एनजीटी ने मेरठ नगर निगम पर लगाया 5 करोड़ रूपये का जुर्माना
कूढ़ा निस्तारण में फेल हुआ नगर निगम ,15 दिन में करना होगा जुर्माने का अदा
मेरठ। मेरठ नगर निगम पर उत्तर प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने 5 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। मेरठ नगर निगम एनजीटी के आदेशों के बाद भी कूड़े के निस्तारण में विफल है। इसके चलते यूपीपीसीबी ने ये कदम उठाया है। आरोप है कि निगम की ओर से कूड़े का निस्तारण सही तरीके से नहीं किए जाने से पर्यावरण को क्षति पहुंची। इस आधार पर पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति के तहत पांच करोड़ का जुर्माना लगाया है। निगम को 15 दिन में जुर्माना अदा करने और साक्ष्य उपलब्ध कराने को कहा है।
जुर्माने की धनराशि 15 दिनों के भीतर जमा करनी होगी। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में हुई सुनवाई के दौरान बोर्ड ने कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत की। यदि निगम जुर्माना राशि नहीं जमा करता है तो आरसी जारी कर वसूली की जाएगी। सामाजिक कार्यकर्ता लोकेश खुराना ने एनजीटी में याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि नगर निगम की ओर से कूड़े का सही निस्तारण नहीं कराया जा रहा है। इससे पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है। इस याचिका को लेकर एनजीटी ने विशेषज्ञों की टीम से मुआयना कराया था। टीम ने भी निगम पर लापरवाही के आरोप लगाए। एनजीटी में रिपोर्ट दाखिल की।उधर, एनजीटी ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को कार्रवाई का निर्देश दिया था। इस आधार पर तीन जुलाई 2024 को पहले जुर्माने का नोटिस दिया गया था। अब उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एक अप्रैल 2020 से एक मई 24 तक 50 माह में कूड़े का सही निस्तारण न करने पर 10 लाख रुपये प्रति माह के हिसाब से पांच करोड़ का जुर्माना लगाया है।
एक सप्ताह में एनजीटी को बताएं स्थिति
यूपीपीसीबी ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में हुई सुनवाई के दौरान बोर्ड ने कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत की। सुनवाई कर रहे दो जजों व एक विशेषज्ञ सदस्य की बेंच ने नगर निगम अधिकारियों को प्रतिदिन उत्सर्जित ताजे और पहले से डंप कूड़े के निस्तारण पर एक सप्ताह में स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। अगली सुनवाई दिसंबर में होगी।
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