मेरठ में फ्लैट के नाम पर ठगे 636 करोड़, शारदा एक्सपोर्ट ने विदेश में जमाया कारोबार

मेरठ। नोएडा में हैसिंडा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के लोटस-300 प्रोजेक्ट में 330 फ्लैट बनाने के लिए निवेशकों से 636 करोड़ रुपये जुटाए गए थे। आरोप है कि कंपनी ने लोगों को फ्लैट देने के बजाय प्रोजेक्ट की सात एकड़ भूमि दूसरे बिल्डर को बेच दी।

इसके बाद निवेशकों ने दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा में कंपनी और निदेशकों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कराए थे। मामले में नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों की भूमिका पर भी तमाम सवाल उठे थे। मंगलवार देर रात तक कंपनी के मालिकों के साकेत स्थित बंगला-192ए पर जांच जारी रही। रिठानी के ऑफिस व गगोल रोड की फैक्टरी में भी ईडी ने जांच की।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मार्च 2024 में कहा था कि यह ठगी का एक क्लासिक मामला है। प्रमोटरों को बिना किसी राशि के निवेश के बड़ी मात्रा में जमीन आवंटित की गई, एक परियोजना शुरू की गई और घर खरीदारों से 636 करोड़ रुपये एकत्र किए गए। जिसमें से वह फिर से लगभग 190 करोड़ रुपये का गबन किया। फिर जमीन का एक हिस्सा तीसरी कंपनी को बेच दिया। नोएडा प्राधिकरण को भूमि की लागत का मामूली भुगतान करते हैं।

पिता प्रधानमंत्री के नवरत्नों में रहे शामिल: आदित्य गुप्ता और आशीष गुप्ता के पिता जितेंद्र गुप्ता स्वच्छ भारत अभियान समिति के सदस्य हैं। जितेंद्र गुप्ता 2014 में प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान में 9 रत्नों में शामिल थे।

इन्होंने मेरठ के ग्रामीण इलाकों में 4 हजार से ज्यादा शौचालय निशुल्क अपने पैसों से बनवाए हैं। केंद्र सरकार के लिए लगभग एक करोड़ रुपये खर्च किए हैं। साथ ही 20 से ज्यादा आरओ प्लांट गांवों में लगवाए हैं।

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