त्वरित उपचार की पहल
 इलमा अजीम 
देश में सड़़क हादसों की संख्या साल-दर-साल लगातार बढ़ती ही जा रही है। इसके साथ ही तमाम प्रयासों के बावजूद हादसों में होने वाली मौतों के आंकड़े भी कम होने का नाम नहीं ले रहे। वजह भी साफ है कि हादसों में घायल होने वालों का त्वरित उपचार उपलब्ध ही नहीं हो पाता। कई मामलों में महंगा उपचार भी घायलों व उनके परिजनों के लिए भारी पड़ जाता है। चिंताजनक तस्वीर यह है कि हमारे देश में हर साल साढ़े चार लाख से ज्यादा सड़क दुर्घटनाओं में करीब पौने दो लाख लोगों की असमय मौत हो रही है। घायलों की संख्या करीब पौने पांच लाख है। दुर्घटनाओं का आंकड़ा भी दस से पन्द्रह फीसदी तक हर साल बढ़ जा रहा है। उपचार में देरी के कारण घायलों की मौत होना आम बात है। इस मुद्दे को सरकार ने गंभीरता से लिया है। किसी घायल की जान को बचाने के यथासंभव प्रयास हों, इस इरादे से आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत घायलों के कैशलेस उपचार की योजना का स्वागत किया जाना चाहिए। इसमें घायल का इलाज करने पर अस्पताल को डेढ़ लाख रुपए तक का भुगतान मिलेगा। भुगतान सुनिश्चित होने के कारण कोई अस्पताल इलाज में आनाकानी नहीं करेगा, जिससे मरीज की जान नहीं जाएगी। त्वरित इलाज के इस मरहम को अभी पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर ही लागू किया रहा है। इसलिए देश भर में घायलों को राहत कब तक मिल पाएगी, यह निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता। यह बात लगातार सामने आती रही है कि हादसों में घायलों के उपचार का पैसा अटक नहीं जाए, इसलिए भी कई अस्पताल उपचार में कन्नी काटते हैं। इसलिए यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि उपचार के बाद अस्पताल को भुगतान करने में देरी न हो। सड़क हादसों में घायल होने वालों के उपचार के लिए बनाई गई यह योजना लागू करने के साथ-साथ उन कारणों पर भी विचार करना होगा, जिनकी वजह से सड़क हादसों में मरने वाले व घायलों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। चिंता इस बात पर भी करनी होगी कि बड़ी संख्या में फ्लाईओवर, ब्रिज और व अंडर पास बनने के बावजूद सड़क दुर्घटनाओं का आंकड़ा लगातार क्यों बढ़ रहा है? हमारी सड़कें आखिर सुरक्षित क्यों नहीं है? खराब सड़कों के साथ-साथ यातायात नियमों का उल्लंघन भी हादसों का बड़ा कारण है। सख्त कानून तो बने हैं लेकिन नशे में वाहन चलाने वालों की धरपकड़ में ढिलाई भी कम नहीं दिखती। देश को दुर्घटना शून्य बनाने जैसे बड़े लक्ष्य लेकर काम करना होगा। काम मुश्किल जरूर है लेकिन असंभव नहीं।

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