मातृभाषा से प्रेम ठीक पर अन्य भाषा के प्रति न हो दुराग्रह : जस्टिस कृष्ण पहल

- धूमधाम से मना अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद का स्थापना दिवस
क्रासर- अधिवक्ता परिषद काशी उच्च न्यायालय इकाई प्रयागराज ने किया आयोजन
मेरठ/प्रयागराज। अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद के स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि जस्टिस कृष्ण पहल ने अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि अपनी मातृभाषा से प्रेम करना चाहिए अन्य भाषा के प्रति दुराग्रह नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसी भी न्यायालय में हिंदी में वाद पत्र तैयार करने एवं अपना पक्ष न्यायालय के समक्ष रखने में कोई विधिक बाधा नहीं है। हमें प्रयास करना चाहिए कि हम अपनी मातृभाषा का अधिकाधिक प्रयोग करें एवं न्यायालय में भी अपने बात को  भी मातृभाषा में रखें।
जस्टिस पहल ने अधिवक्ता परिषद के समाज में महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा की बार काउंसिल एवं बार एसोसिएशन अधिवक्ता हितों के बारे में चिंता करने के लिए हैं परंतु अधिवक्ता परिषद को समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को न्याय दिलाने हेतु गठित किया गया है। अधिवक्ता परिषद युवा अधिवक्ताओं के प्रशिक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है।
कानून निर्माण प्रक्रिया पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा की निर्माण के पूर्व विस्तृत चर्चा होनी चाहिए और अधिवक्ताओं को इसमें अति सक्रिय भूमिका अदा करनी चाहिए। अपने उद्बोधन में आगे उन्होंने कई विधियों में आने वाली विसंगतियां को उद्धृत किया एवं एवं अधिवक्ताओं को विभिन्न विषयों का अध्ययन करने एवं तर्कशीलता बढ़ाने का सुझाव दिया। सिंहासन बत्तीसी का उदाहरण देते हुए उन्होंने भारत में न्याय की परिकल्पना की विस्तृत व्याख्या की।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि महेश चन्द्र चतुर्वेदी अपर महाधिवक्ता उत्तर प्रदेश ने  अधिवक्ता परिषद को निरंतर ऐसे आयोजन करने का सुझाव दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता राधाकांत ओझा ने  सभागार में उपस्थित अधिवक्ताओं को धन्यवाद देते हुए माननीय न्यायमूर्ति द्वारा कही गई बातों का अक्षरश: अनुसरण करने का आह्वान किया ।
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के लाइब्रेरी हाल में आयोजित इस कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति कृष्ण पहल, विशिष्ट अतिथि महेश चंद्र चतुर्वेदी एवं अध्यक्ष राधाकांत ओझा ने दीप प्रज्वलित करके किया।
समारोह का संचालन अभिनव गौर एवं विषय की प्रस्तावना सौमित्र द्विवेदी ने रखी। कार्यक्रम में मुख्य स्थाई अधिवक्ता द्वितीय डा. राजेश्वर त्रिपाठी, अधिवक्ता परिषद काशी के महामंत्री नीरज सिंह, उपाध्यक्ष नरेश चंद्र त्रिपाठी, वरुण सिंह, प्रियंका शर्मा, सुचिता त्रिपाठी, वत्सला उपाध्याय, शशि, प्रभूति कांत त्रिपाठी, विनायक रंजन पांडे , नागेंद्र कुमार पांडे समेत सैकड़ों अधिवक्ताओं ने सहभागिता की राष्ट्रगान के उपरांत कार्यक्रम का समापन हुआ।

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