मेरठ कॉलेज के इतिहास विभाग में हुआ सात दिवसीय ब्रिज कोर्स का समापन
यूनिवर्सिटी टॉपर ग्रेसी शर्मा ने दिए छात्रों को सफलता के टिप्स
मेरठ। सोमवार को मेरठ कॉलेज के रामकुमार गुप्ता सभागार में इतिहास विभाग में चल रहे सात दिवसीय ब्रिज कोर्स का समापन हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता आंतरिक गुणवत्ता सुनिश्चयन सेल की समन्वयक प्रोफेसर अर्चना सिंह ने की। कार्यक्रम के प्रारंभ में इतिहास विभाग की अध्यक्ष डॉक्टर अर्चना ने पुष्प गुच्छ देकर प्रोफेसर अर्चना सिंह का
स्वागत किया और मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित करके विधिवत कार्यक्रम का उद्घाटन हुआ। डॉ अर्चना सिंह ने विद्यार्थियों से अपील की कि वो मोबाइल और इंटरनेट की दुनिया में ज्यादा अपना समय बर्बाद ना करें बल्कि टाइम मैनेजमेंट सीखें जिससे मनोरंजन भी हो सके और जीवन में सफलता भी प्राप्त हो। प्रोफेसर अर्चना सिंह ने अपने छात्र जीवन के संस्मरण सुनाते हुए छात्र-छात्राओं को निर्देशित किया कि वह दैनिक डायरी लिखने की आदत डालें ताकि उन्हें अपने रोजमर्रा की जीवन चर्या का आत्म अवलोकन करने का अवसर मिले और उन्हें पता लगे कि उनका कितना समय कहां खर्च होता है। उन्होंने कार्यक्रम में प्रतिभाग करने वाले छात्र-छात्राओं को ई सर्टिफिकेट भी वितरित किए। कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉक्टर चंद्रशेखर भारद्वाज ने छात्र-छात्राओं को कवि दिनकर की निम्न पंक्तियां सुनाकर कर उनका उत्साहवर्धन किया।
माना अगम अगाध सिंधु है, संघर्षों की पार नहीं।
किंतु हारना मझधारों में, साहस को स्वीकार नहीं।
प्रोफेसर चंद्रशेखर भारद्वाज ने छात्रों का आह्वान किया कि उन्हें चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की इतिहास की टॉपर ग्रेसी शर्मा से सीख लेने की आवश्यकता है। उन्होंने सभागार में बैठे इतिहास विभाग के शोध छात्र राजीव रंजन पांडे का परिचय सबसे करवाया और उन्हें सूचना दी की राजीव रंजन का चयन यूनियन पब्लिक सर्विस कमिशन नई दिल्ली द्वारा 2024 में ही असिस्टेंट कमिश्नर प्रोविडेंट फंड के रूप में किया गया है। प्रोफेसर अर्चना सिंह, डॉ अर्चना एवं डॉ चंद्रशेखर ने राजीव रंजन पांडे को सम्मान प्रतीक देकर उन्हें भावी जीवन के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं।
राजीव रंजन पांडे ने अपने संबोधन में छात्रों को प्रेरित किया कि वह किस प्रकार से कंपटीशन परीक्षाओं की तैयारी करें। यूनिवर्सिटी की टॉपर ग्रेसी शर्मा ने भी छात्र-छात्राओं को किस प्रकार पढ़ाई करें और परीक्षा में किस प्रकार अपने उत्तर लिखें इसके टिप्स साझा किए। कार्यक्रम के अंत में विभाग की अध्यक्ष डॉक्टर अर्चना ने कार्यक्रम के कुशल संचालन के लिए चंद्रशेखर भारद्वाज एवं कार्यक्रम में पधारने के लिए प्रोफेसर अर्चना सिंह का धन्यवाद ज्ञापित किया। साथ ही उन्होंने इस सात दिवसीय कोर्स की एक रिपोर्ट भी प्रस्तुत की। जिसमें बताया गया की इन सात दिनों में छात्रों को महाविद्यालय के प्रशासनिक ढांचे की जानकारी, विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली की जानकारी, छात्रों के व्यक्तित्व विकास एवं सॉफ्ट स्किल सूचना तकनीक के सही उपयोग की जानकारी, मानसिक स्वास्थ्य एवं युवा समस्याएं एवं उनका समाधान की जानकारी और नई परीक्षा प्रणाली एवं रोजगार के अवसरों की जानकारी भी प्रदान की गई। कार्यक्रम को सफल बनाने में विपिन कुमार, अर्चित बंसल, शिव वर्धन, कोसेंद्र, अल्केश कुमार, रोहित कश्यप, दीपक कुमार, अमित कुमार इत्यादि का विशेष सहयोग रहा।
No comments:
Post a Comment