फाइनल में पहुंचने से चूकी टीम इंडिया
अब ब्रॉन्ज मेडल के लिए स्पेन से होगी टक्कर,गोल्ड के लिए चार साल इंतजार करना होगा
पेरिस , एजेंसी। मंगलवार व बुधवार की रात को पेरिस में चल रहे ओलंपिक खेल में हाॅकी में भारतीय हॉकी टीम को सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा है। इसके साथ ही टीम इंडिया का 44 साल बाद फाइनल में पहुंचने का सपना भी टूट गया। रोमांचक सेमीफाइनल मैच में जर्मनी ने भारत को 3-2 से हरा दिया और इसके साथ ही फाइनल में जगह बना ली। वहीं टीम इंडिया को एक बार फिर गोल्ड मेडल जीतने के लिए इंतजार करना होगा। टीम इंडिया अब ब्रॉन्ज मेडल के लिए दावा ठोकेगी, जहां 8 अगस्त को उसका सामना स्पेन से होगा। वहीं गोल्ड मेडल मैच के लिए जर्मनी की टक्कर नीदरलैंड से होगी।
ऑस्ट्रेलिया और ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ लगातार 2 बड़े और कड़े संघर्ष वाले मुकाबलों में जीत दर्ज करते हुए सेमीफाइनल में जगह बनाने वाली भारतीय टीम के हौसले बुलंद थ। टीम इंडिया ने इन्हीं बुलंद हौसलों को मैदान पर उतारते हुए तेज शुरुआत की और तीसरे मिनट में ही एक पेनल्टी कॉर्नर हासिल कर लिया था। हालांकि, इसमें गोल नहीं हो सका। फिर सातवें-आठवें मिनट के बीच भारत को लगातार 3 पेनल्टी कॉर्नर मिले और तीसरे में कप्तान हरमनप्रीत ने तूफानी ड्रैग फ्लिक से गोल दागकर टीम इंडिया को बढ़त दिलाई। यहां से टीम इंडिया ने कुछ और कोशिशें की लेकिन जर्मनी ने उसे रोक दिया।फिर दूसरे क्वार्टर में जर्मनी ने जोरदार आगाज किया और 18वें मिनट में गोंजालो पीलाट ने फील्ड गोल करते हुए टीम को बराबरी पर ले आए. जर्मनी को बड़ी सफलता दूसरे क्वार्टर के अंत में मिली, जब भारतीय डिफेंडर जरमनप्रीत सिंह ने जर्मनी के खिलाड़ी को ‘डी’ के अंदर फाउल कर दिया।यहां पर जर्मनी को पेनल्टी स्ट्रोक मिल गया और उसने गोल करने में कोई गलती नहीं।तीसरे क्वार्टर में टीम इंडिया ने आते ही दबाव बनाना शुरू किया और इसका फायदा भी उसे मिला जब 38वें मिनट में कप्तान हरमनप्रीत सिंह के पेनल्टी कॉर्नर पर सुखजीत सिंह ने डिफ्लेक्शन से गोल दाग दिया और स्कोर को 2-2 से बराबर कर दिया। इस क्वार्टर में फिर कोई गोल नहीं हुआ। अब नजरें आखिरी क्वार्टर पर थीं और यहां जर्मनी ने अपना अटैक बढ़ाया। इसके चलते उसे कई पेनल्टी कॉर्नर भी मिले लेकिन गोलकीपर पीआर श्रीजेश समेत पूरी डिफेंस लाइन ने इसे नाकाम किया। हालांकि, फुल टाइम से 6 मिनट पहले जर्मनी ने लेफ्ट फ्लैंक से बेहतरीन मूव बनाया और गेंद को गोल में दागकर 3-2 की बढ़त ले ली। भारतीय टीम ने बचे हुए मिनटों में बहुत कोशिश की लेकिन 2 मिनट के अंदर उसके 2 शॉट गोल के बेहद करीब से निकल गए और टीम इंडिया ये मैच हार गई।
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