बुलंदशहर के डाकघर अधीक्षक ने खुद को मारी गोली
गत दिवस सीबीआई ने डाकघर पर छापा मारा था
बुलंदशहर। बुलंदशहर प्रधान डाकघर के अधीक्षक टीपी सिंह ने बुधवार सुबह अलीगढ़ में अपने घर पर खुद को गोली मार कर सुसाइड कर लिया। बताया जा रहा है कि भ्रष्टाचार के आरोप में सीबीआई ने गत दिवस डाकघर पर छापेमारी की थी। पुलिस को शक है कि वो इससे परेशान थे।
टीपी सिंह ने मरने से पहले एसएसपी अलीगढ़ को सुसाइड नोट भेजा। इसमें लिखा है कि मैंने 16 दिसंबर, 2021 को डाकघर अधीक्षक बुलंदशहर का कार्यभार ग्रहण किया। इसके बाद से मुझे प्रताड़ित किया जा रहा। प्रताड़ित करने वालों में सुरेश कुमार निवासी सैदपुर बुलंदशहर, मनोज तत्कालीन उप डाकपाल (वर्तमान में उप डाकपाल नारहट, ललितपुर), योगेंद्र सिंह पूर्व मेल ओवरसिपर, बनवारी लाल पूर्व मेल ओवरसिपर और उनके तीन बेटे अरुण, वरुण और टेकचंद शामिल हैं। आगे लिखा कि ये लोग मुझ पर अनियमित कामों का दबाव बना रहे थे। आए दिन धमकी देते हैं। सुरेश कुमार और उनकी पत्नी कार्यालय में हमला कर चुकी हैं। इससे तंग आकर सुसाइड कर रहा हूं। मेरी मौत के लिए यही लोग जिम्मेदार होंगे।
अलीगढ़ के रहने वाले थे टीपी सिंह
टीपी सिंह मूल रूप से अलीगढ़ जिले में गांव अकरावत के रहने वाले थे। बन्नादेवी के सुरक्षा विहार में रहते थे। इसी आवास पर इन्होंने सुसाइड किया। मरने से पहले ये सुसाइड नोट उन्होंने डाकघर बुलंदशहर के वॉट्सऐप ग्रुप पर भी डाला। इसके बाद कई लोगों ने ग्रुप में ही कॉल और मैसेज कर पूछा, लेकिन उनकी तरफ से कोई रिस्पॉन्स नहीं आया।
घटना के समय टीपी सिंह घर पर अकेले थे। परिवार के अन्य लोग त्योहार पर बाहर गए थे। सुरक्षा विहार में इनका अपना खुद का मकान है, जहां वो रहते थे। इन्होंने अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से गोली मारी है। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है।
सुसाइड के वक्त घर पर कोई नहीं था
तेजवीर के छोटे भाई प्रेम पाल सिंह ने बताया कि उनके बड़े भाई टीपी सिंह ने विभाग में लेटर वायरल किया। फिर ये लेटर मेरे पास पहुंचा। हम लोग घर आए तो अंदर से दरवाजा बंद था। किसी तरह अंदर घुसे तो खून से लथपथ शव पड़ा था। पास में उनकी रिवॉल्वर पड़ी थी। घर में कोई नहीं था। भाभी टीचर हैं तो वह भी स्कूल गई थीं। टीपी सिंह यहां बहुत कम आते थे। बुलंदशहर में ही रहते थे।
गौरतलब है कि सीबीआई गाजियाबाद की एंटी करप्शन यूनिट ने मंगलवार शाम को बुलंदशहर नगर के प्रधान डाकघर पर छापा मारा था। करीब 10 घंटे तक डॉक्यूमेंट्स की जांच की। डाक विभाग के कर्मचारियों पर रिश्वत लेकर बिल पास करने के आरोप थे। इसी सिलसिले में एक शिकायत सीबीआई के पास पहुंची थी। इसके बाद ये कार्रवाई हुई।
सीबीआई टीम ने पूरी रात डाकघर में दस्तावेज खंगाले और अधीक्षक समेत कर्मचारियों से लंबी पूछताछ की। बुधवार तड़के 4 बजे ही सीबीआई टीम लौटी थी। वो अपने साथ कुछ डॉक्यूमेंट्स लेकर भी गई थी। इसी बीच बुधवार सुबह 10 बजे के आसपास डाकघर अधीक्षक के सुसाइड करने की सूचना आ गई। जिन लोगों पर टीपी सिंह ने आरोप लगाए हैं, वे सभी फरार हैं।
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