सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में मेरठ में जोरदार प्रदर्शन
राजनीतिक दलों व समेत दलित सामाजिक संगठनों ने किया जोरदार प्रदर्शन
मेरठ। उप जातियों में आरक्षण में कोटा दिए जाने के मामले में मेरठ में भारत बंद का आहवान किया गया। मेरठ में बसपा, सपा असपा व सामाजिक सगंठनों नें जोरदार प्रदर्शन करते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जमकर विरोध करते हुए फैसला वापस लेने का अधिकारियों के माध्यम से ज्ञापन सौंपा । इस दौरान मेरठ कचहरी परिसर व मंडलयुक्त कार्यालय को पूरी तरह छावनी में तब्दील कर दिया गया। इसके अतिरिक्त जिले के मुख्य चौराहों पर भारी पुलिस पुलिस बल तैनात रहा।
भारत बंद को लेकर सुबह से ही पूरे जिले में सुरक्षा के कड़े प्रबंध पुलिस की तरफ से किए गए थे। मेरठ के सभी मुख्य चौराहों पर पुलिस और आरएएफ की डयूटी लगाई गई थी। पूर्व विधायक योगेश वर्मा के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी ने बंद को समर्थन दिया और कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा।आरक्षण के मामले पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को लेकर अनुसूचित जाति व जनजाति संगठनों में रोष है। सपा, बसपा, भीम आर्मी, आजाद समाज पार्टी, बहुजन एकता संघर्ष समिति आदि संगठनों ने आज प्रदर्शन कर अपनी नाराजगी जताई है।विभिन्न संगठनों के भारत बंद के आह्वान का इन संगठनों ने समर्थन किया है।
पूर्व विधायक योगेश वर्मा ने कहा भाजपा सुप्रीम कोर्ट की आढ़ में आरक्षण में वर्गीकरण करना चाहती है। भाजपा के मंसूबों को किसी हाल में पूरा नहीं होने दिया जाएगा। भाजपा की सरकार दलित विरोधी है। संविधान निर्माता डा भीम राव अंबेडकर ने आरक्षण में दलितों के हितों के लिए आरक्षण दिया था। उसे भाजपा सरकार कोर्ट के माध्यम से छिनना चाहती है।जो कभी पूरी नहीं होगा। उन्होंने आज पूरा दलित समाज सड़कों पर दिखाई दे रहा है।
बसपा के पूर्व सांसद मुनकाद अली ने बताया एससी एसटी के आरक्षण में वर्गीकरण का विरोध पार्टी सुप्रीमों बहन मायावती विरोध कर चुकी है। उनके निर्देश पर बसपा की ओर से शांति पूर्वक भारत बंद का ऐलान किया गया है। इस सबंध में पार्टी की ओर से डीएम के मामध्य से सुप्रीम कोर्ट से कोर्ट को अपना फैसला बदलने का आहवान किया गया है।
भीम आर्मी के छात्र सभा के पश्मिमी उत्तर प्रदेश प्रभारी शान मौहम्मद ने कहा एक अगस्त 2024 को सुप्रीम काेर्ट द्वारा क्रीमीलेयर कानून के तहत केन्द्र सरकार के लिए जवाब तलब किया गया है।कोर्ट ने जो आदेश दिया है। एससी व एसटी की उप जातियों को भी वर्गीकरण किया जा रहा है। समस्या आ रही है। जिस समय संविधान में अनुच्छेद 340 में 15/4 16/4 आर्थिक स्थिति को देखते हुए जिस समय एससी व एसटी को आरक्षण दिया गया था उस समय यह कहा गया था। कि वर्गाे के आधार पर आरक्षण दिया जाएगा। आज सुप्रीम कोर्ट ने इसे पलटते हुए उप जातियों में बांट दिया गया है। तो की पूरी तरह निराधार है। संविधान के खिलाफ है। उन्होंने भाजपा के ऊपर हमला करते हुए कहा भाजपा सुप्रीम कोर्ट के आढ़ में घिनौना काम कर रहे है। उसके सबक सिखाया जाएगा। प्रर्दशन में दलित सामाजिक संगठनों व अधिवक्ताओं ने कोर्ट के फैसले का विरोध करते हुए प्रदर्शन करते हुए प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा ।
एक तरफ सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दलित समाज के लोग प्रदर्शन कर रहे थे वही दूसरी ओर वालमीकि समाज लोग कोर्ट के पक्ष में कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन कर रहे थे। विनेश मनोठिया, कैलाश चंदौला के नेतृत्व में वाल्मीकि समाज के सैकडों लोग प्रदर्शन करते हए कलेक्ट्रेट पहुंचे। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया। विनेश मनोठिया व कैलाश चंदोला ने कहा कि प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2018 में अति दलित को भी आरक्षण दिलाने की जो घोषणा की थी। उन्हीं के प्रयासों से परिणाम स्वरूप सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण में वर्गीकरण किया है। इस फैसले को हरियाणा व तेलंगाना लागू करने का फैसला किया है। वहीं प्रदेश में भी इसे लागू करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा के जो क्रीमीलेयर दलित आज वंचित उपजातियों के आरक्षण का विरोध कर रहे है। उन्होंने ही सामान्य वर्ग के दस प्रतिशत आरक्षण का विरोध किया था ओर आज भी लिटरली पद्धति से सामन्य वर्ग के बनाए गये करीब 390 आईएएस अधिकारियों का विरोध भी कर रहे है। उन्होंने भारत बंद के फैसले का विरोध जताया । इस मौके पर टीसी मनोठिया, दिनेश सूद, सुरेन्द्र ढीगियां,विनेश विद्यार्थी ,दीपक मनोठिया मोनिदर सूद, आदि मौजूद रहे।
लखनऊ से घनघनाते रहे फोन
भारत बंद हो देखते हुए मेरठ समेत पूरे मंडल में कडी सुरक्षा के इंतजाम पुलिस प्रशासन की ओर से किए गये थे। वही शासन से हर घंटे में मंडल के जिलों के प्रदर्शन की जानकारी ली जा रही थी। सबसे अच्छी बात यह रही। मेरठ मंडल के सभी जिलो में शांति पूर्व भारत बंद रहा।
दलित इलाकों में बंद रहे बाजार
उप जातियों में आरक्षण में कोटा दिए जाने के मामले में आज मेरठ में भारत बंद का आहवान का असर मेरठ में मिला जुला रहा। जहां पर बाजार पूरी तरह खुले वही दलित बाहुल इलाकों में बाजार पूरी तरह बंद रहे । भारत बंद को देखते हुए दलित इलाको में हंगामे को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया।
शांत पूर्वक रहा भारत बंद
जिलाधिकारी दीपक मीणा ने बताया भारत बंद जिले में पूरी तरह शांति पूर्वक रहा। कही पर कोई घटना प्रकाश में नहीं आयी है। प्रदर्शन करने वालों से ज्ञापन लेकर आगे भेजे जा रहे है।
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