मेरठ एसटीएफ ने जीडीएस भर्ती में फर्जी सर्टिफिकेट के माध्यम से भर्ती कराने वाले गिरोह के 13 सदस्य गिरफ्तार
डाकअधीक्षक से लेकर ड्राइवर तक सब गोरखधंधे में थे शामिल
मेरठ। मेरठ एसटीएफ की टीम ने पूरे देश में चल रही ग्रामीण डाक सेवक (जीडीएस) की भर्ती में फर्जी सर्टिफिकेट के माध्यम से भर्ती कराने वाले गैंग के 13 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। गैंग के मेंबर डाक अधीक्षक अलीगढ़ से सेटिंग करके इस फर्जीवाड़े को अंजाम देते थे। फर्जीवाड़े में डाक अधीक्षक के साथ उसका ड्राइवर भी मुख्य भूमिका निभा रहा था। कैंडिडेट के फिजिकल डाक्यूमेंट वेरीफिकेशन के समय एसटीएफ ने सभी को दबोच लिया। ये भर्ती पूरे देश में 45 हजार पदों पर हो रही है। यूपी में पांच हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है।
एसटीएफ के एसपी बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि डाक विभाग में जीडीएस भर्ती का नोटिफिकेशन 15 जुलाई 2024 को आया था। भर्ती की मेरिट लिस्ट 23 अगस्त 2024 जारी हो गई। गैंग के सदस्य फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर कैंडीडेट की नौकरी लगवाते थे। डाक अधीक्षक संजय कुमार सिंह को भी आरोपी बनाया गया है।
बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि गैंग को अमरोहा का साजिद और हापुड़ का साकिब ऑपरेट कर रहा था। साजिद अली फर्जी तरीके से कागजात तैयार करता था। वह उन्हें ऑनलाइन डाटा में चढ़वाता था। साकिब कैंडिडेट लेकर आता था। इस पूरे घोटाले में मैनपुरी डाक अधीक्षक का ड्राइवर विकल यादव विभाग में सेटिंग कराता था। साजिद 2023 में डाक अधीक्षक रहे देवेंद्र कुमार वर्तमान में सीपीएम झांसी के पास आता जाता था। विकल से उसकी मुलाकात तभी हुई थी। वर्तमान में विकल अलीगढ़ में नियुक्त डाक अधीक्षक संजय कुमार सिंह की भी गाड़ी चला रहा था।
गैंग के मेंबर साजिद ने विकल को बताया कि ग्रामीण डाक सेवक की भर्ती का डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन आने वाला है। विकल ने साजिद से डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए एक लाख प्रति कैंडिडेट में बात तय की। विकल ने ये बात डाक अधीक्षक संजय कुमार सिंह को बताई तो वह डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन करने के लिए तैयार हो गया। जिनमें से इन्होंने कुछ कैंडिडेट का प्रथम स्तर का वेरिफिकेशन करा दिया था और अब दूसरे स्तर का वेरिफिकेशन की प्रक्रिया चल रही है ।एसपी बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि प्रत्येक अभ्यर्थी से चार लाख रुपये में बात तय हुई थी। आरोपियों से अभी पूछताछ की जा रही है। कौन-कौन लोग गैंग में शामिल हैं, इसकी जानकारी की जा रही है।आराेपियों के पास से कई राज्यों के फर्जी प्रमाण पत्र बरामद हुए हैं। जिनमें 18 फर्जी मार्कशीट (बिहार मुक्त विद्यालयी शिक्षण एवं परीक्षा बोर्ड पटना) की हैं। 1 मार्कशीट फर्जी द वेस्ट बंगाल कौंसिल ऑफ रविंद्र ओपन स्कूलिंग की है।इसके अलावा अभियुक्त साजिद के मोबाइल में सुभारती यूनिवर्सिटी मेरठ, राजस्थान विद्यापीठ यूनिवर्सिटी, बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड पटना व द वेस्ट बंगाल कौंसिल ऑफ़ रविंद्र ओपन स्कूलिंग की मार्कशीट की सॉफ्ट कॉपी भी बरामद हुई हैं। इनका इस्तेमाल प्रिंट करके फर्जी तरीके से भर्ती परीक्षा के लिए किया जाता था।
इनकी हुई गिरफ्तारी
.साजिद अली निवासी धारावसी अमरोहा, मुख्य सरगना,साकिब सिमरावली जनपद हापुड़,वीकल यादव निवासी भानपुरा फिरोजाबाद ड्राइवर डाक विभाग वर्तमान तैनाती मैनपुरी, अभिषेक चौधरी निवासी गंगोड़ा जट थाना हल्दौर बिजनौर,सुमित चौधरी निवास ए बहापुर बिजनौर,प्रनफुल चौधरी निवासी गंगोड़ागढ़ बिजनौर,हेमंत कुमार निवासी ग्राम मिर्जापुर महेश बिजनौर,अहम मिश्रा निवासी ग्राम मदार गेट मैनपुरी, प्रशांत कुमार निवासी ग्राम बहजोई देहात संभल, गौरव चौधरी निवासी ग्राम बांकपुर बिजनौर, हासिम निवासी ग्राम अकराबाद अलीगढ़,आसिफ निवासी डासना गाजियाबाद,मोहम्मद सोहेल , निवासी बहजोई संभल शामिल है।
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