। वे हाई इंटरेस्ट रेट और इन्फेक्शन से अपने रिटर्न को बचाने के निवेशकों को भी आकर्षित कर सकते हैं।

अदाणी पोर्ट ने अपनी ईएसजी लीडरशिप को किया मजबूत

अदाणी पोर्ट को जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए और ईएसजी सिसस्टम लागू करने के ल‍िए मान्यता दी गई है। सस्टेनेलिटिक्स ने एपीएसईजेड को 11.3 का स्कोर दिया, जिससे कंपनी लो रिस्क कैटेगरी में शामिल हुई। एपीएसईजेड ने 95% स्कोर हासिल किया और पोर्ट सेक्टर में लो कार्बन ट्रांजिशन रेटिंग में शीर्ष रैंक वाली कंपनी के रूप में अपना स्थान बरकरार रखा। अदाणी पोर्ट को जलवायु परिवर्तन से निपटने और अपनी आपूर्ति श्रृंखला में एक मजबूत कार्यक्रम लागू करने के प्रयासों के लिए सीडीपी द्वारा सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार 'भारत में जलवायु कार्रवाई- व्यवसायों और आपूर्ति श्रृंखला की भूमिका' समारोह में फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) द्वारा सह-आयोजित कार्यक्रम में प्रस्तुत किया गया। सीडीपी ने एपीएसईजेड को जलवायु परिवर्तन और आपूर्तिकर्ता जुड़ाव में नेतृत्व बैंड 'ए-' प्रदान किया है।

क्या होता है ग्रीन पोर्ट?

ग्रीन पोर्ट पहल, पॉलिसी और मैनेजमेंट लेवल का एक समूह है, जो शिपिंग बिजनेस के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने और उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बने रहने में मदद करता है। इसे विशेष रूप से वायु और जल प्रदूषण को कम करने, ध्वनि प्रदूषण व ऊर्जा खपत से निपटने और वेस्ट मैनेजमेंट में सुधार करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। ग्रीन पोर्ट के फायदे की बात करें, तो इसमें ऊर्जा दक्षता, उत्सर्जन में कमी, कम वेस्ट और पर्यावरण प्रबंधन शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, यह बेहतर दक्षता और लागत बचत के माध्यम से आर्थिक प्रदर्शन को मजबूत करता है। अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठनों ने कार्बन उत्सर्जन को कम करने और अधिक टिकाऊ शिपिंग सिस्टम को विकसित करने के लिए शिपिंग बिजनेस में ग्रीन पोर्ट को प्रोत्साहित किया है। समुद्री उद्योग स्थिरता की दिशा में बढ़ने का प्रयास कर रहा है, इसलिए कई पोर्ट्स और शिपिंग लाइन्स पहले से ही स्वच्छ ईंधन स्रोत में निवेश कर चुके हैं। हालाँकि, नई जीरो-कार्बन टेक्नोलॉजी के साथ पोर्ट अपने कार्बन फूट प्रिंट को और कम करने के लिए हाइब्रिड टेक्नोलॉजी और हाइड्रोजन जैसे वैकल्पिक ईंधन की सक्रिय रूप से खोज कर रहे हैं।

No comments:

Post a Comment

Popular Posts